पटना, सांख्यिकीय और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एन.एस.ओ), भारत सरकार की ओर से "पारिवारिक उपभोग, व्यय सर्वेक्षण" का कार्य एक वर्ष के लिए आयोजित की जा रही है, जो जुलाई 2022 से जून 2023 तक चलेगी। सर्वेक्षण कार्य को सफल बनाने के लिए आज से (20 जुलाई) तीन दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन पटना में किया गया। क्षेत्रीय प्रशिक्षण शिविर की अध्यक्षता उप महानिदेशक एन. संगीता, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय पटना ने किया। मौके पर उप महानिदेशक एन. संगीता ने आँकड़ों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये आँकड़े उपभोक्ता मूल्य सूचकांक निर्माण के अलावा रहन-सहन के स्तर, सामाजिक उपभोग व समृद्धि एवं असमानता सहित अन्य सांख्यिकी सूचकांक तैयार करने में प्रयुक्त होते है। सरकार की नीति निर्माण एवं योजनाओं को तैयार करने में ये आँकड़े अत्यन्त महत्वपूर्ण इनपुट प्रदान करते। उन्होंने कहा कि एक साल तक चलने वाले "पारिवारिक उपभोग, व्यय सर्वेक्षण" में खाद्य सामग्री, उपभोग एवं सेवाएं और टिकाऊ वस्तुओं से संबंधित आंकड़े एकत्र किये जाएंगे। इसके लिए संबंधित प्रश्नावली तैयार की गई है। उप महानिदेशक ने कहा कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एन.एस.ओ.) को वर्ष 1950 से एन.एस.एस. के दौर में वैज्ञानिक प्रतिदर्श प्रक्रिया अपना कर सामाजार्थिक आँकड़ें एकत्र करने का दायित्व सौंपा गया है। क्षेत्रीय प्रशिक्षण शिविर का स्वागत संबोधन एम. के. गुप्ता, वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी द्वारा किया गया। शिविर के पहले दिन क्षेत्रीय कार्यालय, पटना के अर्न्तगत उप क्षेत्रीय कार्यालय गया एवं भागलपुर से आये हुये लगभग 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया। निदेशक, अर्थ एवं सांख्यिकी, पटना और पंकज कुमार, उप निदेशक, पटना ने भी इस शिविर में भाग लिया ।
बुधवार, 20 जुलाई 2022
बिहार : पारिवारिक उपभोग, व्यय सर्वेक्षण" हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण
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