श्रीनगर 09 जुलाई, देश में आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने शनिवार को कहा कि अगर वह चुने जाते हैं तो उनकी प्राथमिकताओं में से एक केंद्र से कश्मीर मुद्दे को स्थायी रूप से हल करने और शांति, न्याय, सामान्य स्थिति, लोकतंत्र बहाल करने और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के प्रति शत्रुता को समाप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करना होगा। श्री सिन्हा ने कहा कि यह बेहद खेदजनक है कि न्यायालय ने केंद्र द्वारा इसे रद्द करने के लगभग तीन साल बाद भी जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई शुरू नहीं की है। श्री सिन्हा राष्ट्रपति के रूप में अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने के लिए श्रीनगर में एक दिवसीय दौरे पर थे। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के साथ, श्री सिन्हा ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि यहां के लोगों ने बहुत कुछ झेला है और शांति की उनकी इच्छा पूरी होनी चाहिए। उन्होंने जल्द से जल्द स्वतंत्र और निष्पक्ष विधानसभा चुनाव कराने की भी मांग की। उन्होंने कहा,“अगर राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो उनकी प्राथमिकताओं में से एक सरकार से कश्मीर मुद्दे को स्थायी रूप से हल करने और शांति, न्याय, सामान्य स्थिति, लोकतंत्र बहाल करने और जम्मू-कश्मीर के प्रति शत्रुता को समाप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करना होगा।” उन्होंने कहा,“मैं जम्मू-कश्मीर में जबरन और जोड़-तोड़ करने वाले बदलावों का विरोध करता हूं, केंद्र सरकार कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी के लिए माहौल बनाने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रही है। वादा पूरा करना होगा। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने बहुत कुछ झेला है और शांति की उनकी इच्छा पूरी होनी चाहिए।” श्री सिन्हा ने कहा कि दूसरी बार, जम्मू-कश्मीर के लोग राष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं ले पाएंगे। उन्होंने कहा,“अगर मैं कश्मीर का दौरा नहीं कर पाता तो मेरा अभियान अधूरा रह जाता। यहां की स्थिति देखकर मैं निराश हो जाता हूं, जो सरकार के दावों के विपरीत है।” श्री सिन्हा ने कहा,“अगर ये देशभक्त लोग नहीं हैं, तो हममें से किसी को भी अपने देश के प्रति देशभक्ति का दावा करने का अधिकार नहीं है।”
शनिवार, 9 जुलाई 2022
जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली करना मेरा लक्ष्य : सिन्हा
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