◆ ’किसी भी क्षेत्र में जलजमाव ना हो, उसी अनुरूप नालों की कराएं सफाई’
◆ ’वैसे क्षेत्र जहां जल निकासी का कोई व्यवस्था नहीं है, वहां कच्ची नालियां काटकर पानी निकासी करावे’
◆ ’मनसरवा नाले के सफाई के दौरान अतिक्रमित मकानों को चिन्हित कर मापी कराते हुए अतिक्रमण मुक्त करावे, ताकि मनसवा नाला द्वारा नालियों का पानी पूरी प्रवाह के साथ डिस्चार्ज हो सके’
गया. ’नाला उड़ाही को लेकर नगर निगम के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई.’समाहरणालय सभाकक्ष में जिलाधिकारी, गया डॉक्टर त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में आगामी मानसून के पहले गया जिला अंतर्गत नगर निगम क्षेत्र में किए गए नाला उड़ाही एवं जल जमाव की स्थिति को लेकर समीक्षा बैठक की गई. गया नगर निगम के संबंध में नगर आयुक्त अभिलाषा शर्मा द्वारा बताया गया कि गया जिले में 326 छोटे नाले हैं. जिनमें से 228 नाले की सफाई पूर्ण हो चुकी है एवं शेष नाले की उड़ाही 10 दिनों के अंदर करवा दी जाएगी.गया जिला अंतर्गत तीन भूगर्भ नाले हैं, जिनकी सफाई लगातार चलती रहती है. गया जिला अंतर्गत 8 बड़े नाले हैं, जिनमें मनसरवा नाला, इकबाल नगर, धोबिया घाट, कुजापी नाला,नादरागंज नाला सहित अन्य शामिल हैं.नगर आयुक्त द्वारा बताया गया कि 7 दिनों में सभी बड़े नालों की सफाई पूर्ण रूपेण करा ली जाएगी.नगर आयुक्त द्वारा बताया गया कि आधुनिक मशीन युक्त वाहन, जेसीबी, पोकलेन सहित अन्य विभिन्न उपकरणों के सहयोग एवं पर्याप्त मजदूरों को लगा कर पूरी गहराई से नालो की सफाई करवाई जा रही है, इसकी सतत निगरानी के लिए पदाधिकारियों को फील्ड में भेजा जा रहा है. जिलाधिकारी द्वारा जलजमाव के विषय पर नगर निगम से पूछने पर बताया गया कि नगर निगम के पास 02 बड़े हाई डिस्चार्ज मशीन 27 (एचपी), 4 अदद 5 एचपी का पंपसेट उपलब्ध हैं. जलजमाव की स्थिति होने पर संबंधित पंपसेट के माध्यम से भी पानी की निकासी करवा दी जाएगी.जिला पदाधिकारी ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि पटना बुडको से समन्वय स्थापित कर जलजमाव की स्थिति में आधुनिक पंपसेट का दर एवं संबंधित कर्मी को चिन्हित रखें ताकि भविष्य में जिले में जलजमाव की समस्या होने पर उनसे निपटने के लिए कार्य लिया जा सके.जिलाधिकारी ने नगर निगम को निर्देश दिया कि इस मानसून सीजन में गया जिला के किसी भी स्थानों में जलजमाव की कोई समस्या न हो, यही व्यवस्था रखें. विनोद कुमार बरबिगहिया का कहना है कि वातानुकूलित कमरों में बैठ कर समीक्षा! केवल कागज पर हीं दिखाई देगा, श्रीमान जिलाधिकारी महोदय.जरा धरातल पर आ कर स्वयं देखें.नगर निगम के अधिकारिक कथन में कितनी सत्यता है! आप भी बाहर आएंगे कैसे, प्रचंड गर्मी है, चलिए कम से कम वातानुकूलित गाड़ियों से बाहर झाँक कर तो देख हीं सकते हैं, कि नगर निगम क्षेत्र में कितनी गंदगी पसरा है.नगर निगम के कर्मचारी-पदाधिकारी, पार्षद इत्यादि तो अभी उपमहापौर को मिले डॉक्टरेट सम्मान का उत्सव मनाने में लगा है. नृत्य-गायन, भाषण प्रचार-प्रसार का दौर चल यहा है. उसी तरह अमीत कुमार शाह का कहना है कि माननीय प्रशासन महोदय,आप इस बात का भी संज्ञान ले की जो नाली से कीचड़ निकलता है उसे तत्काल उठा लिया जाय जबकि यह कई दिनों तक रोड पर ही रहता है.और इस भयानक गर्मी में सूख कर वातावरण को दूषित कर रहा होता है. और पूरे रोड़ पर फैल जाता है.दूसरा कीचड़ को निकालने के लिए ढंकी हुई नालियों को तोड़ दिया जाता है. जिससे लोगो को नाली में गिरने का खतरा बना रहता है.सुशील कुमार ने खुलासा किया कि सभी नालों से सिर्फ शराब की बोतलें निकल रही है जनाब, क्या सोचा है?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें