मधुबनी, बाढ़ के पूर्व, बाढ़ के दौरान एवम बाढ़ के बाद,उपायों को अपनाकर बाढ़ से होने वाली क्षति को काफी कम कर सकते है। जिले में आज से बाढ़ सुरक्षा सप्ताह मनाई जा रही है।हमारे मधुबनी जिला बिहार के अधिकतम बाढ़ प्रभावित राज्यों में से एक है l जिले 21 प्रखंडो में से 18 प्रखंड बाढ़ प्रणव है l जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा के नेतृत्व में बाढ़ से बचाव के लिए जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर अनेक उपाय किये जा रहे है l इसी क्रम में जिला प्रशासन, मधुबनी द्वारा जागरूकता एवं बाढ़ पूर्व तैयारी के लिए बाढ़ सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है l इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ से पूर्व, बाढ़ के दौरान एवं बाढ़ के बाद उपायों को अपनाकर बाढ़ से बचने एवं उससे होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है l आम जानता की सुरक्षा के लिए निम्न प्रकार है :-
बाढ़ से पहले........ क़्या करें-----------
• ऊँचे आश्रय स्थल का चयन
• दवाई, रूपये, ज़ेवर एवं जरुरी कागजात, सूखे भोजन आदि तैयार रखना
• नाव, ट्यूब, लाइफ जैकेट, रस्सीयाँ, तारपोलोन शीट आदि की तैयारी
नालियों की सफाई करना
• सुरक्षित रास्तो का चयन तथा बचाव की योजना बनाना
• चेतावनी एवं सूचना पर ध्यान देना व समुदाय में बताना
बाढ़ के दौरान......... क़्या करें
• चेतावनी एवं सूचना पर ध्यान देना तुरंत ऊँचे, सुरक्षित स्थानों पर सपरिवार चले जाना
• पानी उबालकर, ठंडा कर एवं छानकर पीना
क़्या न करें.........
• बाढ़ के पानी में न उतरे
• बिजली के खम्भे के निकट न खड़े रहे
• खुले में शौच न करें
बाढ़ के बाद.......... क़्या करें----------
• मरे हुए जानवरो को गड्ढे में दफनाना
शुद्ध पेयजल हेतु हेलोजेन की गोलियों का प्रयोग
• गंदगी व कुड़ो पर ब्लीचिंग पाउडर के घोल का छिड़काव
क़्या न करें ----------
• बिना सफाई किये हैंडपंप व कुओ का पानी न पिएं
• बिना सफाई किये गंदे घरों में न रहें
राहत व बचत के साधनों को सहेजकर उचित स्थान पुर नहीं रखना
आपदाओ में हर पशुओं का महत्व.......... आपदा से पहले------------
• सुनिश्चित करें कि सभी पशुओं का पहचान चिन्ह हो, जैसे कान पर टैग, ब्रांडिंग, रंगीन टैटू, दस्तावेजी साक्ष्य तैयारी कोई हो
• अपने और अपने पशुओं के लिए एक आपातकालीन कीट तैयार करें
आपदा के दौरान..........
• पशु छोड़ते समय पट्टा, रस्सी, मोहरा एवं गर्दन की रस्सी को उनपर नहीं छोरे क्योंकि इनके द्वारा पशुओं को एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचने में रूकावट आ सकती है l
• पशुओं को एक साथ नहीं बांधे, इसे उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाना और संभालना कठिन होगा l
• पशुओं को उनकी जरूरत है के आधार पर चुने l पशुओं को अन्य जोखिमो में डालने से बचें और गंभीर रूप से प्रभावित पशुओ को झुण्ड से अलग करें l
अपने पशुओ को पर्याप्त चारा, पानी, पशु चिकित्सीय देखभाल औऱ आवास प्रदान करें l
आपदा के बाद..........
• मृत पशुओं का उचित रूप से निवारण करें ताकि संदूषण की रोकथाम हो सके l
पशु आवासो, नादो का विसंक्रमन औऱ सफाई करें l
• अपने मौजूदा और नए लाए गए पशुओं की स्वास्थ्य जांच के लिए टीकाकरण और पेट के कीड़ों के लिए पशु चिकित्सक से सलाह लें l
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें