प्रधानमंत्री श्री मोदी आज करेंगे प्रदेश के हितग्राहियों से वर्चुअल संवाद, मुख्यमंत्री श्री चौहान भोपाल से होंगे वर्चुअली शामिल
- जिला मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम एसएटीआई के कैलाश सत्यार्थी सभागृह में होगा
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी आजादी के अमृत महोत्सव में मंगलवार 31 मई 2022 को सुबह 10ः55 बजे से मध्यप्रदेश की विभिन्न चयनित योजनाओं के हितग्राहियों से शिमला (हिमाचल प्रदेश) से वर्चुअल संवाद करेंगे। राज्य, जिला और कृषि विज्ञान केंद्र स्तर के चयनित सभी हितग्राही इस राष्ट्रीय कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़ेंगे। इसके पूर्व कुशाभाऊ ठाकरे सभागार भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के चुनिंदा हितग्राहियों के साथ वर्चुअल संवाद करेंगे। कार्यक्रम में मंत्री, जन-प्रतिनिधि, मीडिया एवं चिन्हित योजनाओं के हितग्राही उपस्थित रहेंगे। जिला मुख्यालय पर एस ए टी आई के कैलाश सत्यार्थी सभागार में सुबह 9 बजे से प्रारंभ होगा। कार्यक्रम नगरीय निकायों में आम जनता के लिये लाइव माध्यम से उपलब्ध होगा। इसका सीधा प्रसारण दूरदर्शन, वेबकास्ट, इलेक्ट्रॉनिक चौनल और सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर किया जाएगा। कार्यक्रम में सहभागिता के लिये नागरिकों का प्री-रजिस्ट्रेशन भी किया जा रहा है। कार्यक्रम सुबह 9ः45 बजे से शुरू होकर 4 चरणों में सम्पन्न होगा। पहले चरण में 9ः45 से 10ः15 तक हितग्राही मूलक योजनाओं पर केन्द्रित फिल्मों का प्रदर्शन किया जायेगा। दूसरे चरण में 10ः15 से 10ः30 बजे तक चिन्हित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये हितग्राहियों, जन-प्रतिनिधियों और नागरिकों के बीच संवाद कर सुझाव प्राप्त किये जायेंगे। इन सुझावों को एक निर्धारित पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा। कार्यक्रम के तीसरे चरण में 10ः30 से 10ः50 बजे तक मुख्यमंत्री श्री चौहान राज्य स्तर पर जिलों के चुनिंदा हितग्राहियों के साथ संवाद करेंगे। कार्यक्रम के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 10ः55 बजे कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़ेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी राज्य, जिला और कृषि विज्ञान केन्द्र स्तर के कार्यक्रम में सम्मिलित प्रतिभागियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद करेंगे। संवाद में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण और शहरी), प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, पोषण अभियान, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण और शहरी), जल जीवन मिशन एवं अमृत योजना, प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना, वन नेशन-वन राशन कार्ड, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, आयुष्मान भारत, हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर, प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना और प्रधानमंत्री मुद्रा योजनाओं के हितग्राही शामिल होंगे। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की चिन्हित हितग्राही मूलक योजनाओं पर केंद्रित फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जाएगा। हर जिले में हितग्राहियों की सहभागिता के लिए संबंधित मंत्री को नामांकित किया जाएगा। सांसद, विधायक, स्थानीय जन-प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, समाज-सेवी संस्थाएँ, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजन और अन्य विशिष्टजनों को आमंत्रित किया गया है।
जनजागरूकता रैली का आयोजन आज
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत आज 31 मई 2022 को जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के निर्देशन में डॉक्टर राकेश कुमार सक्सेना जिला नोडल अधिकारी तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के समन्वय से जनरल नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर विदिशा से समय प्रातः नौ बजे एक जन जागरूकता रैली निकाली जावेगी रैली के पश्चात 10.30 से जनरल नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर के प्रथम तल पर राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया है उक्त कार्यशाला में तंबाकू के दुष्प्रभाव एवं तंबाकू सेवन न करने के लाभ एवं तंबाकू नियंत्रण के संबंध में बनाए गए शासन द्वारा नियम कानून के बारे में चर्चा की जावेगी।
त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2022 पहले दिन जिला पंचायत सदस्य एवं जनपद पंचायत सदस्य के लिए नाम निर्देशन पत्र नही हुए दाखिल
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिला निर्वाचन अधिकारी एवं प्रभारी कलेक्टर श्री वृंदावन सिंह ने आज पंचायती राज्य संस्थाओं के लिए विधिवत अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना जारी होने के साथ ही सक्षम अधिकारियों रिटर्निंग आफीसर तथा सहायक रिटर्निंग आफीसर व्दारा नाम निर्देशन पत्र लेना कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। पहले दिन जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य के लिए एक भी नाम निर्देशन पत्र दाखिल नही किए गए है।
जिला निर्वाचन अधिकारी व्दारा त्रिस्तरीय पंचायती राज्य संस्थाओं के निर्वाचन की अधिसूचना जारी
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिला निर्वाचन अधिकारी एवं प्रभारी कलेक्टर श्री वृंदावन सिंह ने पंचायती राज्य संस्थाओं के लिए विधिवत अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना जारी होने के साथ ही सक्षम अधिकारियों रिटर्निंग आफीसर तथा सहायक रिटर्निंग आफीसर व्दारा नाम निर्देशन पत्र लेना प्रारंभ कर दिया गया है। अधिसूचना का अवलोकन जनपद पंचायत कार्यालय, रिटर्निग आफीसर कार्यालय एवं ग्राम पंचायत के सूचना पटलो पर चस्पा की गई है।
प्रधानमंत्री जी ने किया बच्चों को संबोधित, पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत अनाथ बच्चों के खातों में छात्रवृत्ति जमा
पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन स्कीम की उपलब्धियां
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा बच्चों के लिए पीएम केयर्स योजना 29 मई 2021 को शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य उन बच्चों का समर्थन करना है जिन्होंने माता-पिता या कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता या जीवित माता-पिता दोनों को 11 मार्च 2020 से शुरू होकर 28 फरवरी 2022 को समाप्त होने वाली अवधि के दौरान कोविड-19 महामारी से खो दिया है। इस योजना का उद्देश्य बच्चों की व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है और स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनकी भलाई को सक्षम करना है। उन्हें शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना है और उन्हें 30 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर वित्तीय सहायता के साथ आत्मनिर्भर अस्तित्व सुसज्जित करना है। बच्चों की पहचान डीएमएस ने पुलिस, डीसीपीयू और नागरिक समाज संगठनों की सहायता से की। बाल संरक्षण कर्मचारियों पुलिस या किसी अन्य सिफारिश एजेंसी की सहायता से डीएम के विचार के लिए बच्चों का विवरण सीडब्ल्यूसी द्वारा अनुशंसित या अनुशंसित नहीं किए गए प्रत्येक बच्चे के बारे में एक स्वतंत्र मूल्यांकन किया गया। योजना के तहत बच्चा अंतिम है। संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा 557 जिलों को कवर करते हुए 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 9042 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 4345 बच्चों को योजना के तहत स्वीकृत किया गया है। 5 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों सिक्किम, त्रिपुरा, अंडमान और निकोबार, लद्दाख और लक्ष्यदीप में कोई पात्र बच्चे नहीं हैं।
पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन पोर्टल...
पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन बाल पंजीकरण, सत्यापन, फंड ट्रांसफर, योजना के विभिन्न घटकों के तहत बच्चों को उपलब्ध लाभ और शिकायत निवारण के लिए एक एकीकृत पोर्टल है। पोर्टल को महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है। जिसे पीएम केयर्स मैं बच्चों के लिए एक्सेस किया जा सकता है।
योजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं...
वित्तीय सहायता-
प्रत्येक पहचाने गए बच्चे के खाते में एक अनुपातिक राशि इस प्रकार जमा की गई है कि प्रत्येक बच्चे के लिए राशि रुपए 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के समय 10 लाख रुपये। 18 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के लिए डाकघर की मासिक आय योजना में 10 लाख रुपये जमा करा दिए गए हैं। 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद बच्चों को मासिक वजीफा मिलेगा। जिसमें 10 लाख रुपए का कोष डाकघर की मासिक आय योजना में निवेश किया जाएगा। डाकघर की मासिक आय योजना में 10 लाख रुपए बजीफा बच्चों के डाकघर बचत बैंक खातों में जमा किया जाएगा। 18 साल से ऊपर के बच्चों को 23 साल की उम्र तक वजीफा मिलेगा। बच्चों को 30 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 10 लाख रुपये की राशि मिलेगी। गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार बच्चों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से 50 हजार प्रति मृतक माता-पिता की अनुग्रह राशि प्रदान की गई है।
बोर्डिंग और लॉजिंग के लिए सहायता-
जिलाधिकारियों ने सीडब्ल्यूसी की सहायता से बच्चे को उसके विस्तृत परिवार रिश्तेदारों या रिश्तेदारों के बीच पुनर्वास के लिए कदम उठाए हैं। 4229 बच्चे अपने रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं। ऐसे मामलों में जहां रिश्तेदार या विस्तारित परिवार उपलब्ध नहीं है या इच्छुक नहीं हैं। सीडब्ल्यूसी द्वारा फिट नहीं पाया जाता है या बच्चा उनके साथ रहने को तैयार नहीं है। बच्चे को उपयुक्त आयु और लिंग उपयुक्त बाल देखभाल संस्थान सीसीआईएस में रखा गया है। सीसीआईएस में 116 बच्चे रहते हैं। सभी भाई बहनों को एक साथ रखा गया है। केंद्रीय राज्य योजना के तहत गैर संस्थागत देखभाल के लिए निर्धारित वित्तीय सहायता बच्चों को संबंधित योजना के तहत पात्रता के अनुसार प्रदान की गई है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की बाल संरक्षण सेवा (सीपीएस) योजना (अब मिशन वात्सल्य) के तहत रिश्तेदारों के साथ रहने वाले बच्चों को 2000 रुपये प्रति माह प्राप्त हो रहे थे। उसे एक अप्रैल 2022 से संशोधित कर 4000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। चाइल्ड केयर संस्थानों सीसीआई में रहने वाले बच्चों के लिए सरकार द्वारा सीसीआई को रखरखाव अनुदान दिया जाता है।
स्कूल शिक्षा के लिए सहायता-
निकटतम केवी या निजी स्कूल में 1 दिन के छात्रवृत्ति के रूप में प्रवेश-आरटीई मानदंडों के अनुसार पीएम केयर से दिया जाएगा। इन बच्चों के लिए सभी केबी में 6 अतिरिक्त सीटें आरक्षित की गई हैं। पीएम केयर्स ड्रेस, पाठ्य पुस्तकों और नोटबुक्स पर होने वाले खर्च का भी भुगतान करेगा। केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय विद्यालय जैसे कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी), सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय आदि में प्रवेश की सुविधा दी जा रही है। 20 हजार रुपये प्रतिवर्ष की छात्रवृत्ति कक्षा 1 से 12 के स्कूल जाने वाले बच्चों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की योजना के तहत प्रदान किया जा रहा है।
उच्च शिक्षा के लिए सहायता-
पात्र बच्चों को 50 हजार रुपये प्रति बच्चा प्रतिवर्ष तकनीकी शिक्षा के लिए स्वानाथ छात्रवृत्ति मिल रही है। बच्चे कौशल प्रशिक्षण के लिए कर्मा छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे हैं। इन बच्चों के लिए पॉलीटेक्निक संस्थानों में दो अतिरिक्त सीटें सृजित की गई हैं। इसी तरह यूजीसी द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों को इन बच्चों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त सीटें सृजित करने का निर्देश दिया गया है। भारत में व्यवसायिक पाठ्यक्रमों या उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण प्राप्त करने में बच्चों की सहायता की जा रही है। शैक्षणिक ऋण पर ब्याज का भुगतान पीएम केयर्स के द्वारा किया जाएगा।
स्वास्थ्य बीमा-
सभी बच्चों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत 5 लाख रुपये प्रति वर्ष प्रति बच्चा के स्वास्थ्य बीमा कवर के साथ नामांकित किया गया है। 23 वर्ष की आयु तक इन बच्चों के लिए प्रीमियम राशि का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा। बच्चों के लिए स्वास्थ्य कार्ड (पीएमजेएवाई) कार्ड वितरण के लिए सभी जिला मजिस्ट्रेट को वितरित किए गए हैं।
चाइल्ड डेश बोर्ड-
पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन पोर्टल पर एक व्यक्तिगत डैशबोर्ड देखने के लिए बच्चों को एक लॉगिन आईडी दी जा रही है। जो उनके अधिकारों और उन्हें प्रदान की जा रही सेवाओं को दर्शाता है। संबंधित मंत्रालयों या विभागों के जिला स्तर के अधिकारियों और नोडल अधिकारियों के संपर्क विवरण शामिल हैं। प्रशासनिक और तकनीकी सहायता के लिए शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करता है।
शिकायत निवारण तंत्र-
शिकायतों से निपटने के लिए डीएम ने एडीएम स्तर का एक अधिकारी नियुक्त किया है यदि कोई हो- पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन पोर्टल में शिकायत निवारण तंत्र बनाया गया है पोर्टल शिकायतों को उठाने और संबोधित करने की अनुमति देगा। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन पोर्टल में शिकायत निवारण तंत्र बनाया गया है। पोर्टल शिकायत को उठाने और संबोधित करने की अनुमति देगा पीएम केयर्स ऑफ चिल्ड्रन पोर्टल की परिकल्पना प्रत्येक शिकायत के लिए प्रदान किए गए समाधान की एंड टू एंड ट्रैकिंग की अनुमति देने के लिए की गई है। पीएम केयर्स ऑफ चिल्ड्रन पोर्टल लंबित शिकायतों कार्यों के लिए अलर्ट भी प्रदान करेगा और लंबित शिकायतों को स्वचालित रूप से आदेश जिले से राज्य स्तर और फिर राज्य से केंद्र स्तर तक बढ़ा देगा। एक पखवाड़े के भीतर कार्रवाई की जाएगी और शिकायतकर्ता को पोर्टल के माध्यम से सूचित किया जाएगा। शिकायतें यदि 15 दिनों से अधिक के लिए लंबित हैं तो स्वचालित रूप से राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों के स्तर पर भेज दी जाएंगी। ऐसे मामलों में राज्य नोडल अधिकारी संबंधित डीएम से परामर्श कर उचित कार्रवाई सुनिश्चित कर सकते हैं।
नोडल एजेंसियां-
केंद्रीय स्तर पर योजना के क्रियान्वयन के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नोडल मंत्रालय है मंत्रालय डाक विभाग (संचार मंत्रालय) सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजे एण्ड ई) के सहयोग से इस योजना को क्रियान्वित कर रहा है। उच्च शिक्षा विभाग (डीओएचई) स्कूल शिक्षा और शिक्षा विभाग (डीओएसईएल) सहित शिक्षा मंत्रालय (एमओई) जनजातीय मामलों के मंत्रालय (एमओटीए)। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय (एमओएमए) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) राज्य या केंद्र शासित प्रदेश सरकार के विभाग जो राज्यों में किशोर न्याय से संबंधित है, राज्य स्तर पर नोडल एजेंसी है। योजना के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर जिला मजिस्ट्रेट नोडल प्राधिकारी हैं।
सेक्टर आफीसर निर्वाचन प्रक्रिया के मापदण्डों से अवगत हुए
निर्वाचन के मापदण्डों से अवगत हुए अधिकारीगण
प्रथम चरण का प्रशिक्षण तीन, चार और पांच को
त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन प्रक्रिया को सम्पन्न कराने वाले सेक्टर, जोनल सहित अन्य अधिकारियों के लिए स्थानीय विकासखण्ड पर प्रथम चरण का प्रशिक्षण जून माह की तीन, चार एवं पांच तारीख को आयोजित किया गया है। जिला मुख्यालय पर उपरोक्त प्रशिक्षण एसएटीआई में तथा बासौदा में एलबीएस कॉलेज में जबकि शेष अन्य पांचो विकासखण्डो में स्थानीय उत्कृष्ट विद्यालयों में नियत तिथि की प्रातः 10.30 बजे से आयोजित किया गया है।
148 सेक्टर आफीसर नियुक्त
