बिहार : राज्यसभा चुनाव, कौन कौन हैं दावेदार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 16 मई 2022

बिहार : राज्यसभा चुनाव, कौन कौन हैं दावेदार

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पटना : बिहार से राज्यसभा की खाली हो रही पांच सीटों के लिए चुनाव की घोषणा हो चुकी है। 10 जून को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही यह चर्चा होने लगी कि किंग महेंद्र के निधन से खाली सीट समेत अन्य 5 सीटों के लिए जदयू, भाजपा और राजद किस-किस को उम्मीदवार बनाएगी। क्योंकि, उपचुनाव वाली सीट जदयू के खाते में जा रही है। इसके आलावा अन्य 5 में से भाजपा और राजद को 2-2 सीटें तथा जदयू को 1 सीट मिल रही है। सबसे पहले उपचुनाव को लेकर बात करें, तो इस सीट जदयू की तरफ से कई लोग रेस में हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी, पार्टी के राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी अनिल हेगड़े, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद खान और स्व किंग महेंद्र के पुत्र रंजीत शर्मा भी रेस में बने हुए हैं। कहीं ऐसा न हो कि नीतीश इस सीट से आरसीपी को उम्मीदवार बना दें? राजद को इस बार 2 सीटें मिले जा रही है। इन 2 सीटों में से एक सीट पर लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भर्ती का नाम फाइनल माना जा रहा है। इसके पीची यह तर्क दिया जा रहा है कि लालू चाहते हैं कि मीसा बिहार की राजनीति से दूर रहे और तेजस्वी स्वतंत्र रूप से बिहार में पार्टी को चलाये। हालांकि, जब तेजस्वी से मीसा भर्ती को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा यह फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लेंगे। इसके आलावा दूसरी सीट पर राजद किसी मुस्लिम या धनसेठ को भेजने की तैयारी में है। इसमें अभी सबसे आगे फैसल अली चल रहे हैं। अलावा राजद इस सीट के लिए किसी धनसेठ के तलाश में है। इसे लेकर यह चर्चा है कि जहानाबाद के एक बड़े कारोबारी के पुत्र राजद के सम्पर्क में हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी गोपाल नारायण सिंह और सतीश चंद्र दुबे को रिपीट करने के मूड में नहीं है। भाजपा इस सीट पर नए चेहरे को भेजने में दिलचस्पी दिखा रही है। चर्चाओं की मानें तो इन दो सीटों को लेकर भाजपा की ओर से ऋतुराज सिन्हा और बिहार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी का नाम सामने आ रहा है। ऋतुराज सिन्हा अभी राष्ट्रीय सचिव हैं। वहीं, मिथिलेश तिवारी अभी भूपेंद्र यादव, डॉ संजय जायसवाल और नित्यानंद राय के करीबी बने हुए हैं। इसलिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल सतीश चंद्र दुबे को 2024 के चुनाव को लेकर क्षेत्र में सक्रिय रखने के पक्ष में हैं। इसके पीछे यह कहा जा रहा है कि सतीश चंद्र दुबे जिस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे, वह ब्राह्मण बाहुल्य सीट है। अगर दुबे क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहेंगे, तो इसका नुकसान पार्टी को हो सकता है। जदयू के लिए मौजूद एक सीट से केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह राज्यसभा जाएंगे। इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि वो फिलहाल केंद्र में मंत्री हैं। इसलिए मंत्री बने रहने के लिए सदन का सदस्य होना जरुरी है। वहीं, संभव है कि उपचुनाव में ही आरसीपी सिंह को उम्मीदवार बना दिया जाय, जिसका कार्यकाल 2024 तक रहेगा। और अगले चुनाव के लिए फिर से किसी किंग महेंद्र जैसे उम्मीदवार को लाया जाय। क्योंकि, आरसीपी सिंह को लेकर यह चर्चा है कि वे नालंदा से 2024 का आम चुनाव लड़ सकते हैं।

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