नयी दिल्ली, 04 जुलाई, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि असंवैधानिक तरीके से सर्विसेज को केजरीवाल सरकार से छीनकर केंद्र सरकार अधिकारियों के तबादले कर छह लाख बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। श्री सिसोदिया ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि भाजपा शासित केंद्र सरकार ताश के पत्तों और म्यूजिकल चेयर की तरह दिल्ली सरकार के विभागों के अधिकारियों का तबादला कर रही है। इससे सबसे ज्यादा उच्च शिक्षा प्रभावित हो रही है। वर्तमान में दिल्ली सरकार की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन का समय चल रहा है लेकिन पिछले निदेशक के तबादले के बाद 22 दिनों से उच्च शिक्षा निदेशक के पद पर किसी को नियुक्त नहीं किया गया है। स्कूली शिक्षा बच्चों की नींव को मजबूत करती है। ठीक उसी तरह उच्च शिक्षा नौजवानों के भविष्य को संवारने का काम करती है। लेकिन आज केंद्र सरकार नौजवानों के भविष्य के साथ खेल रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सर्विसेज को दिल्ली की चुनी हुई सरकार से असंवैधानिक रूप से छीन कर ट्रान्सफर पोस्टिंग की शक्ति छीन ली है। अब उन शक्तियों का दुरूपयोग कर ताश के पत्तों को फेंटने के समान दिल्ली के अधिकारियों का ट्रान्सफर कर रही है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में संवैधानिक व्यवस्था के तहत भूमि, पुलिस व पब्लिक आर्डर केंद्र सरकार के पास है। उसके बाद सभी विभाग से संबंधित निर्णय लेने का अधिकार दिल्ली के लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार के पास है लेकिन केंद्र सरकार बेहद बेशर्मी के साथ बाबा साहेब द्वारा बनाए गए संविधान की धज्जियाँ उड़ा रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार ने सर्विसेज को दिल्ली की चुनी हुई सरकार से असंवैधानिक रूप से छीन कर ट्रान्सफर पोस्टिंग की शक्ति छीन ली है और अब उन शक्तियों का दुरूपयोग कर ताश के पत्तों को फेंटने के समान दिल्ली के अधिकारियों का ट्रान्सफर कर रही है। इसका सबसे ज्यादा नुक्सान उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने असंवैधानिक रूप से दिल्ली की चुनी हुई सरकार की ये शक्तियां छीन कर दिल्ली में उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा को पूरी तरह बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा देने का अधिकार राज्य की चुनी हुई सरकार के पास- मुख्यमंत्री के पास है। उनके नेतृत्त्व में हम वर्ल्ड-क्लास स्किल सेंटर बना रहे है, अपनी यूनिवर्सिटीज में रिसर्च का काम कर रहे है लेकिन केंद्र सरकार सर्विसेज को छीन कर उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जा रहे शानदार कामों को रोकने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हाल यह हो चुका है कि किसी शानदार आईडिया पर आज शाम उच्च शिक्षा के डायरेक्टर के साथ चर्चा करो और प्लान बनाओं लेकिन अगले दिन पता चलता है कि केंद्र द्वारा उसका ट्रान्सफर कर दिया गया। केंद्र सरकार ने पूरे सिस्टम का माजक बना दिया है। अगर कोई अधिकारी गलत कर रहा है तो बेशक उसका ट्रान्सफर क्या जाए लेकिन इस बात का क्या औचित्य है कि बिना किसी कारण में हर 2-3 महीने में उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा के डायरेक्टर-सेक्रेटरी का ट्रान्सफर कर दिया जाता है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि शायद केंद्र सरकार को शिक्षा की कोई समझ नहीं है इसलिए उच्च शिक्षा के अधिकारियों के साथ म्यूजिकल चेयर का खेल खेलते हुए उनका ट्रान्सफर कर रही है। उन्होंने कहा कि जैसे स्कूली शिक्षा बच्चों के नींव को मजबूत करती है ठीक उसी तरह उच्च शिक्षा नौजवानों के भविष्य को संवारने का काम करती है लेकिन आज केंद्र सरकार नौजवानों के भविष्य के साथ खेल रही है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने विधान सभा में तबादले का मुद्दा उठाते हुए कहा कि दिल्ली में 2015 में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी तो केंद्र सरकार एक नोटिफिकेशन लेकर आई थी। उस नोटिफिकेशन के हवाले से केंद्र सरकार ने सर्विसेज विभाग यानी कि अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार एलजी को दिए थे। इसके बाद मामला दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में गया। शीर्ष अदालत की पांच जजों की बेंच ने केजरीवाल सरकार को वापस बहुत सारे अधिकार दे दिए। केंद्र सरकार इसके अंदर अभी भी अपनी मनमानी करके अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग करती है। यहां तक भी ठीक था कि आप अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग कीजिए। ऐसे अधिकारी जो अच्छा काम नहीं कर रहे हैं, उनको हटा दीजिए। उन्होंने कहा कि एमसीडी में बिल्डिंग डिपार्टमेंट के जूनियर इंजीनियर सात-सात साल से वहीं पर हैं। मगर उच्च शिक्षा के प्रमुख सचिव का तबादला कुछ दिनों में ही हो जाता है। जबकि माना जाता है कि कोई आईएएस अधिकारी विभाग में आएगा तो उसको 6 महीने सीखने में लग जाता है कि आखिर इस विभाग में क्या है और क्या करना है? तकनीकी शिक्षा और उच्च शिक्षा वह विभाग हैं, जो देश का भविष्य बनाते हैं। इन फैक्ट्रियों में हर साल देश का भविष्य पैदा होता है। अगर आज हिंदुस्तान का नाम पूरे विश्व में है तो वह उन चंद हिंदुस्तानियों के नाम से है, जिन्होंने बहुत अच्छी बड़ी-बड़ी भारत की यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और उच्च शिक्षा ली है। उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और कोका कोला तक पहुंचे हैं। उन लोगों और देश का नाम इसलिए हुआ क्योंकि देश के बड़े शैक्षणिक संस्थानों से पढ़ कर निकले। हर रोज नए संस्थान खोलने हैं, नए पाठ्यक्रम लाने हैं और सिलेबस के अंदर बदलाव करने हैं। बाहर से अच्छे लोगों को यूनिवर्सिटी के अंदर लाना है। इस फील्ड को समझने के लिए छह महीने लगते हैं। इसके बाद आप फिर सरकार का विजन और ट्रेंड्स देखते हैं बदलाव करने के लिए। मगर इतने में पता चलता है कि कुछ महीनों के अंदर अधिकारी बदल दिए जाते हैं।
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