जयपुर 12 जून, राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने तीसरे मुख्यमंत्री कार्यकाल में सियासी संकट झेलने के बावजूद अपने करीब चार साल के शासन में हुए कई चुनावों एवं हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के बाजी मारने से और मजबूत होकर उभरे हैं। राजनीतिक गलियारों में जादूगर के नाम से प्रसिद्ध श्री गहलोत के सामने गत दस जून को राज्यसभा की चार सीटों पर हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा के चुनाव मैदान में उतर जाने से कांग्रेस के तीनों उम्मीदवारों को जीताने की चुनौती खड़ी हो गई थी लेकिन जादूगर कहे जाने वाले श्री गहलोत ने कांग्रेस एवं उसके समर्थित विधायकों को एकजुट रखकर तीनों सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को जीताकर कांग्रेस का दबदबा कायम किया, जिससे उनकी साख बढ़ी। हालांकि इस चुनाव में उन्हें अपने विधायकों एवं समर्थित विधायकों की उदयपुर में बाड़ेबंदी करनी पड़ी। इस चुनाव में कांग्रेस के तीनों दिग्गज नेताओं के चुने जाने से कांग्रेस आलाकमान एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं में श्री गहलोत की साख बढ़ी हैं वहीं राजस्थान में कांग्रेस की एकजुटता साबित हुई हैं और इससे श्री गहलोत कांग्रेस में और मजबूत हुए हैं। इससे पहले गत 13 से 15 मई को उदयपुर में कांग्रेस के नव संकल्प शिविर का सफल आयोजन कराकर अपनी छाप छोड़ चुके हैं।
चुनाव में श्री गहलोत की जादूगरी के आगे भाजपा की विधायकों से अपील और निर्दलीय प्रत्याशी श्री चंद्रा के कांग्रेस के क्रोस वोट एवं अन्य विधायकों के समर्थन के दावे खोखले साबित हो गये। जीत के बाद श्री गहलोत ने कहा कि राज्य में उनकी कांग्रेस सरकार के सुशासन एवं एकजुटता के कारण कांग्रेस जीती। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस एवं उसके समर्थित विधायकों ने एक नई परंपरा कायम की है जिसमें भाजपा के धनबल और बाहुबल को हराया है वहीं भाजपा द्वारा की गईं खरीद-फरोख्त की कोशिशों को करारा जवाब दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश की जनता का विश्वास और मजबूत होने के साथ प्रदेश का मान-सम्मान पूरे देश में ऊंचा हुआ है। उन्होंने कहा कि पूरे मुल्क में संदेश जा चुका है कि राजस्थान में कांग्रेस एकजुट है और आने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी हमने शुरू कर रखी है और यह जीत देशवासियों एवं प्रदेशवासियों को एक संदेश दे रही है। इस जीत के बाद श्री गहलोत ने यह भी कह दिया कि इस बार राजस्थान में सुशासन हुआ और उन्हें लग रहा है कि हमें इस बार पुनः जनता का आशीर्वाद मिलने वाला है। इससे पहले प्रदेश में वर्ष 2020 में हुए राज्यसभा की तीन सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस ने दो सीटें जीतकर बाजी मारी थी जबकि एक सीट पर भाजपा का उम्मीदवार जीता था। श्री गहलोत के तीसरे कार्यकाल में आठ विधानसभा उपचुनाव हुए उनमें कांग्रेस ने छह सीटें जीतकर अपना दबदबा दिखाया था। इन चुनावों में प्रतापगढ़ जिले के धरियावद में भाजपा तीसरे स्थान पर पहुंच गई वहीं उदयपुर जिले के वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार हिम्मत सिंह झाला जमानत तक नहीं बचा पाये। वर्ष 2020 में जयपुर, जोधपुर और कोटा शहर के छह नगर निगमों में हुए चुनाव में कांग्रेस ने चार निगमों में अपने महापौर बनाने में कामयाब रही। इसके बाद 2021 में 90 नगर निकाय चुनाव में भी कांग्रेस ने भाजपा से ज्यादा सीटें जीतकर अपना दबदबा दिखाया। इससे पहले वर्ष 2019 में हुए नगर पालिका चुनाव में भी 49 में से 28 नगरपालिकाओं में जीत दर्ज कर बाजी मारी। इतना ही नहीं सितम्बर 2021 में पंचायत चुनाव में भी कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन रहा।
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