त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2022 हेतु अन्य सेवाओं के अधिकारियों को जोनल (सेक्टर) आफीसर के रूप में कार्य करने हेतु विशेष कार्यपालिका मजिस्ट्रेट की शक्तियों प्रदत्त की गई है। विदिशा जिले में त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन हेतु सातों विकासखण्डो में कुल 148 सेक्टर आफीसर नियुक्त किए गए है वहीं 22 जोनल सेक्टर आफीसर रिजर्व होंगे। उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती अमृता गर्ग ने जनपद पंचायतवार नियुक्त जोनल (सेक्टर) आफीसर एवं रिजर्व की जानकारी देते हुए बताया कि विदिशा जनपद पंचायत में 21 जोनल सेक्टर आफीसर नियुक्त किए गए है इसी प्रकार बासौदा में 33, ग्यारसपुर में 14, कुरवाई में 17, सिरोंज में 23, लटेरी में 19 तथा नटेरन जनपद पंचायत में 21 जोनल सेक्टर आफीसर नियुक्त किए गए है इसी प्रकार जनपद पंचायतवार रिजर्व सेक्टर आफीसरों की संख्या इस प्र्रकार से है। विदिशा में एक, बासौदा में सात, ग्यारसपुर एवं कुरवाई में क्रमशः दो-दो, सिरोंज में पांच, लटेरी में चार तथा नटेरन जनपद पंचायत में तीन जोनल सेक्टर आफीसर रिजर्व में रखे गए हैं।
पंचायत चुनाव कार्यक्रम का मुनादी से करें प्रचार-प्रसार - राज्य निर्वाचन आयुक्त
राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री बसंत प्रताप सिंह ने सभी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के कार्यक्रमों का गाँवों में डोंडी (मुनादी) के माध्यम से प्रचार-प्रसार करें। श्री सिंह ने कहा है कि मतदाताओं तथा अभ्यर्थियों को मतदान की प्रक्रिया, मतदान के दौरान दी जाने वाली सुविधाएँ, सुविधा केंद्रों की स्थापना, नाम निर्देशन-पत्र प्रस्तुत करने की तिथियों एवं मतदान की तिथियों की जानकारी ग्राम पंचायतों में डोंडी (मुनादी) से भी दी जाए। उन्होंने कहा है कि इस दौरान मतदाताओं तथा अभ्यर्थियों को यह भी बताया जाए कि इस बार पंचायत निर्वाचन मतपत्रों में मोहर लगा कर मतपेटी के माध्यम से किया जाएगा।
राज्य निर्वाचन आयोग ने दिये पंचायतों को निर्देश
राज्य निर्वाचन आयोग मध्यप्रदेश द्वारा 27 मई 2022 को त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2022 हेतु निर्वाचन कार्यक्रम जारी किया जा चुका है। आयोग ने निर्वाचन की पंचायतों के संबंध में दिशा-निर्देश दिये है। आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्वाचन घोषणा के दिनांक से निर्वाचन समाप्त होने की दिनांक तक पंचायत के अधीन कोई नियुक्ति या स्थानान्तरण नहीं किया जाये। ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी नये भवन का निर्माण या मौजूदा भवन में सवर्धन या परिवर्तन की अनुमति नहीं दी जाये। ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी प्रकार के व्यवसाय या वृत्ति के लिये नवीन अनुज्ञप्ति नहीं दी जाये। केवल पूर्व में प्रदत्त अनुज्ञप्तियों का नवीनीकरण हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी योजना या कार्य की नवीन स्वीकृति नहीं दी जाये। वर्तमान सुविधाओं के विस्तार या उन्नयन का कोई कार्य आदि स्वीकृत या प्रारंभ नहीं हो सकेंगे। पहले से स्वीकृति किसी योजना का कार्य, जिसमें निर्वाचन की घोषणा होने तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ हो, प्रारंभ नहीं किया जाना चाहिये और किसी योजना का शिलान्यास किया, उद्घाटन नहीं कर सकते। किसी भी संगठन या संस्था को किसी कार्यक्रम के आयोजन के लिये कोई सहायता अनुदान स्वीकृत नहीं कर सकते है। आदर्श आचार संहिता की अवधि में ग्राम पंचायतों द्वारा कोई भी नवीन हितग्राही मूलक कार्य स्वीकृत अथवा प्रारंभ नहीं किया जा सकेगा। आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के संबंध में अन्य इत्यादि निर्देश आयोग की बैवसाइट पर अपलोड है। उनका अध्ययन किया जाये। यह आदेश तत्काल प्रभावशील किया गया है।
इंटरनेट तथा सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर दुर्भावनापूर्ण पोस्ट ना करें
मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग भोपाल द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2022 हेतु 27 मई को कार्यक्रम घोषित किया गया है। पंचायत निर्वाचन कार्यक्रम को दृष्टिगत रखते हुए कतिपय असामाजिक तथा शरारती तत्वों द्वारा इंटरनेट तथा सोशल मीडिया के प्लेटफार्म फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर इत्यादि के माध्यम का दुरुपयोग कर सांप्रदायिक धार्मिक तथा जातिगत विद्वेष पहुंचाने से दुर्भावनापूर्ण पोस्ट करने की सूचनाएं प्राप्त होती रही हैं। ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि जिला विदिशा अंतर्गत व्यक्तियों एवं असामाजिक तथा शरारती तत्वों द्वारा इंटरनेट सोशल मीडिया का प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर इत्यादि पर सांप्रदायिक तथा जातिगत दुर्भावनापूर्ण संदेशों को पूर्णतः प्रतिबंधित करने की आवश्यक प्रतिबंधात्मक कार्यवाही संपादित की जावे। जनसामान्य की सुरक्षा व सामुदायिक एवं धार्मिक सद्भावना तथा लोक परिशांति बनाए रखने के लिए तत्काल रुप से प्रतिबंधात्मक आदेश पारित किया जाना आवश्यक है। ऐसी दशा में समस्त प्रभावित व्यक्तियों एवं संबंधित प्रत्येक व्यक्ति को व्यक्तिशः सूचना प्रदान कर समक्ष में श्रवण किया जाना संभव नहीं है। उक्त आदेश दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत एक पक्षीय रूप से प्रसारित किया गया है। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री उमाशंकर भार्गव द्वारा विदिशा जिले की राजस्व सीमाओं के अंदर दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अधीन यह प्रतिबंधित आदेश पारित किया गया है। जिसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्मों जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, एसएमएस, इंस्टाग्राम इत्यादि का दुरुपयोग कर जातिगत, धार्मिक, सामाजिक भावनाओं एवं विद्वेष को भड़काने, उत्तेजित करने के लिए किसी भी प्रकार के संदेशों का प्रसारण फॉरवर्ड नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति उपरोक्त वर्णित सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म में किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक एवं एवं उन्माद फैलने वाले संदेश फोटो, ऑडियो, वीडियो इत्यादि भी सम्मिलित हैं जिसमें धार्मिक, जातिगत, सामाजिक आदि भावनाएं भड़क सकती हैं या सांप्रदायिक विद्वेष उत्पन्न होता है को न ही प्रसारित करेगा या भेजेगा। सोशल मीडिया के किसी भी पोस्ट जिसमें धार्मिक, संप्रदायिक, जातिगत भावनाएं भड़कती हो कमेंट, लाइक, शेयर या फॉरवर्ड नहीं करेगा। ग्रुप एडमिन की यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वह ग्रुप में इस प्रकार के संदेशों को रोके तथा तत्काल उनकी सूचना निकटतम थाने को प्रदान करे। संभव हो तो ग्रुप एडमिन ग्रुप की सेटिंग ओन्ली फॉर एडमिन पर भी रख सकता है। कोई भी सामुदायिक, धार्मिक, जातिगत विद्वेष फैलाने वाले या लोगों अथवा समुदाय के मध्य घृणा, वैमनस्यता के माध्यम से पैदा करने या दुष्प्रेरित करने या उकसाने या हिंसा फैलाने का प्रयास उपरोक्त माध्यमों से नहीं करेगा और ना ही इसके लिए प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति विकृत फोटो, ऑडियो, वीडियो, अफवाह या तथ्यों को तोड़ मरोड़कर भड़काने उन्माद उत्पन्न करने वाले संदेश जिससे लोग या समुदाय विशेष हिंसा या गैरकानूनी गतिविधियों में संलग्न हो जाए प्रसारितध्फॉरवर्ड नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति समुदाय ऐसे संदेशों को प्रसारित नहीं करेगा जिनसे किसी व्यक्ति, संगठन, समुदाय आदि को एक स्थान पर एक राय होकर जमा होने या उनसे कोई विशेष या गैरकानूनी गतिविधियां करने हेतु आह्वान किया गया हो, जिससे कानून एवं शांति व्यवस्था भंग होने की प्रबल संभावना विद्यमान हो। उक्त आदेश तत्काल रूप से प्रभावशाली होगा। आदेश के उल्लंघन की दशा में संबंधित के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 तथा सायबर विधि एवं अन्य युक्तियुक्त अधिनियमों के अंतर्गत दंडात्मक कार्यवाही संपादित की जावेगी।
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