हिंद-प्रशांत भविष्य है, अतीत नहीं : जयशंकर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 2 जून 2022

हिंद-प्रशांत भविष्य है, अतीत नहीं : जयशंकर

asia-pacific-is-future-jaishankar
नयी दिल्ली, एक जून, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि क्वाड क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के उद्देश्य की एक प्रबल भावना को दर्शाता है। केके नैयर स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए जयशंकर ने उन आरोपों को भी 'प्रेरित एवं झूठा' करार दिया कि हिंद-प्रशांत की अवधारणा शीत युद्ध से ली गई है। उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत भविष्य है, अतीत नहीं। विदेश मंत्री ने कहा, 'ये आरोप कि हिंद-प्रशांत की अवधारणा शीत युद्ध से ली गई है, प्रेरित एवं झूठें हैं... ऐसा उन पक्षों की ओर से कहा गया है जो पिछले दो दशकों में हुई एकजुटता को नकारते हैं। उनका प्रयास दूसरों की पसंद में बाधा पहुंचाना और अपने हितों को थोपना है।' क्वाड चार देशों का समूह है, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। क्वाड का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि इसका उद्देश्य वैश्विक भलाई है।

कोई टिप्पणी नहीं: