विश्व पर्यावरण दिवस के संयोजन में, राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान (रा.न.का.सं.) और वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) भारत ने संयुक्त रूप से 'लीडर्स इन क्लाइमेट चेंज' (एल. सी.सी.एम.) की घोषणा की, जो एक अभ्यास-आधारित शिक्षण कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य भारत में क्षेत्रों और भौगोलिक क्षेत्रों में जलवायु कार्रवाई का नेतृत्व करने के लिए शहरी पेशेवरों के बीच क्षमता निर्माण करना है। इस फेस-टू-फेस शिक्षण के कार्यक्रम को सुविधाजनक बनाने के लिए, प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान (एटीआई), मैसूर ने रा.न.का.सं. और डब्ल्यूआरआई इंडिया के साथ आज एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए, जो एलसीसीएम कार्यक्रम का पहला डिलीवरी पार्टनर बन गया। एल.सी.सी.एम. ने भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए एक समन्वित प्रयास की दिशा में मध्य से जूनियर स्तर के सरकारी अधिकारियों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं सहित 5,000 पेशेवरों को सक्षम करने और उन्हें चैंपियन जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और शमन समाधानों के लिए तैयार करने की कल्पना की है। इस शुभारंभ में भारत के शहरी जलवायु लक्ष्यों की दिशा में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया गया। केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री, श्री हरदीप सिंह पुरी ने भारतीय शहरों में जलवायु लीडर्स के बीच क्षमता निर्माण के लिए शिक्षण कार्यक्रम और आधे दिन की कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा, “यह सबसे उपयुक्त और उचित है कि हम कल विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के तुरंत बाद आज (एलसीसीएम) कार्यक्रम का शुभारंभ कर रहे हैं। यह कार्यक्रम न केवल जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए बल्कि हमारी आर्थिक स्थितियों के अनुरुप सतत विकास का एक नया मार्ग प्रशस्त करने के लिए सरकारी कार्यक्रमों की एक लंबी कतार में एक और पहल है।”
मंगलवार, 7 जून 2022
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रानकासं-डब्ल्यूआरआई इंडिया ने लीडर्स इन क्लाइमेट चेंज मैनेजमेंट प्रोग्राम की घोषणा की
रानकासं-डब्ल्यूआरआई इंडिया ने लीडर्स इन क्लाइमेट चेंज मैनेजमेंट प्रोग्राम की घोषणा की
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