इसके लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की भूमिका हैं की वह राहत शिविरों में त्वरित पेयजल की उपलब्धता हेतु चापाकल की स्थापना के लिए सभी आवश्यक सामग्रियोंका भंडारण पूर्व ही के ले I स्वच्छताग्रही के द्वारा गॅाव में उॅचे चबुतरे वाले हैण्डपम्प एवं शौचालय की सूची तैयार करना हैं Iचिन्हित राहत शिविरों में (विद्यालयों/ आंगनबाड़ी केन्द्रों व अन्य स्थानों) स्थापित चापाकल की मरम्मति कर लेना हैं I चापाकल मिस्त्रियों की पहचान कर उन्हें बाढ़ के दौरान अनुबंध के अनुरूप प्रतिनियुक्त करना हैं I हैलोजन टैबलेट एवं ब्लीचिंग पावडर का पर्याप्त मात्रा में भंडारण पूर्व में ही कर लेना हैं तथा संभावित या पूर्व निर्धारित बाढ़ शिविरों में पूर्व से चापाकल की स्थापना करना हैं I ऐसे गावों में जहां पहुंचना कठिन हो उन गावों में पूर्व से ऊंचे प्लेटफार्म सहित चापाकल की स्थापना कर लिया जाये I समय-समय पर पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए निगरानी कमेटी का गठन कर उनको ज़िम्मेदारी सौपना मोबाइल पानी जांच प्रयोगशाला को राहत शिविरों में और बाढ़ का पानी उतर जाने के बाद बाढ़ प्रभावित गावों में भेजकर जांच करवाना तथा चापाकलों को विसंक्रमित करवाना हैं I सभी चापाकल मिस्त्री ने बाढ़ पूर्व तैयारी एवं प्रत्युत्तर हेतु अपने प्रखण्ड स्तरीय कार्यों के संपादन हेतु कार्ययोजना का निर्माण किया I
मधुबनी, जिला पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में तथा कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग मधुबनी के अध्यक्षता में आज दिनांक 25 -06-2022 स्थान PHED कार्यालय मधुबनी के प्रांगन में PHED विभाग के सभी लैब टेकनीशियन,कनीय अभियंता तथा चापाकल मिस्त्री को बाढ़ पूर्व तैयारी ,प्रत्युत्तर तथा बाढ़ रिकवरी के लिए की जाने वाली कार्यो में उनके भूमिका पर प्रशिक्षण तथा यूनिसेफ बिहार द्वारा प्राप्त 8 यूनिट रिलीफ कैंप में उपयोग होनेवाले “AP 700 CL वाटर फिटर” का टेस्टिंग प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया I लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता श्री संतोष कुमार ने बताया की मधुबनी जिला बाढ़ के दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील हैं, जिला में मानसून दस्तक दे चुका हैं हम अपने कार्य के प्रति सजग और तत्परता से बाढ़ पूर्व तैयारी तथा स्थिति गंभीर होने पर त्वरित अनुक्रिया का कार्य करेंगे I जीवन में जल का बहुत बड़ा महत्त्व हैं ,एक व्यक्ति सुबह बिस्तर त्याग करता हैं और रात में तोनिंद लेता हैं उस समय भी जल का काम आता हैं I बाढ़ के दौरान हर स्तर पर पेयजल दूषित हो जाता हैं इसके लिए शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए यूनिसेफ बिहार द्वारा मोबाइल वाटर फिटर प्राप्त सामग्री आपदा के दौरान बहुत ही जीवन उपयोगी होगा इसके महत्ता को समझते हुए बाढ़ आपदा के दौरान रिलिफ कैंप में इसे सुरक्षित जगह पर लगाना है ताकि उस दौरान स्थानीय विस्थापित व्यक्ति को शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जा सके I यूनिसेफ जिला समन्वयक कमल कामत ने लोगो को बाढ़ पूर्व,दौरान एवं बाढ़ के बाढ़ अपनाने वाली सुरक्षित व्यवहार विषय पर जानकारी दिया और बताये की आपदा के दौरान जल का महत्ता बढ़ जाती हैं उस दौरान PHED विभाग की भूमिका अहम् होता हैं , समुदाय स्तर की जनजागरूकता से लोगो को जल जनित बीमारी से बचाया जा सकता हैं , बाढ़ के दौरान दूषित जल पिने से डाईरिया, टाईफाइड एवं अन्य जल जनित रोगों हो जाते है जिससे समुदाय को काफी जन और धन की क्षति होता हैं I
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