- सीडीपीओ नियमित रूप से अपने क्षेत्राधीन आंगनवाड़ी केंद्रों का करे नियमित रूप से निरीक्षण। निरीक्षण का सकरात्मक परिणाम नजर आनी चाहिये।-जिलाधिकारी।
मधुबनी, जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में बाल विकास परियोजना से संबंधित समीक्षा बैठक आयोजित की गई।समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि रिक्तियों के विरुद्ध सेविकाओं का चयन अभियान चलाकर किया जाए। उन्होंने जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में पेयजल एवं शौचालय की स्थिति की समीक्षा की और निर्देश देते हुए कहा कि सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर इसकी समुचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि सभी सीडीपीओ नियमित रूप से अपने क्षेत्राधीन आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करें। वे स्वयं इसकी पड़ताल करेंगे। यदि, उनके निरीक्षण के क्रम में किसी आंगनवाड़ी केंद्र में अनियमितता पाई जाएगी तो वरीय से कनीय तक सभी पदाधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने पूछा कि जिले में किए जा रहे निरीक्षण के दौरान क्या सभी केंद्रों पर संतोषजनक कार्य पाए गए? यदि नहीं, तो निरीक्षण के बाद कितने सेविकाओं पर मानदेय कटौती की कार्रवाई की गई? उन्होंने कहा कि आपके निरीक्षण का सकरात्मक परिणाम नजर आनी चाहिये। उन्होंने कहा कि सेविका एवं सहायिकाओं को आवंटन रहने की स्थिति में मानदेय देने में अनावश्यक विलंब न किया जाए। उन्होंने कहा कि सेविका एवं सहायिकाओं के द्वारा कोरोना के सभी डोज लेना सुनिश्चित किया जाए। पोषाहार योजना की समीक्षा करते हुए कहा उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में बच्चों का पोषाहार प्रभावित नहीं होना चाहिए। इसके अतिरिक्त संस्थागत प्रसव, एमपीआर, लंबित डीसी विपत्र, न्यायालय वाद, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना आदि की भी जिलाधिकारी द्वारा समीक्षा की गई। उक्त बैठक में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी शोभा सिन्हा सहित जिले की सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी उपस्थित थी।
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