मंहगाई, बेरोजगारी, बाढ़ पीड़ितो को राहत राशि देने को लेकर कांग्रेस का हल्लाबोल प्रदर्शन
अंकुर अभियान के तहत पौधरोपण कार्य जारी
विदिशा जिले में अंकुर अभियान के तहत विभिन्न संस्थाओं के साथ-साथ शासकीय विभागो के माध्मय से पौधरोपण कार्य संपादित हो रहे है वहीं रोपित गए पौधो की जानकारियां सेल्फी सहित वायुदूत एप पर अपलोड की जा रही है। कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने गत दिवस नवीन एसडीएम कार्यालय परिसर में वृहद पौधरोपण कार्यक्रम में शामिल होकर कदम एवं बादाम के पौधे रोपित किए है इस अवसर पर एसडीएम श्री गोपाल सिंह वर्मा, उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक श्री केएल व्यास, तहसीलदार श्री सरोज अग्निवंशी के अलावा राजस्व एवं उद्यानिकी विभाग के अन्य अधिकारी, कर्मचारियों के द्वारा पौधरोपण कार्य किया गया है। उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक श्री व्यास ने बताया कि अंकुर अभियान के तहत नवीन तहसील व एसडीएम कार्यालय परिसर में कुल पचास विभिन्न प्रजाति के पौधे रोपित किए गए है। जिनकी देखभाल व सुरक्षा के संबंध में भी आवश्यक दिशा निर्देश प्राप्त हुए है। आज रोपित गए पौधो में कदम, बादाम, शीशम, कनेर, आंवला सहित अन्य प्रजाति के पौधो को लगाया गया हैं।
एसडीएम ने जनपद सदस्यों को शपथ दिलाई
विदिशा एसडीएम श्री गोपाल सिंह वर्मा ने आज शुक्रवार को विदिशा जनपद पंचायत क्षेत्र के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई है इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा, शमशाबाद विधायक श्रीमती राजश्री सिंह, विदिशा नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन, जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष तोरण सिंह दांगी तथा कॉ-आपरेटिव बैंक के पूर्व अध्यक्ष श्री श्यामसुन्दर शर्मा भी मौजूद रहें।
निकाय क्षेत्रो में 26 हजार तिरंगा झंडो का वितरण
हर घर तिरंगा अभियान के तहत विदिशा जिले की सभी निकाय क्षेत्रों में कुल 69500 तिरंगे झंडे उपलब्ध कराए गए है कि जानकारी देते हुए डिप्टी कलेक्टर एवं जिला शहरी विकास अभिकरण की परियोजना अधिकारी श्रीमती अमृता गर्ग ने बताया कि शुक्रवार पांच अगस्त तक निकाय क्षेत्रों में 26 हजार तिरंगे झंडों का वितरण कार्य किया जा चुका है। डिप्टी कलेक्टर श्री अमृता गर्ग ने निकायवार प्रदाय किए गए तिरंगा झंडो की संख्या व वितरण की जानकारी देते हुए बताया है कि नगरपालिका परिषद विदिशा में 32 हजार झंडे प्रदाय किए गए है जिसमें से निकाय के द्वारा अब तक 18 हजार झंडो का वितरण किया जा चुका है। इसी प्रकार गंजबासौदा में 18 हजार झंडो में से 2490, सिरोंज में दस हजार मेंं से 2500 तथा कुरवाई में तीन हजार में से 500, लटेरी में 4000 में से 410 तथा शमशाबाद नगरीय निकाय को कुल ढाई हजार झंडे प्रदाय किए गए है जिनमें से शुक्रवार पांच अगस्त तक 2100 झंडे निकाय द्वारा वितरित किए जा चुके है।
निकाय क्षेत्रों में सात हजार पौधेरोपित करने का लक्ष्य, अब तक 2290 पौधे रोपित किए गए
अंकुर अभियान के तहत कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव के द्वारा दिए गए निर्देशो के अनुपालन में जिलाधिकारियों के द्वारा विशेष पहल की जा रही है। पौधरोपण का लक्ष्य ही निर्धारित नहीं किया है बल्कि रोपित पौधो के साथ सेल्फी लेकर वायुदूत एप पर अपलोड करने की भी कार्यवाही तीव्रगति से क्रियान्वित की जा रही है। डिप्टी कलेक्टर एवं जिला शहरी विकास अभिकरण की नोडल अधिकारी श्रीमती अमृता गर्ग ने बताया कि जिले के निकाय क्षेत्रों में कुल सात हजार पौधे रोपित करने का लक्ष्य अंकुर अभियान के तहत प्राप्त हुआ है अब तक 2290 पौधे रोपित किए जा चुके है वहीं 1619 पौधो के साथ सेल्फी की जानकारी वायुदूत एप पर अपलोड की गई हैं। डिप्टी कलेक्टर श्रीमती गर्ग ने बताया कि जिले के सभी छह निकाय क्षेत्रों में हर रोज 650-650 पौधे रोपित करने का लक्ष्य तय किया गया है। निकायवार पौधरोपण का लक्ष्य और अब तक रोपित किए गए पौध संख्या की जानकारी इस प्रकार से है। विदिशा में ढाई हजार पौधो में से 860 का रोपण कार्य किया जा चुका है इसी प्रकार गंजबासौदा में 1500 में से 410 का, सिरोंज में 1500 में से 600 पौधे रोपित किए जा चुके है। नगर परिषद क्रमशः कुरवाई, लटेरी एवं शमशाबाद सहित प्रत्येक में 500-500 पौधो का रोपण लक्ष्य निर्धारित किया गया है अब तक कुरवाई में 190, शमशाबाद में 180 तथा लटेरी में 50 पौधे रोपित किए जा चुके है।
समर्थन मूल्य पर मूंग फसल उपार्जन कार्य आज से
विदिशा जिले में समर्थन मूल्य पर पंजीकृत किसानो से मूंग उपार्जन का कार्य आठ अगस्त से तीन सितम्बर तक किया जाएगा। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के सहायक संचालक श्री महेन्द्र ठाकुर ने बताया कि अंतिम तिथि तक जिले के 1311 कृषकों के द्वारा समर्थन मूल्य पर मूंग फसल विक्रय हेतु पंजीयन कराया गया है। सातो विकासखण्डो में किसानो के द्वारा मूंग फसल को समर्थन मूल्य पर विक्रय हेतु पंजीयन कराया गया है तदानुसार सर्वाधिक विदिशा विकासखण्ड में 489 किसानो के द्वारा पंजीयन कराया गया है जबकि सबसे कम लटेरी विकासखण्ड में नौ किसानो के द्वारा पंजीयन कराया गया है इसके अलावा ग्यारसपुर में 312, बासौदा में 278, नटेरन-शमशाबाद में 112, कुरवाई में 1000, सिरोंज में 11 किसानो के द्वारा पंजीयन कराया गया है।
आकांक्षी ग्रामो में क्रियान्वित कार्यो की रूपरेखा से अवगत हुए
नीति आयोग द्वारा जारी आकांक्षी जिलो की सूची में विदिशा को शामिल किया गया है। आयोग की मंशा के अनुसार जिले में निर्धारित विभागो के द्वारा कार्यो का संपादन किया जा रहा है इन कार्यो में और क्या नवाचार हो सकता है के लिए हर स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। आईटीसी ‘मिशन सुनहरा कल’ एन. सी. एच. एस.ई. द्वारा नीति आयोग आकांक्षी जिला विदिशा मे कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक दिवसीय मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण कार्यक्रम जो जिला पंचायत सभागार में आयोजित किया गया था। जिला पंचायत सीईओ डॉ योगेश भरसट ने में प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि नीति आयोग के द्वारा आकांक्षी जिले के लिए जो कार्य निर्धारित किए गए हैं उसी की तर्ज पर जिले में नवाचार किया जा रहा है अर्थात जिले में ग्राम चिन्हित किए गए हैं।उन ग्रामों उसी तर्ज पर कार्यों का क्रियान्वयन किया जाना है ।कृषि विभाग का अमला स्थानीय ग्रामों में भी संदेश प्रसारित करआयोग की मंशा के अनुसार गांव-गांव में कार्यों का संपादन किया जा सके। कार्यक्रम के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डा० योगेश भरसट द्वारा आकांक्षी ग्रामों के विकास के लिये महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये गये साथ ही कृषि क्षेत्र में समन्वित विकास के लिये कृषि सम्बद्ध विभागों के समन्वय हेतु भी निर्देश दिये गये । कृषि महाविद्यालय गंजबासौदा के कृषि वैज्ञानिक डा० आशीष श्रीवास्तव द्वारा कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों ध् कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। प्रशिक्षण में खरीफ की मुख्य फसलों की कृषि कार्यमाला एवं उन्नत तकनीकों से अवगत कराते हुए समस्याओं एवं कठिनाईयों का निराकरण इस अवसर पर उप संचालक कृषि पी०के० चौकसे, सहायक संचालक कृषि एन०पी० प्रजापति, महेन्द्र कुमार ठाकुर एवं आईटीसी ष्मिशन सुनहरा कलष् से प्रोग्राम आफीसर नीलेश पाटकर, बृजेश सिंह किरार, शिवराज सिंह किरार, राहुल पाटीदार ने भी प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित किया है।
जनजागरूकता रैली का आयोजन आज
हर घर तिरंगा झंडा अभियान की मंशा से अवगत कराते हुए जिले के सभी नागरिकों में जागरूकता लाने के उद्धेश्य से शनिवार छह अगस्त को वृहद जनजागरूकता रैली का आयोजन किया गया है। जिला पंचायत सीईओ एवं अभियान के नोडल अधिकारी डॉ योगेश भरसट ने बताया कि शनिवार छह अगस्त प्रातः 10.30 बजे से पुलिस परेड ग्राउण्ड से जनजागरूकता रैली शुरू होगी जो विभिन्न मार्गो से होते हुए मैदा मिल पर सम्पन्न होगी। उन्होंने शहर के सभी गणमान्य नागरिकों के साथ-साथ समाजसेवी संगठनों से भी आव्हान किया है कि जनजागरूकता के इस अभियान में शामिल होकर सफल बनाएं।
अनुसूचित जाति के हितग्राहियों के लिए तीन नवीन योजनाएं प्रारंभ
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों हेतु तीन नवीन योजनाएं प्रारंभ की गई है। संत रविदास स्वरोजगार योजना डॉक्टर भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना एवं मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना वर्तमान में प्रारंभ की गई है। इन योजनाओं के आवेदन फार्म मध्य प्रदेश शासन के पोर्टल पर एमपी ऑनलाइन https://samast.mponline.gov.in के माध्यम से दाखिल किए जा रहे है।
संत रविदास स्वरोजगार योजना का स्वरूप
संत रविदास स्वरोजगार योजना का लाभ केवल नवीन उद्यमों की स्थापना हेतु देय होगा। इस योजना में केवल अनुसूचित जाति वर्ग के आवेदकों को निम्नानुसार अर्हता एवं वित्तीय सहायता संबंधित प्रावधान होंगे।
परियोजना सीमाः
उद्योग विनिर्माण मैन्युफैक्चरिंग इकाई के लिए राशि 100000 रुपये से 50 लाख रुपये तक की परियोजनाएं। सेवा सर्विस इकाई एवं खुदरा व्यवसाय हेतु 100000 रुपये से 25 लाख रुपये तक की परियोजनाएं।
पात्रताः
आयु सीमा 18 से 40 वर्ष तथा शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। इसी प्रकार आवेदक के परिवार की वार्षिक आय 12 लाख से अधिक न हो तथा आवेदक के अविवाहित होने पर आवेदक स्वयं एवं उसके माता-पिता से है जिन पर वह आश्रित है अथवा आवेदक के विवाहित होने पर पति या पत्नी एवं आश्रित बच्चों आश्रित एवं अविवाहित बच्चों की उम्र का कोई बंधन नहीं से है। आवेदक से किसी बैंक अथवा किसी वित्तीय संस्था जैसे एम एफ आई, एनबीएफ, सीएसएफसी, पीएसी एस इत्यादि का डिफाल्टर ना हो। आवेदक वर्तमान में राज्य अथवा केंद्र सरकार की किसी अन्य स्वरोजगार योजना का हितग्राही ना हो।
वित्तीय सहायताः
ब्याज अनुदान, योजनाअंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरितध्शेष आउटस्टैंडिंग ऋण पर 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान अधिकतम 7 वर्षों तक मोरेटोरियम अवधि सहित नियमित रूप से ऋण भुगतान निर्धारित समय एवं राशि की शर्त पर निगम द्वारा दिया जाएगा।
गारंटी फीस, मध्यप्रदेश शासन द्वारा गारंटी फीस दे होगी।
प्रशिक्षण, योजना अंतर्गत प्रशिक्षण के इच्छुक हितग्राही 12 दिवसीय उद्यमिता विकास प्रशिक्षण ऑनलाइन ट्रेनिंग मॉड्यूल के माध्यम से प्राप्त कर सकेंगे। पात्र परियोजनाएं, उद्योग निर्माण सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र के समस्त परियोजनाओं जो सीजीटीएमएसई अंतर्गत ऋण गारंटी के लिए पात्र हैं। पब्लिक प्राइवेट सेक्टर बैंक अथवा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक जो सीजीटीएमएसई में पंजीकृत हैं पात्र रहेंगी। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम मर्यादित भोपाल होगी। जिला स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी या कार्यपालन अधिकारी जिला अंत्यावसाई सहकारी विकास समितियों के माध्यम से योजना का संचालन कराया जाएगा। योजना अंतर्गत जिला स्तर पर विभिन्न स्वरोजगार मूलक कार्यों से जुड़े विभागों सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा क्रियान्वयन किया जाएगा। मध्यप्रदेश शासन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा विभागीय बजट में इस योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रावधान किया जाएगा। संत रविदास स्वरोजगार योजना अंतर्गत वित्त विभाग द्वारा आवंटित बजट अनुसार जिलेवार एवं बैंकवार वित्तीय लक्ष्य ब्याज अनुदान वितरण निर्धारित किए जाएंगे। योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रक्रियाओं का निर्धारण तथा योजना के प्रारूप का अनुमोदन संबंधित विभाग द्वारा प्रशासकीय अनुमोदन तथा वित्त विभाग की सहमति से किया जाएगा। इस हेतु प्रथक से मंत्री परिषद के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। योजना का क्रियान्वयन विभाग द्वारा शासकीय योजनाओं के लिए निर्माणाधीन समेकित पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। वर्तमान में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के लिए निर्धारित पोर्टल में ही अनुसूचित जाति वर्ग हेतु संत रविदास स्वरोजगार योजना के नाम से संचालन होगा जो कि मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना से संमन्वित होगा। अनुसूचित जाति वर्ग के आवेदक द्वारा मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना अंतर्गत आवेदन करने पर भी उसे इस योजना अंतर्गत पात्रता की स्थिति में लाभ प्राप्त होगा।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना का स्वरूप
इस योजना का लाभ केवल नवीन उद्यमों की स्थापना हेतु देय होगा। इस योजना में केवल अनुसूचित जाति वर्ग के आवेदकों को निम्नानुसार अर्हता एवं वित्तीय सहायता संबंधित प्रावधान होंगे।
परियोजना सीमा
उद्योग विनिर्माण मैन्युफैक्चरिंग इकाई के लिए राशि 10 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक की परियोजनाएं।
पात्रता
आयु सीमा 18 से 55 वर्ष है तथा आवेदक आयकर दाता ना हो। आवेदक के अविवाहित होने पर आवेदक स्वयं एवं उसके माता-पिता से है जिन पर वह आश्रित है अथवा आवेदक के विवाहित होने पर पति या पत्नी एवं आश्रित बच्चों आश्रित एवं अविवाहित बच्चों की उम्र का कोई बंधन नहीं से है। आवेदक से किसी बैंक अथवा किसी वित्तीय संस्था जैसे एम एफ आई, एनबीएफ, सीएसएफसी, पीएसी एस इत्यादि का डिफाल्टर ना हो। आवेदक वर्तमान में राज्य अथवा केंद्र सरकार की किसी अन्य स्वरोजगार योजना का हितग्राही ना हो।
वित्तीय सहायताः
ब्याज अनुदान, योजनाअंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरितध्शेष आउटस्टैंडिंग ऋण पर 7ः प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान अधिकतम 5 वर्षों तक मोरेटोरियम अवधि सहित नियमित रूप से ऋण भुगतान निर्धारित समय एवं राशि की शर्त पर निगम द्वारा दिया जाएगा।
गारंटी फीस, मध्यप्रदेश शासन द्वारा गारंटी फीस दे होगी।
प्रशिक्षण, योजना अंतर्गत प्रशिक्षण के इच्छुक हितग्राही 12 दिवसीय उद्यमिता विकास प्रशिक्षण ऑनलाइन ट्रेनिंग मॉड्यूल के माध्यम से प्राप्त कर सकेंगे। पात्र परियोजनाएं, उद्योग निर्माण सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र के समस्त परियोजनाओं जो सीजीटीएमएसई अंतर्गत ऋण गारंटी के लिए पात्र हैं।
पब्लिक प्राइवेट सेक्टर बैंक अथवा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक जो सीजीटीएमएसई में पंजीकृत हैं पात्र रहेंगी।
इस योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम मर्यादित भोपाल होगी। जिला स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी या कार्यपालन अधिकारी जिला अंत्यावसाई सहकारी विकास समितियों के माध्यम से योजना का संचालन कराया जाएगा। योजना अंतर्गत जिला स्तर पर विभिन्न स्वरोजगार मूलक कार्यों से जुड़े विभागों सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा क्रियान्वयन किया जाएगा। मध्यप्रदेश शासन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा विभागीय बजट में इस योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रावधान किया जाएगा। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना अंतर्गत वित्त विभाग द्वारा आवंटित बजट अनुसार जिलेवार एवं बैंकवार वित्तीय लक्ष्य ब्याज अनुदान वितरण निर्धारित किए जाएंगे। योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रक्रियाओं का निर्धारण तथा योजना के प्रारूप का अनुमोदन संबंधित विभाग द्वारा प्रशासकीय अनुमोदन तथा वित्त विभाग की सहमति से किया जाएगा। इस हेतु प्रथक से मंत्री परिषद के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। योजना का क्रियान्वयन विभाग द्वारा शासकीय योजनाओं के लिए निर्माणाधीन समेकित पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। वर्तमान में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के लिए निर्धारित पोर्टल में ही अनुसूचित जाति वर्ग हेतु संत रविदास स्वरोजगार योजना के नाम से संचालन होगा जो कि मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना से संमन्वित होगा। अनुसूचित जाति वर्ग के आवेदक द्वारा मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना अंतर्गत आवेदन करने पर भी उसे इस योजना अंतर्गत पात्रता की स्थिति में लाभ प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना का स्वरूप
इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग के हित में विभिन्न में लाइन विभागों तथा कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, मत्स्य विभाग, उद्यानिकी विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, ऊर्जा विभाग, तकनीकी एवं कौशल उन्नयन विभाग, आयुष विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग आदि विभागों अथवा जिला कलेक्टरों के माध्यम से प्राप्त होने वाले विशेष परियोजना प्रस्तावों को वित्तीय पोषण करने हेतु अधिकतम राशि 2 करोड रुपए तक की संपूर्ण परियोजना लागत राशि अनुदान के रूप में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य परियोजना क्रियान्वयन समिति की अनुशंसा के आधार पर प्रदान किया जाएगा। इस योजना में स्वरोजगार आजीविका कौशल संवर्धन एवं नवाचार संबंधी परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर वित्त पोषण किया जाएगा जो कि मुख्य रूप से अनुसूचित जाति वर्ग के हितों हेतु केंद्रित होगा। योजना का क्रियान्वयन मध्य प्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम भोपाल नोडल एजेंसी करेगी। लाइन विभागों से प्राप्त परियोजना प्रस्तावों को विभागीय अनुशंसा उपरांत अंतिम रूप से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य परियोजना क्रियान्वयन समिति के द्वारा अनुमोदन पश्चात शासन द्वारा जारी किया जाएगा।
पात्रताः
लाइन विभागों के मापदंडों के अनुसार प्राप्त परियोजना प्रस्ताव।
वित्तीय सहायता योजना अंतर्गत लाइन विभागों से प्राप्त परियोजना प्रस्तावों को राज्य परियोजना क्रियान्वयन समिति की अनुशंसा के आधार पर शत-प्रतिशत अनुदान शासन स्वीकृति के आधार पर निगम द्वारा देय होगा।
आवेदन प्रक्रिया एवं आवेदन पत्रों का निराकरणः
मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना के सुचारू रूप से क्रियान्वयन सहायता प्राप्त उद्यमों की स्थापना उद्यमियों की समस्याओं आदि विषयों की समीक्षा हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में निम्नानुसार गठित समिति द्वारा त्रेमासिक आधार पर अथवा आवश्यकतानुसार समीक्षा की जाएगी। इस समिति में जिला कलेक्टर अध्यक्ष होंगे तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, संबंधित लाइन विभाग का जिला अधिकारी, परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरणध्प्रतिनिधि, आईटीआई पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रतिनिधि, सहायक आयुक्त या जिला संयोजक आ.जा.क. विभाग तथा महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र उपरोक्त समिति के सदस्य होंगे एवं जिला अंत्यावसाई सहकारी विकास समिति मर्यादित सचिव के रूप में पदस्थ रहेंगे।
भूमि-
परियोजना हेतु भूमि की उपलब्धता राजस्व विभाग अंतर्गत प्रचलित नजूल निर्वाचन नियम एवं इस संबंध में विभिन्न विभागों की नीति में किए गए प्रावधानों के अधीन होगी। परियोजना शासन के शत-प्रतिशत अनुदान पर आधारित होने के कारण अंतिम स्वामित्व शासन का होगा। जिसका उपयोग विभाग द्वारा वित्त विभाग से परामर्श उपरांत बनाए गए प्रावधानों के अनुसार होगा।
वित्तीय प्रवाह-
लाइन विभाग से प्राप्त प्रस्तावों के अंतिम रूप से चयन उपरांत परियोजना लागत की राशि मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा शत-प्रतिशत अनुदान के रूप में परियोजना के बचत खाते में सीधे हस्तांतरित की जाएगी।
वार्षिक लक्ष्य निर्धारण-
योजना अंतर्गत प्राथमिक बजट अनुसार वार्षिक भौतिक या वित्तीय लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे।
पूंजीगत लागत एवं कार्यशील पूंजी का योग परियोजना लागत होगा।
परियोजना में उपयोग किए जाने वाले प्लांट एवं मशीनरी उपकरण का मूल्य पूंजीगत लागत होगा भूमि का मूल्य परियोजना में शामिल नहीं होगा तथा भवन में निवेश मशीन उपकरण की लागत परियोजना लागत के 75ः से अधिक नहीं हो।
परियोजना अंतर्गत ली जाने वाली गतिविधियां-
उद्योग विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र से संबंधित कृषि आधारित परियोजना एग्रो प्रोसेसिंग, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, मिल्क प्रोसेसिंग, कैटल फीड, पोल्ट्री फीड, फिश फीड, कस्टम हायरिंग सेंटर, वेजिटेबल डिहाईड्रेशन, टिश्यू कल्चर, मसाला निर्माण, सीड ग्रेडिंग या शार्टिंग, ग्रामोद्योग, हस्तशिल्प कला से जुड़े परियोजना आदि अनुसूचित जाति के हितग्राही समूह को ध्यान में रखते हुए तैयार की जा सकती है।
सवा लाख से अधिक मूल्य की अवैध मदिरा जप्त, आबकारी अधिनियम के तहत 6 प्रकरण पंजीबद्ध
कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में जिले में अवैध मदिरा की धरपकड़ कार्यवाही सतत जारी है जिला आबकारी अधिकारी श्री शैलेष जैन ने बताया कि गुरुवार को विभाग के अधिकारियों को विभिन्न स्तरों पर प्राप्त सूचनाओं के आधार पर की गई धरपकड़ कार्रवाई में आबकारी अधिनियम के तहत 6 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं। अवैध मदिरा की धरपकड़ कार्रवाई हेतु नियुक्त नोडल अधिकारी श्री राहुल रोके ने बताया कि विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के संबंध में से सवा लाख से अधिक मूल्य की अवैध मदिरा जप्त करने की कार्यवाही संपादित की गई है। विभाग के अमले द्वारा संपादित की गई कार्यवाही की जानकारी देते हुए सहायक आबकारी अधिकारी श्री राहुल ढोके ने बताया कि मुकेश मौर्य के नेतृत्व में चलाये जा रहे आबकारी के विशेष अभियान के तहत आबकारी उप निरीक्षक डॉक्टर अर्चना जैन द्वारा ग्राम रूसिया टपरा , रूसिया , कुरवाई में पुलिस कुरवाई के सहयोग से सामूहिक दविश दी जाकर कुल 2 हजार किलोग्राम लहान एवं कुल 32 लीटर अवैध हाथ भट्टी मदिरा जब्त की जाकर कुल 6 प्रकरण मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 संशोधित 2000 की धारा 34 (1) क एवं च के अंतर्गत पंजीबद्ध किए जाकर विवेचना में लिए गए । जब्तशुदा सामग्री का बाजार मूल्य एक लाख 26 हजार 400 रुपये है । उक्त कार्यवाही में कुरवाई के आबकारी उपनिरीक्षक मालवीय आबकारी उपनिरीक्षक महेश विश्वकर्मा , सुनील चौहान ,पुष्पेंद्र ठाकुर सहित पुलिस के आरक्षकों , आबकारी आरक्षकों पुलिस तथा होम गार्ड सैनिकों का सहयोग सराहनीय रहा। अवैध मदिरा के विरुद्ध अभियान निरंतर जारी है।
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