विश्व पटल पर स्थापित हो रही है भारत की शक्ति : राष्ट्रपति - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 4 जून 2022

विश्व पटल पर स्थापित हो रही है भारत की शक्ति : राष्ट्रपति

-power-is-being-established-on-the-world
परौंख, कानपुर देहात, 03 जून, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में स्थित अपने पैतृक गांव परौंख में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि देश को ऐसा प्रधानमंत्री मिला हे जिसके नेतृत्व में भारत की शक्ति विश्व पटल पर स्थापित हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी के परौंख पहुंचने पर राष्ट्रपति कोविंद देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के प्रोटोकाॅल से इतर मेजबान की भूमिका में नजर आये। मौका था, उनके साथ प्रधानमंत्री मोदी के उनके पैतृक गांव में आगमन और भ्रमण का। राष्ट्रपति कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने के लिये बतौर मेजबान हेलीपैड पर पहुंच गये। मोदी ने राष्ट्रपति के पैतृक गांव में एक कार्यक्रम के दौरान इसका जिक्र करते हुए कहा कि प्रोटोकॉल को दरकिनार करना राष्ट्रपति कोविंद के स्वभाव में ‘अतिथि देवो भव’ के संस्कारों का परिणाम है। मोदी ने कहा, “परौंख की मिट्टी से राष्ट्रपति जी को जो संस्कार मिले हैं, उसकी साक्षी दुनिया बन रही है। प्रोटोकॉल से बाहर निकलकर उन्होंने मुझे हैरान कर दिया, जब वह मुझे हेलीपैड पर रिसीव करने आये। मैं बड़ी शर्मिंदगी महसूस कर रहा था। जब मैंने यह बात कही तो उन्होंने कहा कि मैं यहां अतिथि का सत्कार करने आया हूं, मैं गांव के नागरिक के रूप में स्वागत कर रहा हूं। ‘अतिथि देवो भव’ के संस्कार के लिए मैं राष्ट्रपति जी को प्रणाम करता हूं” प्रधानमंत्री मोदी के साथ गांव में भ्रमण करने के बाद आयोजित विशेष जनसभा में राष्ट्रपति ने यहां आने के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताया और साथ ही उनके नेतृत्व की मुक्तकंठ से सराहना की। जनसभा में राष्ट्रपति ने गत दिनों प्रधानमंत्री के जापान दौरे में वहां रह रहे भारतवंशियों से संवाद के दौरान दिये गये उस वक्तव्य का जिक्र किया जिसमें मोदी ने कहा था कि, ‘मुझे मक्खन पर नहीं, पत्थर पर लकीर खींचने में मजा आता है।’ राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे सपूत पर समूचे देशवासियों को गर्व है। आज उनके नेतृत्व में भारत की शक्ति विश्व पटल पर स्थापित हुई है। मोदी ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो देश के हर व्यक्ति के जीवन को सुखमय बनाने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर ने जिस सर्वसमावेशी और समता, समानता वाले देश-समाज की परिकल्पना की थी, नरेंद्र मोदी उसे साकार कर रहे हैं। बाबा साहब के सपनों को साकार करने की दिशा में प्रधानमंत्री द्वारा किए जा रहे कार्य अनुकरणीय हैं। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि परौंख जैसे गांव के लोगों से मिलने आना प्रधानमंत्री की उदारता और सहृदयता का द्योतक है। यह गांव की मिट्टी की ताकत है जिसने प्रधानमंत्री को यहां बुला लिया। उन्होंने कहा, “जब भी अपनी मातृभूमि पर गांव आता हूं, मातृशक्ति की आराधनावश गांव की मिट्टी को सहज ही माथे से लगा लेता हूं। हमनें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में भी मातृशक्ति के प्रति अगाध आस्था देखी है। आज हम जो भी हैं, मातृभूमि और मातृशक्ति के आशीर्वाद से हैं।” उन्होंने राष्ट्रपति पद पर अपने निर्वाचन का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दिया। भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव के मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की जिम्मेदारी देने की पहल मोदी ने ही की थी। इसके पहले कहा जाता था कि देश को नौ प्रधानमंत्री देने वाले उत्तर प्रदेश से एक भी राष्ट्रपति नहीं बना। राष्ट्रपति ने एक संस्मरण साझा करते हुए कहा कि करीब 50-55 साल पहले परौंख में राजनीतिज्ञ के रूप में डॉ राम मनोहर लोहिया का आगमन हुआ था। तब खुद उन्होंने और उन जैसे अनेक ग्रामीणों ने पहली बार जीप देखी थी। आज प्रधानमंत्री के परौंख में आने से यहां के लोग दुर्लभ ऐतिहासिक घटना के साक्षी बने हैं। इससे पहले गांव में स्थित पथरी माता मंदिर में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने पूजा अर्चना की। इस अवसर पर देश की प्रथम महिला सविता कोविंद भी मौजूद थीं। इस दौरान राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने परौंख स्थित डॉ. बीआर अंबेडकर भवन पर बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्पार्चन कर उन्हें भावांजलि अर्पित की। इसके बाद राष्ट्रपति कोविंद प्रधानमंत्री मोदी, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के साथ अपने पैतृक आवास ‘मिलन केंद्र’ पर पहुंचे। राष्ट्रपति के पैतृक आवास को सार्वजनिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों के लिए दान कर दिया गया है। मिलन केंद्र में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर आत्मनिर्भरता की डगर पर चल पड़ी महिलाओं से मुलाकात की। उनके काम के बारे में जाना और उनका उत्साहवर्धन किया। समूह की महिलाओं ने अपने बनाये उत्पादों को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेंट किया। इस अवसर पर एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया गया था। राष्ट्रपति कोविंद और प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के साथ परौंख गांव में लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस प्रदर्शनी के जरिए यह दर्शाया गया था कि केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं, खासकर कृषि योजनाओं और ओडीओपी का लाभ कैसे परौंख गांव को मिला है। प्रदर्शनी स्थल पर लाल भिंडी की खेती को लेकर प्रदर्शित स्टॉल के पास राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने कुछ देर चर्चा भी की। प्रदर्शनी के अवलोकन के उपरांत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने ‘मेरा परौंख, मेरी धरोहर’ सेल्फी प्वाइंट के पास फोटो भी खिंचवाई।

कोई टिप्पणी नहीं: