मोतिहारी : 1 जून से 7 जून तक बाढ़ आपदा सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 7 जून 2022

मोतिहारी : 1 जून से 7 जून तक बाढ़ आपदा सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है

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मोतिहारी. डॉ राधाकृष्णन सभागार, मोतिहारी में प्रभारी जिलाधिकारी, श्री कमलेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में बाढ़ सुरक्षा सप्ताह, बाढ़ पूर्व तैयारी एवं अन्य विषयों से संबंधित जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई. बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जिले भर में 1 जून से 7 जून 2022 तक बाढ़ आपदा सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है.उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पदाधिकारी गण बाढ़ आपदा प्रबंधन कार्य को गंभीरता से लें एवं हमेशा एलर्ट मूड में रहे.उन्होंने कहा कि अनुमंडल, अंचल एवं प्रखंड स्तर पर बाढ़ पूर्व तैयारी करें.दहव, सिविल सोसाइटी, मुखिया, सरपंच के साथ बैठकर जन जागरूकता और बाढ़ पूर्व तैयारी अभियान एवं बाढ़ की समाप्ति के पश्चात संभावित विकट स्थितियां, महामारी की जानकारी देना तथा प्रचार प्रसार करना. सभी विभागों से जुड़े सेवा प्रदान करने वाले केंद्रों के भवनों का बाढ़ से डूबने के खतरो का आकलन कर वैकल्पिक व्यवस्था करना.कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पूर्व तैयारी  करना.बाढ़ से निपटने की  राहत केंद्रों ,उंचे स्थानों तथा संवेदनशील समूहों यथा गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं, वृद्धि जनों एवं दिव्यांग जनों की पहचान कर सूची तैयार कर जिला आपातकालीन संचालन केंद्र को उपलब्ध कराना. बाढ़ के दौरान तटबंधों के भीतर रहने वाले समूह को राहत एवं बचाव के लिए किए जाने वाले उपायों कि प्रति संवेदनशील बनाना.सार्वजनिक स्थलों पर बाढ़ सुरक्षा के संबंध में जल निकाय संरक्षण  अंतर्गत आहर , पैईन, पोखर ,तालाब आदि को अतिक्रमण से मुक्त कराने का अभियान चलाना.स्वस्थ विभाग द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चलंत चिकित्सा केंद्र ,वोट पर चिकित्सा केंद्र, ब्लीचिंग पाउडर , हैलोजेन टाबलेट, सांप काटने की दवा आदि की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया.बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता रखने का निर्देश दिया गया. जल संसाधन विभाग द्वारा जिले की नदियों पर बने तटबंधों की सुरक्षा मानक संचालक प्रक्रिया के अनुसार करने का निर्देश दिया गया.जल संसाधन विभाग द्वारा जिला में बाढ़ से अति प्रभावित एवं प्रभावित गांवों को चिंहित कर सूची तैयार करना.प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से बाढ़ की स्थिति में क्या करें , क्या न करें का प्रचार-प्रसार करना.बाढ़ पूर्व नाव का निबंधन, सरकारी नावों की मरम्मती , निजी नाव के नाव मालिक से इकरारनामा.बाढ़ पूर्व सामुदायिक रसोई का स्थल चयन, समुदाय रसोई संचालन के लिए कर्मियों की प्रतिनियुक्ति.बाढ़ पूर्व ऊंचे शरण स्थल का चिन्हीकरण.फूड पैकेट तैयार करने के लिए स्थल का चयन एवं कर्मियों की प्रतिनियुक्ति.जी आर के लिए आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर शत प्रतिशत लाभुकों का डाटा अपडेट करना.तटबंधों का संयुक्त जांच तथा संवेदनशील स्थानों पर कर्मियों एवं बांधों पर गृहरक्षकों की प्रतिनियुक्ति. इस अवसर पर अपर समाहर्ता आपदा, अनुमंडल पदाधिकारी मोतिहारी सदर, जिला कृषि पदाधिकारी प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा प्रबंधन, सभी अंचल अधिकारी ,प्रखंड विकास पदाधिकारी आदि उपस्थित थे.

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