- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों को 31 जुलाई तक अनिवार्य रूप से कराना होगा केवाईसी अन्यथा योजना के लाभ से होंगे वंचित
नालंदा : इस जिले के जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में आज हरदेव भवन सभागार में जिला उर्वरक निगरानी समिति एवं जिला कृषि टास्क फोर्स की बैठक आहूत की गई. जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्तमान में जिला में 4610 एमटी यूरिया, 1515 एमटी डीएपी, 297 एमटी एमओपी, 3064 एमटी एनपीके तथा 3359 एमटी एसएसपी उर्वरक का भंडार विभिन्न थोक/ खुदरा विक्रेताओं के पास उपलब्ध है. जिलाधिकारी ने सभी प्रकार की उर्वरक की नियमित उपलब्धता सुनिश्चित रखने का निर्देश दिया. बताया गया कि खरीफ 2022-23 के लिए रैक पॉइंट से उर्वरक की आपूर्ति की मॉनिटरिंग के लिए अनिल कुमार सहायक निदेशक पौधा संरक्षण को रैक पदाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है। जिलाधिकारी ने बेना स्थित रैक पॉइंट पर सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दिया. सभी उर्वरक दुकानों पर उर्वरक की बिक्री की मॉनिटरिंग के लिए कृषि समन्वयक /किसान सलाहकार की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करने का निर्देश सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को दिया गया तथा उर्वरक की बिक्री के समय संबंधित प्रतिष्ठान पर उनकी अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा गया. उर्वरक की उपलब्धता एवं दर से संबंधित शिकायतों के लिए जिला कृषि कार्यालय में ’उर्वरक नियंत्रण कक्ष दूरभाष संख्या 06112-231143 पर कार्यरत है।’ कोई भी किसान उर्वरक से संबंधित समस्या की शिकायत उक्त दूरभाष नंबर पर कार्य अवधि के दौरान दर्ज करा सकते हैं. प्राप्त शिकायतों को पंजी में दर्ज कराने तथा इसके निवारण के लिए कार्रवाई की मॉनिटरिंग के लिए सहायक निदेशक (शस्य) को नियंत्रण कक्ष का प्रभारी बनाया गया है. उर्वरक की उपलब्धता एवं कालाबाजारी को रोकने के उद्देश्य से उर्वरक प्रतिष्ठानों की छापेमारी की जा रही है. जिला में थोक उर्वरक के 32 प्रतिष्ठान तथा खुदरा उर्वरक के 745 हैं. 65 प्रतिष्ठानों में छापामारी की गई है. जिनमें से 4 मामले में अनुज्ञप्ति निलंबित किया गया, 6 मामले में स्पष्टीकरण पूछा गया तथा एक अनुज्ञप्ति रद्द किया गया है. जिलाधिकारी ने नियमित रूप से सभी उर्वरक प्रतिष्ठानों के स्टॉक का सत्यापन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.वर्षापात की स्थिति के संबंध में बताया गया कि जुलाई माह तक जिला में सामान्य से लगभग 59 प्रतिशत कम वर्षापात हुआ तथा जुलाई माह में सामान्य से लगभग 78 प्रतिशत कम वर्षापात दर्ज किया गया. वर्तमान में निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध धान का 5.6 प्रतिशत तथा मक्का का 18 प्रतिशत आच्छादन हुआ है. अल्प वृष्टि को देखते हुए जिलाधिकारी ने 2 दिनों के अंदर जिले के लिए आकस्मिक फसल योजना की संपूर्ण कार्य योजना की तैयारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. जैविक कॉरिडोर के तहत 28 समूहों के माध्यम से 2494 किसानों को शामिल कर 1855 एकड़ क्षेत्रफल में जैविक खेती की जा रही है. इन सभी कृषक समूह के जैविक उत्पादों की बिक्री के लिए सभी प्रखंडों में उनके दूरभाष नंबर का प्रदर्शन कराया गया है. जिलाधिकारी ने जैविक उत्पादों के बेहतर मार्केटिंग के लिए आवश्यक संसाधनों का आकलन कर विभाग को प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया. किसानों से नए केसीसी के 2651 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिन्हें विभिन्न बैंकों को उपलब्ध कराया गया है. आत्मा द्वारा किसानों के अंतर राज्यीय, अंतर जिला एवं जिले के अंतर्गत प्रशिक्षण के लिए निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया. राज्य योजनान्तर्गत निजी तालाबों के निर्माण के लिए जिला के पांच वाटर स्ट्रेस्ड प्रखंड- गिरियक, राजगीर, करायपरशुराय, अस्थावां एवं बिंद में 90 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है. इन प्रखंडों के कोई भी इच्छुक व्यक्ति इस योजना का लाभ लेने के लिए सहायक निदेशक भूमि संरक्षण कार्यालय, बिहार शरीफ में आवेदन कर सकते हैं. मृदा स्वास्थ्य कार्ड के संदर्भ में बताया गया कि जिला में 8 हजार से अधिक मिट्टी के नमूनों का संग्रहण किया गया है. जिनमें से अब तक 4814 मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किया जा चुका है.जिलाधिकारी ने शेष नमूने की जांच अविलंब सुनिश्चित करते हुए सॉइल हेल्थ कार्ड वितरित करने का निर्देश दिया. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जिला में 199423 किसानों को वर्तमान में लाभ प्राप्त हो रहा है. इस योजना के लाभार्थियों द्वारा ई-केवाईसी कराया जाना है. जिला में 49797 लाभार्थियों द्वारा ई-केवाईसी नहीं करवाया गया है. ई-केवाईसी सुनिश्चित कराने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। इस तिथि तक ई-केवाईसी नहीं करने वाले लाभुकों को इस योजना का लाभ मिलना स्वत: बंद हो जाएगा. बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, अन्य संबंधित विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी, सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कृषि समन्वयक आदि शामिल थे.
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