नयी दिल्ली 29 जुलाई, भारत ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड एवं दो अन्य लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई को संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय द्वारा ‘उत्पीड़न’ कहे जाने को अवांछित एवं भारतीय न्याय व्यवस्था में दखलंदाजी करार दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि हमने तीस्ता सीतलवाड एवं दो अन्य लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई को लेकर संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय की टिप्पणी को देखा है। ये टिप्पणी पूरी तरह से अवांछित है और भारत की स्वतंत्र न्याय व्यवस्था में दखलंदाज़ी करती है। श्री बागची ने कहा कि भारत में प्रशासन कानून का उल्लंघन होने पर स्थापित न्यायिक प्रक्रिया के अनुरूप ही कार्रवाई करता है। ऐसी कानूनी कार्रवाई को उत्पीड़न कहना भ्रामक एवं अस्वीकार्य है।
बुधवार, 29 जून 2022
तीस्ता मामले में UN मानवाधिकार कार्यालय की टिप्पणी अस्वीकार्य
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें