हैदराबाद, नौ जून, दिल्ली पुलिस पर ‘द्विपक्षवाद’ और ‘संतुलनवाद’ से ग्रस्त होने का आरोप लगाते हुए एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि पुलिस द्वारा उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद वह अब अपने वकीलों से परामर्श करेंगे एवं इस मुद्दे से निपटेंगे लेकिन वह ऐसी हरकतों से ‘झुकेंगे’ नहीं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि दिल्ली पुलिस ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा एवं नवीन कुमार जिंदल, एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी, विवादास्पद पुरोहित यति नरसिंहानंद और अन्य के विरूद्ध सोशल मीडिया पर जन शांति के खिलाफ कथित रूप से पोस्ट करने या संदेश साझा करने तथा लोगों को विभाजनकारी आधार पर भड़काने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की है। ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘‘जहां तक मेरे विरूद्ध प्राथमिकी की बात है तो हम, जब भी जरूरत महसूस होगी तो, अपने वकीलों के साथ परामर्श करेंगे और इससे निपटेंगे। नफरत भरे भाषण की आलोचना और नफरतभरा भाषण समान नहीं हो सकते हैं। ’’
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘ दिल्ली पुलिस ‘‘ द्विपक्षवाद’’ या ‘‘संतुलनवाद’’ से ग्रस्त है। एक पक्ष ने खुलेआम हमारे पैगंबर का अपमान किया है जबकि अन्य पक्ष को भाजपा समर्थकों को तुष्ट करने और यह दिखाने के लिए नामजद किया गया है कि दोनों पक्षों की ओर से नफरतभरा भाषण दिया गया। ’’ उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘नफरतभरा भाषण’’ सत्तारूढ़ पार्टी के प्रवक्ताओं तथा भाजपा से निकटता रखने वाले ‘धर्मगुरूओं ’ ने दिया जिसकी तुलना सोशल मीडिया पर अचानक किये गये पोस्ट से की जा रही है और ऐसे पोस्ट के प्रति कोई सामाजिक या राजनीतिक पक्ष भी नहीं है। उन्होंने कहा , ‘‘ मेरे मामले में प्राथमिकी तो यह भी नहीं बता रही है कि क्या आपत्तिजनक/अपमानजनक था।’’ हैदराबाद के सांसद ने कहा कि प्राथमिकी के अंश में यह जिक्र नहीं है कि अपराध क्या है और पुलिस ने ‘‘हथियार या पीड़ित के खून बहकर दम तोड़ देने’ का उल्लेख नहीं किया है । उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ यति, ‘नरसंहार संसद गैंग’, नुपुर , नवीन और अन्य की ऐसा करने (आपत्तिजनक बयान देने) की आदत-सी हो गयी थी क्योंकि ऐसा करने का कोई दुष्परिणाम नहीं था तथा कमजोर कार्रवाई भी तब की गयी जब हफ्तों तक असंतोष बना रहा या अंतरराष्ट्रीय छिछालेदार हुई या अदालत ने पुलिस की खिंचाई की। ’’ ओवैसी ने आरोप लगाया कि मुस्लिम विद्यार्थियों, पत्रकारों एवं कार्यकर्ताओं को बस इस्लामिक आस्था से संबंध रखने के गुनाह में जेल में डाल दिया गया । उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हवाला देते हुए कहा कि हिंदुत्व संगठनों की ऐसी संस्कृति है जहां नफरतभरे भाषण एवं चरमपंथ के बदले प्रोन्नतियां मिलती हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नफरत भरे भाषण’ पर भी इनाम मिला। उन्होंने लिखा, ‘‘ यदि मोदी इतने ही ईमानदार होते तो वह बिना फर्जी संतुलनवाद किये नफरतभरे भाषण की प्रवृति को उखाड़कर फेंक चुके होते । नरसंहार वाले नफरत भरे भाषण देने वालों को पदोन्नति के बजाय गैर-जमानती कड़े कानूनों के तहत सलाखों के पीछे डालिए। ’’
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