मुंबई, 30 जुलाई, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ‘गुजरातियों और राजस्थानियों के जाने से मुंबई वित्तीय राजधानी का दर्जा खो देगी’ टिप्पणी के लिए शनिवार को आलोचना की और कहा कि उन्होंने मराठी जनता और मराठी गौरव का अपमान करके सारी हदें पार कर दी हैं। श्री ठाकरे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री कोश्यारी ने मराठी लोगों का अपमान किया है और उन्होंने जानबूझकर यह बयान दिया है। उन्होंने कहा कि श्री कोश्यारी ने हद पार कर दी है। उन्हें अपनी कुर्सी का सम्मान करना चाहिए। उन्हें अब भेजने का समय आ गया है। उन्होंने श्री कोश्यारी से मांफी मांगने की भी मांग की। गौरतलब है कि शुक्रवार को अंधेरी में एक चौक जिसका नाम बदलकर दिवंगत शांतिदेवी चंपलालजी कोठारी के नाम पर रखा गया था, उस समारोह कार्यक्रम में श्री कोश्यारी ने कहा था, “ मैं लोगों को कभी-कभी कहता रहता हूं कि अगर गुजरातियों और राजस्थानियों को महाराष्ट्र से हटा दिया जाता है-खासकर मुंबई और ठाणे से, तो पैसा नहीं बचेगा। ” श्री ठाकरे के कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से मराठी में ट्वीट किया गया कि राज्यपाल कोश्यारी ने हिंदुओं को विभाजित करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्यपाल को लेकर निर्णय ले कि यहां किस तरह का व्यक्ति भेजा गया है, अगर वह राज्यपाल के पद का सम्मान नहीं करते, अगर वह मराठी लोगों का अपमान करते हैं, तो उचित निर्णय लिया जाना चाहिए, सभी मराठी और हिंदुओं की ओर से यह उनकी मांग है। उन्होंने कहा कि श्री कोश्यारी ने राज्यपाल के पद का गौरव खो दिया है। उधर, शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सहित विपक्षी दलों ने राज्यपाल की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए इसे अन्य समुदायों विशेषकर महाराष्ट्र के लोगों का अपमान बताया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, “ भाजपा प्रायोजित मुख्यमंत्री के सत्ता में आते ही मराठी मानुस का अपमान शुुरू हो गया। राउत ने ट्वीट किया,“ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, कम से कम राज्यपाल की निंदा करें। यह मराठी मेहनती लोगों का अपमान है। ”
मुंबई, 30 जुलाई, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ‘गुजरातियों और राजस्थानियों के जाने से मुंबई वित्तीय राजधानी का दर्जा खो देगी’ टिप्पणी के लिए शनिवार को आलोचना की और कहा कि उन्होंने मराठी जनता और मराठी गौरव का अपमान करके सारी हदें पार कर दी हैं। श्री ठाकरे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री कोश्यारी ने मराठी लोगों का अपमान किया है और उन्होंने जानबूझकर यह बयान दिया है। उन्होंने कहा कि श्री कोश्यारी ने हद पार कर दी है। उन्हें अपनी कुर्सी का सम्मान करना चाहिए। उन्हें अब भेजने का समय आ गया है। उन्होंने श्री कोश्यारी से मांफी मांगने की भी मांग की। गौरतलब है कि शुक्रवार को अंधेरी में एक चौक जिसका नाम बदलकर दिवंगत शांतिदेवी चंपलालजी कोठारी के नाम पर रखा गया था, उस समारोह कार्यक्रम में श्री कोश्यारी ने कहा था, “ मैं लोगों को कभी-कभी कहता रहता हूं कि अगर गुजरातियों और राजस्थानियों को महाराष्ट्र से हटा दिया जाता है-खासकर मुंबई और ठाणे से, तो पैसा नहीं बचेगा। ” श्री ठाकरे के कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से मराठी में ट्वीट किया गया कि राज्यपाल कोश्यारी ने हिंदुओं को विभाजित करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्यपाल को लेकर निर्णय ले कि यहां किस तरह का व्यक्ति भेजा गया है, अगर वह राज्यपाल के पद का सम्मान नहीं करते, अगर वह मराठी लोगों का अपमान करते हैं, तो उचित निर्णय लिया जाना चाहिए, सभी मराठी और हिंदुओं की ओर से यह उनकी मांग है। उन्होंने कहा कि श्री कोश्यारी ने राज्यपाल के पद का गौरव खो दिया है। उधर, शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सहित विपक्षी दलों ने राज्यपाल की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए इसे अन्य समुदायों विशेषकर महाराष्ट्र के लोगों का अपमान बताया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, “ भाजपा प्रायोजित मुख्यमंत्री के सत्ता में आते ही मराठी मानुस का अपमान शुुरू हो गया। राउत ने ट्वीट किया,“ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, कम से कम राज्यपाल की निंदा करें। यह मराठी मेहनती लोगों का अपमान है। ”
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