नयी दिल्ली, 11 जुलाई, रुपये पर बढ़ते दबाव के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने दूसरे देशों के साथ आयात तथा निर्यात में रुपये के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय मुद्रा में ही विस्तृत बिल काटने, भुगतान और समाधान की अतिरिक्त व्यवस्था करने का फैसला किया है। रिजर्व बैंक ने सोमवार को एक सर्कुलर में कहा कि विदेशी मुद्रा का कारोबार करने वाले अधिकृत बैंकों/डीलरों को नयी व्यवस्था करने से पहले इसके लिए रिजर्व बैंक के मुंबई कार्यालय के विदेशी विनिमय विभाग से अनुमति लेनी पड़ेगी। यह व्यवस्था विदेशी विनिमय प्रबंध कानून के तहत की जा रही है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि इसके तहत विदेश से आयात और निर्यात के सभी विस्तृत बिजक भारतीय रुपये में तैयार किए जा सकते हैं। इसमें भारत और संबंधित देश की मुद्राओं की विनिमय दर बाजार द्वारा निर्धारित दर रखी जा सकती है। सौदे का समाधान भारतीय रुपये में किए जाएगा। रिजर्व बैंक ने कहा है कि समाधान के लिए भारत में अधिकृत डीलर बैंकों को रुपया वॉस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति दी गयी है। इसी के तहत भारत में कोई अधिकृत बैंक व्यापार में भागीदार देश के बैंक या बैंकों के साथ विशेष रुपया वॉस्ट्रो खाता खोल सकता है। इसके तहत समाधान के लिए भारतीय आयातक विदेशी आपूर्तिकर्ता के बिल और बिजक के अनुसार माल और सेवा के लिए भुगतान रुपये में करेगा। यह राशि उसके संबंधित देश के बैंक द्वारा भारत में खोले गए वॉस्ट्रो खाते में जमा करायी जाएगी। इसी तरह भारतीय निर्यातकों को भागीदार देश के बैंकों के विशेष वॉस्ट्रो खाते से निर्यात का भुगतान किया जाएगा। अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में आज रुपया 19 पैसे फिसलकर अब तक रिकार्ड निचले स्तर पर 79.45 रुपये प्रति डॉलर पर रहा।
सोमवार, 11 जुलाई 2022
रुपये का प्रयोग बढ़ाने के लिए आरबीआई के नये उपाय
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