जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने वर्चुअल माध्यम से बैठक कर जिले में कम हो रही वर्षापात की स्थित,आकस्मिक फसल योजना भूजलस्तर ,चापाकलों की स्थिति, सिंचाई के साधनों, संभावित बाढ़ पूर्व तैयारियों आदि का किया विस्तृत समीक्षा।
- लम्बित डीसी बिल का अविलम्ब निष्पादन का दिया निर्देश।अभी तक 65 प्रतिशत हुई धान की रोपनी
मधुबनी : जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने वर्चुअल माध्यम से बैठक कर जिले में अब तक वर्षापात की स्थिति, भूजलस्तर ,चापाकलों की स्थिति, सिंचाई के साधनों, संभावित बाढ़ पूर्व तैयारियों आदि को लेकर विस्तृत समीक्षा किया। उन्होंने समाहरणालय स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष से सभी जिला स्तरीय ,अनुमंडल एवम प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियो के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठक कर सर्वप्रथम जिले में वर्षापात की वर्तमान स्थिति,बिचड़ा आच्छादन,धान की रोपनी आदि को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी से वर्तमान स्थिति की जानकारी प्राप्त किया। वर्षापात की स्थिति के समीक्षा के क्रम में पाया गया कि 1 जून 2022 से 30 जुलाई,2022 तक 33.2%कम वर्षापात हुई है। इस अवधि में सामान्य वर्षापात 536.4 mm के विरुद्ध वास्तविक औसत वर्षापात 358.2 mm हुई है। इस प्रकार -178.2mm विचलन है। सिर्फ जुलाई माह में 60.2% वर्षापात कम हुई है। जुलाई माह में सामान्य वर्षापात 322.8 के विरुद्ध वास्तविक औसत वर्षापात 128.5mm हुई है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि अभी तक 96 प्रतिशत बिचड़ा आच्छादन हो चुका है, वही अभी तक 65 प्रतिशत धान की रोपनी हुई है। नहरों से पानी की आपूर्ति हो रही है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी संबधित पदाधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए रखे। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग द्वारा बारिश की संभावना व्यक्त की गई है,परंतु हमे हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने सिंचाई विभाग के उपस्थित अभियंताओं को निर्देश दिया की जिन-जिन क्षेत्रों में नहर की व्यवस्था है,वहाँ नहरों के अंतिम छोर तक पानी पहुचाये,उन्होंने नलकूप विभाग को भी निर्देश दिया कि सभी बंद पड़े नलकुपो को अविलंब चालू करवाये। उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को भी निर्देश दिया कि आकस्मिक फसल योजना की भी पूरी तैयारी कर ले,ताकि अगर सूखे की स्थिति उत्पन्न होती है तो इसका लाभ लिया जा सके। समीक्षा के क्रम यह पाया गया कि वर्तमान में सभी महत्त्वपूर्ण नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। उन्होंने निर्देश दिया कम वर्षापात के वावजूद भी नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर बनाये रखे एवम तटबन्धों की 24 घंटे निगरानी भी करते रहे। जिलाधिकारी ने सभी पदाधिकारियों को सतर्कता बरतने का निर्देश देते हुए कहा कि मानसून की वर्षा कभी भी जिले को प्रभावित कर सकती* है,एवम कभी भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है,इसलिये सभी संबधित पदाधिकारी पूरी तरह से अलर्ट मोड में ही रहे। जिले के सभी चिन्हित शरण स्थलों में स्वच्छ पेय जल की आपूर्ति सहित सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध रहे ,इसे सुनिश्चित कर ले। उन्होंने सिविल सर्जन से चिकित्सा संबंधी सभी तैयारियों की जानकारी ली और कहा कि सर्पदंश सहित सभी आवश्यक दवाइयों की कमी न होने पाए। उन्होंने डीसी बिल की समीक्षा के क्रम में कहा कि लंबित डीसी बिल का निष्पादन नही करने वाले पदाधिकारियो पर जबाबदेही कर करवाई की जाएगी। उन्होंने अंचल अधिकारियों से कम्युनिटी किचन के संचालकों के लंबित भुगतान,नाविकों का भुगतान की समीक्षा भी की और कहा कि सभी संवेदकों के बकाया राशि के भुगतान अविलम्ब करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राशि की उपलब्धता नही होने पर उसकी मांग कर ले,परंतु हर हाल में लंबित भुगतान का निष्पादन करे। उन्होंने निर्देश दिया कि सेटेलाइट फोन,लाइफ जैकेट एवम मोटरबोट की नियमित रूप से चेक करते रहे ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित राहत कार्य मे किसी भी प्रकार का अवरोध उत्पन्न नही हो सके। उक्त बैठक में अपर समाहर्ता अवधेश राम, उपविकास आयुक्त विशाल राज ,जिला कृषि पदाधिकारी,डीपीआरओ सह आपदा प्रभारी परिमल कुमार,सिविल सर्जन, सुनील कुमार झा,सहित जिले के सभी वरीय पदाधिकारी कार्यालय कक्ष से और सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचल अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
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