बताया गया कि जिला के विभिन्न अंचलों में 189 शरण स्थल तथा 216 सामुदायिक रसोई केंद्र के लिए स्थल चिन्हित किया गया है.मानव दवा की उपलब्धता के बारे में बताया गया कि जिला में कुल 19 प्रकार की आवश्यक दवाओं का भंडार उपलब्ध है. इसी प्रकार 11 प्रकार की पशु दवा का भी भंडार उपलब्ध है. बैठक में उपस्थित सांसद, विधायक गण, जिला परिषद अध्यक्ष द्वारा भी एक एक कर विषय वस्तु से संबंधित अपना फीडबैक एवं आवश्यक सुझाव दिया गया. हिलसा विधायक द्वारा पिलिछ में वाटर लेवल नीचे जाने के कारण पुराने वाटर टावर से जलापूर्ति बाधित होने के बारे में जानकारी दी गई. इस संबंध में मोटर को और भी गहराई में ले जाने की आवश्यकता बताई गई. पंचायतों में छोटे-छोटे खांड़ को भरने की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी गई. इस्लामपुर विधायक द्वारा बंद पड़े राजकीय नलकूपों को प्राथमिकता से आवश्यक मरम्मती कर चालू करने तथा नए चापाकलों के स्थल चयन में जनप्रतिनिधि गण से भी राय लेने का अनुरोध किया गया.विधान पार्षद श्रीमती रीना यादव द्वारा अस्थावां के बेलछी में खराब कृषि ट्रांसफार्मर को बदलने तथा मनीराम अखाड़ा के पास जर्जर 11 हजार वोल्ट के विद्युत तार को बदलने की आवश्यकता के बारे में बताया गया. अस्थावां विधायक द्वारा कृषि ट्रांसफार्मरों को उच्च प्राथमिकता से ठीक कराने, निर्धारित दर पर उर्वरक की उपलब्धता तथा सभी विद्यालयों में कम से कम एक चालू चापाकल की व्यवस्था सुनिश्चित रखने को कहा गया.हरनौत विधायक द्वारा सरकारी नलकूपों के पंचायतों को हस्तांतरण के उपरांत मरम्मती की वर्तमान व्यवस्था में बदलाव लाने का सुझाव दिया गया. वारंटी अवधि के भीतर तथा वारंटी अवधि के बाहर के कृषि ट्रांसफार्मर की सूची उपलब्ध कराने को कहा गया.नए चापाकल लगाने तथा पुराने चापाकलों की मरम्मती में विधायकगण की अनुशंसा को प्राथमिकता देने को कहा गया. उर्वरक निर्धारित दर पर उपलब्ध हो, इसके लिए प्रभावी नियंत्रण की आवश्यकता बताई गई. सांसद श्री कौशलेंद्र कुमार द्वारा कृषि ट्रांसफार्मर को उच्च प्राथमिकता से बदलने तथा नल जल योजना बाधित वार्डों में प्राथमिकता से नया चापाकल लगाने को कहा गया.सभी विधायक गण द्वारा अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति के विधिवत गठन तथा इसकी नियमित बैठक सुनिश्चित करने का मुद्दा भी उठाया गया. रोगी कल्याण समिति के बैठक की सूचना स्थानीय विधायकों को अनिवार्य रूप से देने को कहा गया. प्रभारी मंत्री ने सिविल सर्जन को इसका अनिवार्य रूप से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.नए चापाकल लगाने की प्रक्रिया में सभी विधायकों से भी स्थल की सूची प्राप्त करने का निर्देश दिया गया. इस सूची के आधार पर विभागीय प्रावधान के अनुसार नए चापाकल लगाने का निर्देश दिया गया. विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों को विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन की पूर्व सूचना संबंधित स्थानीय विधायक के साथ अनिवार्य रूप से साझा करने को कहा गया.वारंटी अवधि के भीतर बड़ी संख्या में ट्रांसफार्मर खराब होने को लेकर उन्होंने अप्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि अगर ओवरलोड से अलग दूसरे कारणों से वारंटी अवधि के भीतर ट्रांसफार्मर खराब हो रहे हैं तो यह निश्चित रूप से चिंता का विषय है. ऐसे ट्रांसफार्मरों के खराब होने के कारण की समीक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया. जनप्रतिनिधि गण द्वारा शिक्षकों के प्रतिनियुक्ति को लेकर उठाए गए मुद्दे को लेकर उन्होंने गैर शैक्षणिक कार्य में प्रतिनियुक्त शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति तत्काल प्रभाव से रद्द करने का निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया. विशेष एवं अपरिहार्य परिस्थिति में गैर शैक्षणिक कार्य के लिए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति से पूर्व जिलाधिकारी से अनिवार्य रूप से सहमति प्राप्त करने को कहा गया. बैठक के प्रारंभ में विभिन्न आपदा से तथा अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मृत व्यक्तियों के निकटतम आश्रितों को मुआवजे का चेक का वितरण भी प्रभारी मंत्री एवं अन्य विधायक गण द्वारा किया गया. बैठक में नालंदा सांसद, विधायक हरनौत, विधायक हिलसा, विधान पार्षद श्रीमती रीना यादव, विधायक अस्थावां, विधायक इस्लामपुर, जिला परिषद अध्यक्ष पिंकी कुमारी, जिलाधिकारी, विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी आदि उपस्थित थे.
