- भारत सरकार के संयुक्त सचिव सह जल शक्ति अभियान के चीफ नोडल ऑफिसर संजीव शंकर ने डीआरडीए सभागार में आयोजित बैठक में जल संरक्षण को लेकर चल रहे कार्यो का किया समीक्षा।
मधुबनी, भारत सरकार के संयुक्त सचिव सह जल शक्ति अभियान के चीफ नोडल ऑफिसर संजीव शंकर आज मधुबनी पंहुचे। उन्होंने डीआरडीए सभागार में आयोजित बैठक में जल संरक्षण को लेकर जिले में चल रहे कार्यो का समीक्षा किया। जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा द्वारा पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जिले में जल संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यो की विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि जल श्रोतों के संरक्षण के द्वारा अगली पीढ़ी को शुद्ध पेय जल मुहैया कराने की सरकार की यह मुहिम अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र के साथ साथ शहरी क्षेत्र के अंतर्गत वृक्षारोपण द्वारा हरित क्षेत्र के विकास को अत्यंत आवश्यक बताया। उनका कहना था कि शहरी क्षेत्रों में कूड़े का उत्सर्जन अधिक होता है। साथ ही जनसंख्या केंद्रीकरण के कारण जल संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। अक्सर हम देखते हैं कि गर्मियों में शहरी क्षेत्र के चापाकल काम करना बंद कर देते हैं, क्योंकि भूगर्भीय पेय जल का स्तर नीचे चला जाता है। इसे देखते हुए हमें समय रहते योजना बनाकर काम करना होगा। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक संसाधनों में जल संसाधन बेहद अहम है, क्योंकि अन्य संसाधनों के विकास में इसका अहम योगदान है। ऐसे में जल संरक्षण आज की आवश्यक आवश्यकताओं में शुमार है। बैठक को सम्बोधित करते हुए संयुक्त सचिव ने जल संरक्षण की दिशा में सरकारी तंत्र के साथ साथ आम लोगों की भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण की योजना में अन्य कई पहलू जैसे वृक्षारोपण, जल श्रोतों का प्रदूषण से संरक्षण, जल श्रोतों को अतिक्रमण से मुक्ति, मृदा संरक्षण, जैविक कृषि, ऊर्जा संरक्षण आदि शामिल हैं। ऐसे में जल शक्ति अभियान की सफलता में सरकारी तंत्र के साथ साथ आम जनों की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि सभी मिलकर इस दिशा में कदम उठाएंगे तो निश्चय ही आने वाली पीढ़ी को हम सुरक्षित पेय जल भंडार दे सकेंगे। उन्होंने जल शक्ति अभियान की सफलता के लिए पुराने पोखर, आहार और पाइन के पुनरूद्धार, सार्वजनिक कुओं का संरक्षण, सार्वजनिक कुओं और चापकलों के समीप सोकपिट निर्माण, चेक डैम जैसे जल संग्रह के भौतिक निर्माण, रूफ टॉप रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण, वृक्षारोपण, सौर ऊर्जा को बढ़ावा आदि पर विस्तार से चर्चा की। उनके द्वारा ऐसी नदियों से जहां सालो भर अधिक जल प्रवाह होता है से कम प्रवाह वाले नदियों में जल को वितरित किए जाने के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। उक्त बैठक में माननीय सदस्य बिहार विधान सभा, ,समीर कुमार महासेठ,जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा,अपर समाहर्ता, अवधेश राम, उप विकास आयुक्त विशाल राज सहित जिले के विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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