नई दिल्ली। देहरादून एस टी एफ ने देश के जिस बड़े इंटरनेशनल फ़र्ज़ी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया था उनकी जमानत याचिका देहरादून की सेशन कोर्ट ने ख़ारिज करते हुए केस की गंभीरता पर टिपण्णी की है। अपने आदेश में माननीय न्यायालय ने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए और अभी कुछ लोग फरार हैं और केस की विवेचना जारी है इसलिए कोई कारण नहीं है की अभियुक्तों को जमानत दी जाये, लिहाजा कोर्ट जमानत याचिका ख़ारिज करती है। वहीँ पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फरार अभियुक्त इस बात के इंतज़ार में हैं कि पहले पकड़े गए लोगों की जमानत हो जाए ताकि बाद में उनको आसानी से जमानत मिल जाए इसलिए वह पुलिस से बचते हुए फरार हैं और भूमिगत हो गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फरार अभियुक्तों के कई काल सेंटर दिल्ली एन सी आर और आसपास के राज्यों में चल रहे हैं जो पुलिस को चकमा के देकर चलाये जा रहे हैं। ज्ञात हो कि एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक मेरठ निवासी नितिन गुप्ता, दिल्ली निवासी उदित गर्ग और गर्भित, नोनी,सुशील इनके कई साथी अपनी पहुंच का हवाला देते हुए कॉल सेंटर संचालित करवा रहे थे जो अब पार्टनर समेत सभी फरार हैं। सूत्रों ने बताया कि इन लोगों ने संचालकों से कहा था कि वे कभी पुलिस के छापे नहीं पड़ने देंगे। इसके लिए वे अच्छी-खासी रकम भी इन लोगों से ले रहे थे। बहरहाल देहरादून एस टी एफ फरार अभियुक्तों को पकड़ने के लिए कई टीम बनाकर काम कर रही है और इसमें जांच में आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की भी सहायता ली जा रही है।
बुधवार, 3 अगस्त 2022
देहरादून फ़र्ज़ी कॉल सेंटर मामला, अभियुक्तों की जमानत याचिका ख़ारिज
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