कीमत में बढ़ोतरी और राशन कार्ड में कटौती के खिलाफ वाम का विरोध - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 30 मई 2022

कीमत में बढ़ोतरी और राशन कार्ड में कटौती के खिलाफ वाम का विरोध

  • पटना में कारगिल चैक पर आयोजित की गई प्रतिवाद सभा - बुलडोजर राज नहीं चलेगा!

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पटना 30 मई, देश में लगातार बढ़ती बेरोजगारी, कमरतोड़ महंागई राशन कार्ड में कटौती, बुलडोजर राज और पेट्रो पदार्थों की आसमान छूती कीमतों के खिलाफ वाम दलों के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर आज पूरे बिहार में पांच वाम दलों ने राज्यव्यापी प्रतिवाद आयोजित किया. भाकपा-माले, सीपीआई, सीपीएम, फारवर्ड ब्लाॅक और आरएसपी के संयुक्त आह्वान पर कहीं धरना दिया गया तो कहीं प्रतिवाद सभा आयोजित की गई. उपर्युक्त मांगों के साथ वाम दलों ने पेट्रो पदाथों पर सभी अधिभार/उपकर वापस लेने, पीडीएस में गेहूं आपूर्ति बहाल करने, पीडीएस सिस्टम को मजबूत करने, गैर आयकर भुगतान परिवारों को प्रत्यक्ष 7500 रु. प्रति माह प्रदान करने, शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी योजना लागू करने, मनरेगा आवंटन में वृद्धि करने, बेरोजगारी भत्ता कानून बनाने, सभी रिक्त पदों पर भर्ती, बिना वैकल्पिक व्यवस्था के गरीबों को उजाड़ने पर रोक लगाने, राशन कार्ड में की गई भारी कटौती को वापस लेने तथा तमाम उपभोक्ताओं को 200 यूनिट फ्री बिजली देने आदि मांगें भी उठाईं. राजधानी पटना के कारगिल चैक पर वाम संगठनों ने संयुक्त प्रतिवाद सभा आयोजित की. भाकपा-माले के महानगर सचिव अभ्युदय, सीपीएम के पटना जिला सचिव मनोज चंद्रवंशी और सीपीआई के जिला सचिव रामलला सिंह की अध्यक्षता में आयोजित प्रतिवाद सभा में भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, वरिष्ठ नेता केडी यादव, फुलवारी विधायक गोपाल रविदास, ऐपवा की बिहार राज्य सचिव शशि यादव, सरोज चैबे; सीपीएम के राज्य सचिव ललन चैधरी, सीपीआई के प्रमोद प्रभाकर, मोहन प्रसाद, फारवर्ड ब्लाॅक के अमेरिका महतो व आरएसपी के वीरेन्द्र ठाकुर सहित सैंकड़ों वाम कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. पटना के अलावा जहानाबाद, दरभंगा, अररिया, नवादा, औरंगाबाद, मधेपुरा, गया, नालंदा, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, सीतामढ़ी, अरवल, बक्सर, पूर्णिया, सिवान, भोजपुर, बेगुसराय आदि जिलों में भी प्रतिवाद सभायें/धरना का आयोजन किया गया. कारगिल चैक पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वाम नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार जनता की आंखों में धूल झोंक रही है. पेट्रोल व डीजल की बेतहाशा बढ़ी कीमतों में मामूली सी गिरावट करके वह अपना पीठ थपथपाना चाहती है. हमारी मांग है कि सरकार सभी प्रकार के अधिभार/उपकर को वापस लेकर पेट्रो पदार्थों की कीमत को पुराने स्तर पर लाए. इन पदार्थों पर तो कोई टैक्स लगना ही नहीं चाहिए, इसकी भरपाई के लिए सरकार को काॅरपोरेटों पर टैक्स लगाना चाहिए.


उन्होंने कहा कि पहले से कोविड व लाॅकडाउन की मार झेल रही आम जनता आज कमरतोड़ महंगाई की जबरदस्त मार झेलने को विवश है. आमदनी तो बढ़ नहीं रही लेकिन महंगाई लगातार बढ़ रही है. गरीब, मध्यम वर्ग, प्राइवेट कंपनियों में नौकरी करने वाले, छोटे व्यवसायी आदि सभी तबके पेट्रोल-डीजल-गैस के दाम में अभूतपूर्व बढ़ोतरी से त्रस्त है. पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से परिवहन व माल ढुलाई अत्यंत महंगा हो गया है. विगत एक साल में पेट्रोलियम पदार्थों में 70 प्रतिशत, सब्जियों के दाम में 20 प्रतिशत, खाने के तेल में 23 प्रतिशत और अनाज के दाम में 8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है. करोड़ों भारतीय का भोजन गेहूं की कीमत में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. गेहूं विदेश भेजा जा रहा है और उसकी कम सरकारी खरीद का बहाना बनाकर जनवितरण प्रणाली से इसे गायब कर इसके बदले चावल देना तय किया गया है. केंद्र सरकार उल्टे आज राशन व राशन कार्ड निरस्तीकरण अभियान में लगी हुई है. यह भोजन के अधिकार पर हमला है, बिहार में 28 लाख 79 हजार राशन कार्ड रद्द कर दिए गए. इसे अविलम्ब वापस लिया जाना चाहिए. खाद्य व अन्य उपयोगी सामानों पर सरकार जनता के लिए विशेष पैकेज की गारंटी करे. राज्य में बिजली बिल पहले की तुलना में कई गुना बढ़ गया है. बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में भी हो रहे खर्च में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है. फीस से लेकर किताबें, यूनीफाॅर्म, स्टेशनरी, स्कूल बस भाड़ा में 50 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है. मजबूरन लोगों को कर्ज लेना पड़ रहा है और वे लगातार कर्ज के भंवरजाल में फंसते जा रहे हैं. एक तरफ आम लोग भीषण महंगाई की मार झेल रहे हैं, ठीक इसी समय काॅरपोरेटों की संपत्ति में अकूत वृद्धि हो रही है. महंगाई से जनता को राहत प्रदान करने की बजाए दिल्ली व पटना की सरकर अपने खिलाफ बढ़ते जनअसंतोष को काले कानूनों से दबाने का प्रयास कर रही है. वह अपने एकाधिकारवादी-सांप्रदायिक एजेंडे को लागू करने का भरसक प्रयास कर रही है और देश में अमन-चैन के माहौल को खराब करने में लगी हुई है. सरकार के लोकतंत्र व संविधानविरोधी रवैये का वाम दल पुरजोर विरोध करते हैं. दरभंगा में हजारों की संख्या में वाम कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और समाहरणालय का घेराव किया. जुलूस लहेरियासराय स्टेशन से जुलूस निकाला और विकास भवन, डीएम कोइी, कमिश्नरी होते हुए पोलो मैदान पहुंचा, जहां एक विशाल सभा आयोजित हुई.

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