नयी दिल्ली, 19 जुलाई, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और अन्य दलों ने दिनों-दिन बढ़ रही महंगाई, कुछ आवश्यक वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लगाये जाने और अग्निपथ योजना के विरोध में राज्य सभा में भोजनावकाश के बाद भी भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी लेकिन भारी हंगामे के बीच ही विदेशी मंत्री एस जयशंकर ने सामूिहक संहार के आयुध और उनकी पिरदान प्रणाली (विधि क्रियाकलाप का प्रतिषेध) संशोधन विधेयक 2022 को पेश किया। उप सभापति हरिवंश ने पहली बार के स्थगन एवं भोजनावकाश के बाद कार्यवाही शुरू करने की कोशिश की तभी विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया जिस पर उन्होंने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी। श्री हरिवंश ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने का समय दिया लेकिन जब वह विधेयक से हटकर बोलने तक उप सभापति ने टोका। जिस पर विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी। इससे पहले सुबह राज्य सभा में नियम 267 के तहत चर्चा कराने की मांग की गयी जिसे सभापति एम वेंकैया नायडू ने अस्वीकार कर दिया। इसके विरोध में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। सभापति ने विधायी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद कहा कि उन्हें विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे तथा कुछ अन्य नेताओं का नियम 267 के तहत महंगाई के मुद्दे पर चर्चा कराने का नोटिस मिला है। सभापति ने कहा कि उन्होंने इन नोटिसों को अस्वीकार कर दिया है। श्री नायडू ने कहा कि जिन मुद्दों को उठाने की बात कही गई है, उन पर अन्य विषयों पर चर्चा के दौरान विचार-विमर्श किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महंगाई के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है लेकिन अभी निर्धारित एजेंडे को निपटाया जाना जरूरी है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने इसका कड़ा विरोध किया। सदस्यों के उग्र तेवर देखते हुए सभापति ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इस तरह मानसून सत्र में लगातार दूसरे दिन महंगाई तथा अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित हुई है। सत्र के पहले दिन भी इसी मुद्दे पर हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।
मंगलवार, 19 जुलाई 2022
विपक्ष के हंगामे के कारण राज्य सभा की कार्यवाही कल तक स्थगित
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