- अगर किसी की संलिप्तता पाई गई, तो उनका ब्यक्तिगत मामला माना जाएगा, घटना का बैज्ञानिक साक्ष्य सबूत के आधार पर सूक्ष्मतम अनुसंधान कराने की जरूरत है
मधुबनी/ 31 जुलाई, भाकपा-माले मधुबनी जिला कमिटी सचिव सह बिहार राज्य कमिटी सदस्य ध्रुब नारायण कर्ण ने रहिका थाना अंतर्गत ककरौल गांव में दिनांक 24 जुलाई को घटित दुखद घटनाओं में भाकपा-माले की संलिप्तता को खारीज करते हुए कहा है कि अगर किसी की संलिप्तता पाई जाती है तो उनका ब्यक्तिगत मामला माना जाएगा और उसे पार्टी का मामला मानना गलत होगा। इसलिए पुलिस प्रशासन को घटना का बैज्ञानिक साक्ष्य सबूत को आधार बनाकर सूक्ष्मतम अनुसंधान करना चाहिए। जिला सचिव ने आगे कहा 24 जुलाई को घटना के समय ही पुलिस अधीक्षक महोदय से हमारी टेलिफोनिक बातें हूई थी, जिसमें मैंने स्पष्ट कर दिया था कि ककरौल में घटित हो रहें घटनाओं में भाकपा-माले की संलिप्तता का कोई मामला नहीं हो सकता है। क्योंकि यह माले के सिस्टम व निर्णय के अनुकूल नहीं है। फिर परिषद बाजार मधुबनी में भी मैंने मिडिया को बाईट दिया था जिसमें ये बातें कहीं थी। इसके बावजूद भी जब मेरा नाम सहित कई माले नेताओं का नाम मुकदमा में देखा तो दिनांक 26 जुलाई को ककरौल जाकर ग्रामीणों एवं भूस्वामियों से मुलाकात किये। प्रभावित भूस्वामियों ने भी " मुझे यानि ध्रुब नारायण कर्ण एवं मनीष मिश्रा को निर्दोष बताते हुए,धोखे में आप दोनों माले नेता का नाम पड़ गया है।समय आने पर लिखित के भी दें देंगे।"ये बातें स्पष्ट तौर पर कहा गया। अतः भाकपा-माले पुलिस प्रशासन से घटना का बैज्ञानिक साक्ष्य सबूत के आधार पर गहन अन्वेषण कराते हुए निर्दोषों का नाम हटाने की मांग करता है,।
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