कानपुर/लखनऊ, तीन जून, पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ ‘अपमानजनक’ टिप्पणियों के विरोध में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दुकानें बंद कराने के प्रयास के दौरान दो समुदायों के लोगों के द्वारा एक-दूसरे पर पथराव और बम फेंके जाने के बाद यहां के कुछ इलाकों में हुई हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने अभी तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि कानपुर के परेड, नई सड़क और यतीमखाना इलाके में हिंसा हुई है। उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून—व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने लखनऊ में पत्रकारों को बताया कि कानपुर में उपद्रव करने वालों की पहचान की जा रही है और अभी तक इस सिलसिले में 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस के पास पर्याप्त सीसीटीवी फुटेज है और आगे की कार्रवाई में उसकी मदद ली जाएगी। उन्होंने कहा कि उपद्रवियों के साथ—साथ इसकी साजिश करने वालों के खिलाफ गैंगस्टर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी और उनकी संपत्ति को जब्त या ध्वस्त कराया जाएगा। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा हाल ही में टीवी पर चर्चा के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के विरोध में जब एक समूह के लोगों ने जबरन दुकानें बंद कराने का प्रयास किया तो दोनों पक्षों ने ना सिर्फ एक-दूसरे पर बम फेंके, बल्कि गोलियां भी चलायीं। जबरन दुकानें बंद कराने का प्रयास कर रहे लोगों की पुलिस के साथ भी झड़प हुई। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा। मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैंस एसोसिएशन के प्रमुख हयात जफर हाशमी सहित कुछ स्थानीय नेताओं ने शुक्रवार को टिप्पणियों के खिलाफ दुकानों को बंद कराने का आह्वान किया था। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने जुलूस भी निकाला और उस दौरान दूसरे समुदाय के कुछ लोगों से भिड़ गए, जिसके कारण संघर्ष हुआ। उन्होंने बताया कि जल्द ही सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए और राहगीरों सहित करीब आधा दर्जन लोग हिंसा में गंभीर रूप से घायल हुए हैं। कानपुर की जिला मजिस्ट्रेट नेहा शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘एक समुदाय के लोग प्रदर्शन करने सड़क पर उतर आए और हिंसा में शामिल हुए। कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की है।’’ लखनऊ में एडीजी कुमार ने बताया कि कानपुर की घटना को शासन ने अत्यंत गंभीरता से लिया है और अतिरिक्त पुलिस बल को वहां भेजा गया है। उन्होंने बताया कि कुल 12 कंपनी (एक प्लाटून) पीएसी को वहां रवाना किया गया है और इसके अलावा कुछ अधिकारी भी भेजे जा रहे हैं। वहीं, मौके पर पहुंचे कानपुर के पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘अचानक करीब 50-100 लोग आ गए और नारेबाजी करने लगे, जिसका दूसरे पक्ष ने विरोध किया। फिर पथराव होने लगा। पुलिस ने बहुत हद पर हालात पर काबू पाया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब तक करीब 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस इलाके में गश्त लगा रही है।’’ मीणा ने बताया कि दो लोग घायल हुए हैं और हालात काबू में है। लखनऊ में एडीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि कानपुर के सभी अल्पसंख्यक सदस्यों से अपील है कि शांति व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग करें तथा उपद्रवियों को पहचानने में पुलिस की मदद करें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि हर हाल में शांति व्यवस्था बनाये रखें। कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रशासन तथा उत्तर प्रदेश पुलिस किसी भी स्थिति में शांति व्यवस्था को भंग नहीं होने देगी। वहीं घटना के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील करते हुए पैगंबर मोहम्मद के लिए कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने वाली भाजपा नेता को गिरफ्तार करने की मांग की है। सपा अध्यक्ष ने आज शाम ट्वीट किया, 'महामहिम राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नगर में रहते हुए भी पुलिस और खुफिया-तंत्र की विफलता से भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान से, कानपुर में जो अशांति हुई है, उसके लिए भाजपा नेता को गिरफ्तार किया जाए।'
शुक्रवार, 3 जून 2022
कानपुर हिंसा के सिलसिले में 18 लोग गिरफ्तार
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