नालंदा: माननीय मंत्री शिक्षा विभाग-सह- प्रभारी मंत्री नालंदा जिला श्री विजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में आज हरदेव भवन सभागार में जिला में अल्प वृष्टि से उत्पन्न वर्तमान स्थिति तथा संभावित बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक आहूत की गई. जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर द्वारा अल्प वृष्टि से उत्पन्न जिले की वर्तमान स्थिति तथा संभावित बाढ़ पूर्व तैयारी के संबंध में अब तक की उपलब्धी तथा की गई कार्रवाई के संबंध में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से एक-एक बिंदु के बारे में जानकारी दी गई. बताया गया कि वर्तमान वर्ष में विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक, गैर प्राकृतिक एवं कोविड आपदा में मृत/घायल व्यक्तियों के निकटतम आश्रितों/लाभुकों तथा मृत पशुओं के मुआवजे भुगतान के पूर्व के लंबित मामले सहित 557 मामलों में लगभग 23.52 करोड़ रुपये राशि मुआवजे के रूप में भुगतान किया गया है. कोविड-19 से मृत अन्य 66 व्यक्तियों के आश्रितों को मुआवजे का भुगतान प्रक्रियाधीन है. इनमें से वर्ष 2015-16 के 3 मामले, 2017-18 के 8 मामले, 2018-19 के 11 मामले, 2019-20 के 58 मामले, 2020-21 के 85 मामले, 2021-22 के 374 मामले तथा 2022-23 के 18 मामलों में वर्ष 2022 में मुआवजे का भुगतान किया गया है. वर्षापात की वर्तमान स्थिति के संदर्भ में बताया गया कि 1 अप्रैल से 27 जुलाई की अवधि में जिला में सामान्य से लगभग 39 प्रतिशत कम वर्षापात हुआ है. जिले में धान मक्का एवं अन्य फसलों का आच्छादन लक्ष्य के विरुद्ध अभी असंतोषप्रद है.विगत 2 दिनों में वर्षा पात के कारण विभिन्न फसलों के आच्छादन में वृद्धि हुई है. नल जल योजना के तहत पंचायती राज विभाग द्वारा जिला के 2146 वार्ड तथा पीएचडी द्वारा 1245 वार्ड में योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है. फरवरी माह में पंचायती राज विभाग के 200 वार्ड में योजना का आंशिक क्रियान्वयन शेष था, जिसमें योजना का कार्य पूरा हुआ है. फरवरी में ही पीएचइडी की 97 योजनाओं का कार्य आंशिक रूप से अपूर्ण था जिसे पूरा किया गया है. चापाकलों की मरम्मती के संबंध में बताया गया कि 1 मार्च से 22 जुलाई की अवधि में पीएचईडी के बिहार शरीफ कार्य प्रमंडल में 2032 तथा कार्य प्रमंडल हिलसा में 1850 चापाकलों की मरम्मती कराई गई है. चापाकलों की मरम्मती के लिए पंचायत वार रोस्टर का निर्धारण किया गया है. 20 जुलाई से अब तक 39 नए चापाकलों का अधिष्ठापन किया गया है. कृषि ट्रांसफार्मर के संबंध में बताया गया कि वारंटी अवधि के अंतर्गत जिला में कुल 69 ट्रांसफार्मर खराब थे जिनमें से अब तक 41 को संबंधित एजेंसी द्वारा बदला गया है। वारंटी अवधि से बाहर के खराब पाए गए 19 में से सभी 19 ट्रांसफार्मर को ऊर्जा विभाग द्वारा बदला गया है. जिला स्तरीय आपदा नियंत्रण कक्ष दूरभाष संख्या 06112-233168 पर कार्यरत है. नियंत्रण कक्ष में पेयजल, विद्युत ट्रांसफार्मर आदि से संबंधित कुल 102 शिकायत 15 जुलाई से अब तक प्राप्त हुए हैं. जिनमें से 43 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है. शेष शिकायतों का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है. गत वर्षाे में आई बाढ़ के आधार पर जिला में 38 पंचायत पूर्ण रूप से तथा 66 पंचायत आंशिक रूप से बाढ़ प्रभावित चिन्हित किए गए हैं. बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर जिला में उपलब्ध संसाधनों के बारे में जानकारी दी गई.
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