नालंदा, जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में आज हरदेव भवन सभागार में जिला स्तरीय समीक्षात्मक बैठक आहूत की गई.कुशल युवा कार्यक्रम के संदर्भ में बताया गया कि जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र में कुल 60 हजार 747 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 60 हजार 694 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से अब तक श्रम संसाधन विभाग को 60 हजार 168 आवेदन ऑनलाइन हस्तांतरित किए गए हैं. मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना तथा कुशल युवा कार्यक्रम के तहत कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से अब तक 55 हजार 451 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अब तक 9545 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया, जिनमें से 3439 युवाओं का सफल प्लेसमेंट भी किया गया है. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 850, मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना के तहत 760 तथा मुख्यमंत्री अति पिछड़ी जाति उद्यमी योजना के तहत 188 लाभुकों को स्वरोजगार का अवसर मिला है.आपूर्ति की समीक्षा के क्रम में राशन कार्ड से संबंधित आरटीजीएस एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त सभी आवेदनों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. नूरसराय, बिंद, बिहार शरीफ, वेन, गिरियक एवं हरनौत प्रखंड में प्रखंड विकास पदाधिकारी के स्तर पर अधिक आवेदन लंबित पाए गए. संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारियों को त्वरित निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को इसका सतत अनुश्रवण सुनिश्चित करने को कहा गया. आईसीडीएस की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत जन्म प्रमाण पत्र नहीं रहने के कारण कुछ आवेदन स्वीकृति के लिए लंबित हैं.इन सभी आवेदनों के संदर्भ में सक्षम स्तर से निर्धारित प्रक्रिया के तहत जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का निर्देश सभी संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिया गया. आईसीडीएस एवं मनरेगा के अभिसरण से जिला में 200 आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. इनमें से 100 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भूमि चयन की प्रक्रिया की गई है. जिनमें से 80 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कार्य प्रगति पर है. 14 स्थलों पर स्थानीय समस्या के कारण निर्माण कार्य बाधित है। जिलाधिकारी ने समस्या का निराकरण कर अविलंब सभी स्थानों पर निर्माण शुरू कराने का निर्देश दिया तथा निर्माणाधीन योजनाओं को तेजी से पूरा कराने को कहा. स्वास्थ्य विभाग से संबंधित कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आदि के निर्माण के लिए अंचल अधिकारी के माध्यम से जमीन से संबंधित प्राप्त विवरण के आलोक में सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं भूमि सुधार उप समाहर्ता को स्वयं स्थल भ्रमण कर जमीन की उपयुक्तता के प्रति आश्वस्त होने के उपरांत ही प्रस्ताव जिला में भेजने का निर्देश दिया गया. सामाजिक सुरक्षा की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि जिला में विभिन्न पेंशन योजना के लाभार्थियों के जीवन प्रमाणीकरण का कार्य 97.8 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है.लगभग 13 हजार लाभार्थियों का जीवन प्रमाणीकरण का कार्य शेष है. जीवन प्रमाणीकरण के लिए 15 जुलाई अंतिम तिथि निर्धारित है. उक्त तिथि तक जीवन प्रमाणीकरण नहीं कराने वाले लाभार्थियों का पेंशन स्वतः अवरुद्ध हो जाएगा. कबीर अंत्येष्टि अनुदान योजना, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना, मुख्यमंत्री पारिवारिक लाभ योजना, मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना, लक्ष्मी बाई पेंशन योजना, बिहार राज्य निशक्त पेंशन योजना आदि के सभी लंबित आवेदनों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित कराने का निर्देश सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिया गया.
मुख्यमंत्री अन्तर्जातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना के तहत प्राप्त 17 आवेदन में से 15 स्वीकृत एवं मुख्यमंत्री निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना में प्राप्त 17 आवेदन में से 13 स्वीकृत किए गए हैं. जिलाधिकारी ने कहा कि इन दोनों योजनाओं में बहुत कम आवेदन प्राप्त हो रहे हैं, इसके लिए व्यापक प्रचार प्रसार करा कर अधिक से अधिक पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाने का निर्देश दिया गया. मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण छत्र योजना के तहत ‘संबल‘ योजना अंतर्गत दिव्यांगजनों को बैटरी चालित ट्राई साइकिल का निशुल्क वितरण किया जाएगा। इस योजना के तहत 8 जुलाई से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है.जिला में अब तक लगभग 220 आवेदन आ चुके हैं. इस योजना के तहत पहले आओ पहले पाओ सिद्धांत के आधार पर लाभ दिया जाना है. इसलिए अधिक से अधिक पात्र लोगों से आवेदन कराने का निर्देश दिया गया. निःशक्तता प्रमाण पत्र बनाने के लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेष शिविर लगाने का निर्देश दिया गया. लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत जिला में सामुदायिक स्वच्छता परिसर के निर्माण की 368 योजनाओं की स्वीकृति दी गई है.जिनमें से 339 योजनाओं का कार्य प्रारंभ हुआ, उसमें 296 का कार्य पूर्ण हो चुका है. निर्माणाधीन 44 योजनाओं का निर्माण कार्य यथा शीघ्र पूर्ण कराने का निर्देश सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिया गया. जहां भी राशि की आवश्यकता हो, अविलंब मांग करने का निर्देश दिया गया. एलएसबीए के द्वितीय चरण के तहत जिला के 50 पंचायतों में सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट प्रणाली स्थापित करने के लिए कार्य किया जा रहा है. इन सभी चिन्हित पंचायतों में वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण कराया जाना है. 39 पंचायतों में स्थल चिन्हित कर एनओसी प्राप्त हो चुका है, जिसमें से 13 जगह निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है. 26 में लेआउट का कार्य किया जा चुका है. शेष 11 पंचायतों के लिए स्थल चयन की प्रक्रिया सुनिश्चित कराने का निर्देश सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिया गया. इस प्रणाली के तहत आवश्यक उपकरणों के क्रय के लिए 37 पंचायतों द्वारा जेम पोर्टल के माध्यम से टेंडर प्रक्रियाधीन है. जिलाधिकारी ने निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत आवश्यक उपस्करों का क्रय सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया.इन सभी पंचायतों में स्वच्छता पर्यवेक्षक, स्वच्छता मित्र आदि के चयन की रिक्तियों को अविलंब भरने का निर्देश दिया गया. प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत वर्ष 2021-22 के लिए जिला के लिए 32566 आवास का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें से अब तक 31675 की स्वीकृति दी जा चुकी है. लक्ष्य के विरुद्ध स्वीकृति के लिए लंबित उपयुक्त मामलों में अविलंब स्वीकृति की प्रक्रिया पूरा करने का निर्देश दिया गया. स्वीकृति प्राप्त लाभुकों में से 30444 को प्रथम किस्त, 24018 को द्वितीय किस्त तथा 7491 को तृतीय किस्त का भुगतान किया जा चुका है. इनमें से 184 आवास का निर्माण पूर्ण किया गया है. जिलाधिकारी ने सभी पात्र लाभुकों को अगली किस्त की देय राशि का भुगतान करते हुए 15 अगस्त तक आवास निर्माण कार्य पूरा कराने पर विशेष बल देने का निर्देश सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिया. मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना (क्लस्टर हाउस) के तहत जिला के एकंगरसराय, गिरियक, सिलाव, रहुई एवं हिलसा प्रखंड में 111 आवास के निर्माण के लक्ष्य के विरुद्ध 105 का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है. जिलाधिकारी ने शेष 6 आवास का निर्माण कार्य अविलंब पूरा कराने का निर्देश दिया. पंचायत की योजनाओं की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि जिला में चिन्हित 2687 कुओं में से 2284 के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया गया, जिसमें से 1704 कुओं के जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण हो चुका है. इसके साथ ही अब तक 1263 सोख्ता का निर्माण भी किया गया है.
पंचायती राज विभाग द्वारा क्रियान्वित नल जल की योजना के संदर्भ में बताया गया कि जिला में 523 योजनाओं में जलमीनार निर्माण का कार्य नहीं हुआ है. इनमें से जिन योजनाओं में राशि की निकासी की गई है परंतु जल मीनार का निर्माण नहीं हुआ है, वहां संबंधित डब्ल्यू आईएमसी को नोटिस निर्गत कर निर्माण कार्य अविलंब पूरा कराने अन्यथा प्राथमिकी दर्ज करते हुए वसूली के लिए कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश संबंधित प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिया गया. विगत महीनों में विभिन्न स्तरों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर 151 अक्रियाशील योजनाओं को चिन्हित किया गया था. इनमें से अधिकांश योजनाओं में आवश्यक कार्य कराकर योजना को क्रियाशील किया गया है. वर्तमान में 6 योजनाओं का कार्य होना शेष है. जिलाधिकारी ने इन सभी योजनाओं का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया. इसी क्रम में पंचायती राज विभाग द्वारा क्रियान्वित वार्डों में से 109 वार्डों में अतिरिक्त योजना की आवश्यकता का आकलन किया गया था. इनमें से 27 में कार्य पूर्ण किया गया है तथा अन्य 71 में कार्य प्रगति पर है. जिलाधिकारी ने सभी योजनाओं का कार्य उच्च प्राथमिकता देते हुए पूरा कराने का निर्देश दिया. विगत पंचायत चुनाव के बाद सभी वार्डों में नए स्तर से डब्ल्यू आईएमसी का गठन किया जा रहा है.जिला के 3105 वार्डों में से अब तक 2936 वार्डों में नए डब्ल्यू आईएमसी का गठन किया जा चुका है तथा 2325 वार्डों में नए डब्ल्यू आईएमसी को दस्तावेजों का हस्तांतरण सुनिश्चित किया गया है. जिलाधिकारी ने शत प्रतिशत वार्डों में नए डब्लू आईएमसी का गठन कराते हुए नए डब्ल्यू आईएमसी को आवश्यक दस्तावेजों का हस्तांतरण सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया. इसके लिए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी को त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. जिला में वर्तमान में 73 पंचायत सरकार भवन क्रियाशील हैं. नए लक्ष्य के अनुरूप 89 नए पंचायत सरकार भवन का निर्माण ‘पहले आओ पहले पाओ‘ के आधार पर किया जाना है. इसके लिए अब तक 28 पंचायत सरकार भवन के निर्माण के लिए जमीन चिन्हित कर प्रस्ताव भेजा गया है. शेष लक्ष्य के लिए भी जमीन चिन्हित कर प्रस्ताव भेजने का निर्देश सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिया गया. इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी आवश्यक सहयोग लेने को कहा गया. बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, निदेशक डीआरडीए, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रोग्राम पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
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