- वर्षापात,तटबंधों एवम नदियों के जल स्तर पर सतत निगरानी का दिया निर्देश। जिले के सभी पुल पुलिया के भेँट की ससमय सफाई करने का दिया निर्देश, लंबित डीसी बील का अविलम्ब निष्पादन का दिया निर्देश।
मधुबनी, डीएम की अध्यक्षता में जिले में बाढ़ पूर्व तैयारियो को लेकर जिले के सभी अनुमंडल पदाधिकारियों, अंचल अधिकारियों एवम जिला स्तरीय सभी अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ पूर्व तैयारियो को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखकर इसे ससमय पूर्ण कर ले। डीएम ने कहा कि ससमय पूरी तैयारी के द्वारा ही हम बाढ़ के प्रभाव को कम से कम कर सकते है। पॉलीथिन सीट की उपलब्धता की समीक्षा के क्रम में जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी परिमल कुमार ने बताया कि वर्तमान में जिले में 30661 पॉलीथिन सीट उपलब्ध है अंचल अधिकारियों द्वारा 40600 और पॉलिथीन सीट की मांग की गई है जिसके आलोक में पॉलिथीन सीट की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।वर्तमान में जिले में कुल 187 सरकारी नाम है । जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अंचल अधिकारी ये सुनिश्चित करें कि निजी नाव चालकों को विगत वर्षों की बकाया राशि का भुगतान ससमय कर दे।उन्होंने कहा कि आवश्यकता का आकलन करते हुए और भी निजी नावों के लिए एकरारनामा कर ले। समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि जिले में वर्तमान में 15 मोटरवोट उपलब्ध हैं जिसकी एसडीआरएफ की टीम के द्वारा जांच कर ली गई है। उन्होंने स्थाई बाढ़ आश्रय स्थल के साथ साथ अस्थाई बाढ़ आश्रय स्थल के समीक्षा के क्रम में कहा कि बाढ़ आश्रय स्थल में पेय जल ,शौचालय आदि मूलभूत व्यवस्थाएं का भौतिक सत्यापन कर ले। उन्होंने संचार योजना के समीक्षा के क्रम में अधिकांश सीओ द्वारा बाढ़ संभावित क्षेत्रों में तैयारियों से जुड़े सभी स्तर के लोगों,जनप्रतिनिधियों आदि के नाम और उनके मोबाइल नंबर सहित एक ठोस संचार प्लान बना बना ली गई है,साथ हीं उसकी एक प्रति जिला आपदा प्रबंधन शाखा को सौप दी गई है। उन्होंने सिविल सर्जन, मधुबनी को निर्देश दिया कि बाढ़ राहत कार्य से जुड़ी आवश्यक दवाइयों का समय से स्टॉक कर लिया जाए। इनमे सभी जीवन रक्षक दवा,हेलोजन की गोलियां , ब्लीचिंग पाउडर आदि भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हों।
जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित ऐसे गांव भी हो सकते हैं, जहां शायद बसावट में पानी न भी हो परंतु संपर्क मार्ग जल बाधित हो जाए। ऐसे में नौका एंबुलेंस की आवश्यकता होगी। अतः नौका एंबुलेंस की समुचित व्यवस्था की जाए। इतना ही नहीं, लाइफ सेविंग जैकेट भी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध होने चाहिए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिले के सभी बाढ़ संभावित क्षेत्रों के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा सभी आंगनवाड़ी केंद्रों से उनके पोषक क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों की सूची प्राप्त की जाए और जिला आपदा प्रबंधन शाखा को समर्पित की जाए,ताकि, संभावित बाढ़ की विभीषिका के दौरान उन तक पर्याप्त सहायता पंहुचाई जा सके। उन्होंने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल, मधुबनी के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि विभाग द्वारा नए चापाकाल लगाए जाने की जितनी संख्या निर्धारित की गई है, उनमें बाढ़ संभावित क्षेत्रों को जल आपूर्ति के मद्देनजर प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने इस संबंध में सभी अनुमंडल पदाधिकारी यों को इसकी सतत मॉनिटरिंग करने का भी निर्देश दिया।उन्होंने जिले के सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी अपने क्षेत्राधीन बांधो का का निरीक्षण कर लें। यदि किसी स्थान पर उन्हें बांध की वर्तमान संरचना में कोई त्रुटि दिखाई दे तो अविलंब संबधित अभियंता से समन्वय कर उसका त्वरित समाधान कर ले। उक्त बैठक में अपर समाहर्ता, अवधेश राम, उप विकास आयुक्त, विशाल राज(भा0 प्र0 से0) प्रभारी जिला आपदा प्रबंधन शाखा सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, परिमल कुमार, सिविल सर्जन, सुनील कुमार झा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, मधुबनी, नसीम अहमद, जिला कृषि पदाधिकारी, अशोक कुमार सहित अन्य वरीय अभियंता व पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।
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