वाराणसी/लखनऊ : वाराणसी में वर्ष 2006 में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में आज सोमवार को गाजियाबाद जिला एवं सत्र न्यायालय ने आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई। इससे पहले कोर्ट ने 4 जून को आतंकी वलीउल्लाह को दोषी करार दिया था और सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। 2006 के मार्च महीने में वाराणसी के संकटमोचन, कैंट स्टेशन व अन्य इलाकों में एक के बाद एक कई सीरियल ब्लास्ट हुए थे। सिलसिलेवार हुए इन धमाकों में 18 लोगों की मौत हुई थी और 50 लोग घायल हुए थे। शासकीय अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान अदालत को सबूतों के साथ बताया था कि पहला बम धमाका 7 मार्च 2006 को शाम सवा 6 बजे वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र में संकटमोचन मंदिर में हुआ था। इसमें सात लोग मारे गए थे जबकि 26 घायल हुए थे। फिर उसी दिन 15 मिनट के बाद 6.30 बजे दशाश्वमेध घाट थाना क्षेत्र में जम्मू रेलवे फाटक की रेलिंग के पास कुकर बम मिला था। पुलिस की मुस्तैदी के चलते यहां विस्फोट होने से बचा गया था। अदालत ने इन दोनों मामलों में हत्या, हत्या का प्रयास, चोटिल व अंग भंग करने, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व आतंकी गतिविधि के आरोप में आतंकी वलीउल्लाह को दोषी करार ठहराया। सीरियल ब्लास्ट में तीसरा बम धमाका शाम 7 बजे के करीब हुआ। इसमें जीआरपी वाराणसी थाना क्षेत्र में वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर प्रथम श्रेणी के विश्राम कक्ष के सामने विस्फोट किया गया। इस धमाके में नौ लोग मारे गए और 50 लोग घायल हुए थे। इसमें साक्ष्यों के अभाव में अदालत आतंकी वलीउल्लाह को बरी कर दिया था। जानकारी हो कि वाराणसी में अधिवक्ताओं ने वलीउल्लाह की पैरवी करने से मना कर दिया था। हाई कोर्ट के आदेश पर 24 दिसंबर 2006 को यह मामला सुनवाई के लिए गाजियाबाद स्थानांतरित हुआ था। वलीउल्लाह प्रयागराज की फूलपुर स्थित नलकूप कालोनी का रहने वाला है।
सोमवार, 6 जून 2022
वाराणसी सीरियल ब्लास्ट में आतंकी को फांसी की सजा
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