- शुद्ध पेयजल की आपूर्ति, मेडिकल टीम का गठन, दवाओं की उपलब्धता, सर्पदंश, टीकाकरण एवं डिलेवरी आदि को लेकर हुई व्यापक चर्चा।
- नगर निगम क्षेत्र में भी जलजनित बीमारियों यथा डेंगु, मलेरिया, डायरिया आदि बीमारियों के रोकथाम के लिए भी जिलाधिकारी ने दिये कई आवश्यक निर्देश।
मधुबनी, जिला पदाधिकारी के अध्यक्षता में संभावित बाढ़ को देखते हुए जलजनित महामारी के रोकथाम हेतु जिला स्तरीय महामारी रोकथाम समिति की बैठक समाहरणालय स्थित कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित किया गया। उक्त बैठक में जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा की बाढ़ के समय सबसे अधिक पीने के पानी की समस्या होती है। कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमण्डल, मधुबनी को निदेश दिया गया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शुद्ध पीने का पानी की व्यवस्था किया जाय। साथ ही सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चापाकल क्रियाशील है अथवा नहीं, इसकी जाँच कर ली जाय। इसके अतिरिक्त जिन स्थानों पर बाढ़ में चापाकल डूब जाते है, उसमें ब्लीचिंग पाउडर डालकर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाय। जिन स्थानों पर चापाकल से आयरन पानी निकलता है, उसकी जाँच कराकर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने उप विकास आयुक्त को भी निदेश देते हुये कहा कि नल जल योजना के तहत बोरिंग से शुद्ध पेयजल मिल रहा है अथवा नही, इसकी जाँच प्रखण्ड स्तरीय स्वच्छता समिति अभी से करा लिया जाय। साथ हीं डी॰डी॰टी॰ के छिड़काव हेतु असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को कहा कि संभावित बाढ़ के मद्देनजर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डी॰डी॰टी॰ का छिड़काव किया जाना आवश्यक है ताकि जल जनित महामारी से बचा जा सकें,साथ ही चिकित्सा दलों का गठन कर जिन क्षेत्रों में महामारी फैले जाने की सूचना प्राप्त होती है वहाँ पर अस्थायी चिकित्सा केन्द्र खोला जाय तथा वहाँ पर अस्थायी अस्पताल तब तक चलाते रहेंगे, जबतक महामारी पर नियंत्रण नहीं हो जाता है। वहाँ पर सभी कर्मचारी अस्थायी रूप से कार्यरत भी रहेंगे। जिलाधिकारी ने मेगा बाढ़ शरण स्थलों/अन्य बाढ़ शरण स्थलों तथा कोविड विशिष्ट बाढ़ शरण स्थलों की सूची प्रभारी पदाधिकारी, जिला आपदा शाखा से प्राप्त कर सिविल सर्जन को उक्त स्थलों पर अस्थायी मेडिकल कैम्प की कार्ययोजना तैयार करने का निदेश दिये। साथ हीं कतिपय स्थानों पर बोट एम्बुलेन्स/बोट मेडिकल टीम की आवश्यकता भी हो सकती है, पूर्व के वर्षों के आधार पर इस बिन्दु पर भी अनिवार्य रूप से तैयारी करने का निदेश दिया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त करने हेतु प्रभारी पदाधिकारी, जिला आपदा शाखा को निदेश दिया गया कि इस संबंध में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आई॰सी॰डी॰एस॰) से समन्वय स्थापित कर सूची पूर्व से ही प्राप्त कर ली जाय। बाढ़ से प्रभावित होनेवाले संभावित स्थलों पर डिलीवरी किट/डिग्नीटी किट/ की कार्ययोजना भी तैयार करने को कहा गया।
अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण- असैनिक शल्य चिकित्सक-सह- मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं प्रभारी पदाधिकारी, जिला आपदा प्रबंधन शाखा को निदेश दिया गया कि संभावित बाढ़ के मद्देनजर बाढ़ की अवधि में बाढ़ नियंत्रण अनुश्रवण कोषांग का गठन अपने-अपने कार्यालय में करना सुनिश्चित करें जिसमें प्रतिनियुक्त पदाधिकारी एवं कर्मचारी पाली के अनुसार कार्यरत रहेंगे। उक्त बैठक में उप विकास आयुक्त विशाल राज, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी सह प्रभारी आपदा प्रबंधन शाखा, परिमल कुमार, सिविल सर्जन सुनील कुमार सहित जिले के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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