झंझारपुर (मधुबनी) से सुपौल होते हुए सहरसा के बीच रेल सेवा की आज शुरुआत हुई है। इससे 88 साल बाद मिथिला के दोनों हिस्से फिर से रेल के जरिये जुड़ गये हैं।1887 में निर्मित कोसी रेल पुल के 1934 के भूकंप में ध्वस्त होने से मधुबनी से सुपौल का संपर्क टूट गया था। इस कारण दरभंगा, मधुबनी के लोगों को समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया होकर सुपौल जाना पड़ता था, जिसमें काफी वक्त लगता था।अब रेल मार्ग के जरिए मिथिला की डायरेक्ट कनेक्टिविटी उत्तर-पूर्व के राज्यों के साथ हो जाएगी। इससे मिथिला के विकास को नई गति मिलेगी।दरभंगा
झंझारपुर (मधुबनी) से सुपौल होते हुए सहरसा के बीच रेल सेवा की आज शुरुआत हुई है। इससे 88 साल बाद मिथिला के दोनों हिस्से फिर से रेल के जरिये जुड़ गये हैं।1887 में निर्मित कोसी रेल पुल के 1934 के भूकंप में ध्वस्त होने से मधुबनी से सुपौल का संपर्क टूट गया था। इस कारण दरभंगा, मधुबनी के लोगों को समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया होकर सुपौल जाना पड़ता था, जिसमें काफी वक्त लगता था।अब रेल मार्ग के जरिए मिथिला की डायरेक्ट कनेक्टिविटी उत्तर-पूर्व के राज्यों के साथ हो जाएगी। इससे मिथिला के विकास को नई गति मिलेगी।दरभंगा
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