अमेरिका धार्मिक स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाना जारी रखेगा : ब्लिंकन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 3 जून 2022

अमेरिका धार्मिक स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाना जारी रखेगा : ब्लिंकन

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वाशिंगटन, तीन जून, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि भारत में लोगों के साथ-साथ धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अमेरिका दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाता रहेगा। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन सहित अन्य एशियाई देशों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों तथा महिलाओं को भी निशाना बनाया जा रहा है। ब्लिंकन ने बृहस्पतिवार को वर्षिक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट जारी करने के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘अमेरिका दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाना जारी रखेगा। हम ऐसा करने के लिए अन्य सरकारों, बहुपक्षीय संगठनों और नागरिकों के साथ काम करते रहेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी लोगों को उस आध्यात्मिक परंपरा का अनुसरण करने की स्वतंत्रता हो, जो उनके लिए मायने रखती हो।’’ साथ ही ब्लिंकन ने कहा कि इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों के अधिकार कैसे खतरे में हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘उदाहरण के तौर पर भारत में, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और जहां कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं, वहां हम लोगों और धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़ते देख रहे हैं। वियतनाम में अधिकारी गैर-पंजीकृत धार्मिक समुदायों का उत्पीड़न कर रहे हैं। नाइजीरिया में अनेक राज्य सरकारें अपनी आस्था का पालन करने पर लोगों को दंडित करते के लिए उनके खिलाफ मानहानि और ईशनिंदा कानून का सहारा ले रही हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन उन अन्य धर्मों को मानने वालों का लगातार उत्पीड़न कर रहा है, जिन्हें वह चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के सिद्धांत के अनुरूप नहीं मानता। वह बौद्ध, ईसाई, इस्लाम और ताओ धर्म से जुड़े धार्मिक स्थलों को नष्ट कर रहा है। साथ ही ईसाई, मुसलमान, तिब्बती, बौद्ध और फालुन गोंग समुदाय के लोगों की रोजगार तथा आवास तक पहुंच को बाधित कर रहा है।’’ ब्लिंकन ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान में तालिबान के राज में धार्मिक स्वतंत्रता के हालात तेजी से खराब हुए हैं। तालिबान ने खास तौर पर महिलाओं, लड़कियों की शिक्षा, कामकाज आदि के मूलभूत अधिकारों को धर्म के नाम पर समाप्त किया है।’’ उन्होंने कहा कि इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आईएस-के) धार्मिक अल्पसंख्यकों खासतौर पर शिया हजारा समुदाय पर हिंसक हमले कर रहा है। ब्लिंकन ने कहा, ‘‘पाकिस्तान में 2021 में विभिन्न अदालतों ने 16 लोगों को ईशनिंदा के जुर्म में मौत की सजा सुनाई है। हालांकि, मुल्क में अभी किसी भी सजा की तामील नहीं की गई है।’’

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