- जिले में वर्षापात का विचलन,रोपनी की स्थिति,डीजल अनुदान की स्थिति,उर्वरक की उपलब्धता एवम उसकी कालाबाजारी को लेकर उठाये गए कदम, आकस्मिक फसल योजना,जिले में नहरों से सिंचाई की स्थिति,कृषि फीडर से बिजली की उपलब्धता,भूजल स्तर की स्थिति आदि को लेकर हुई विस्तृत समीक्षा।
- जिलाधिकारी ने कहा जिले में उर्वरक की कोई कमी नही,जमाखोरी एवम कालाबाजारी करने वाले पर होगी कड़ी करवाई।
मधुबनी, जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में जिले में अल्प वर्षा के कारण उत्पन्न हो रही परिस्थितियों के आलोक में जिला स्तरीय सुखाड़ अनुश्रवण केंद्र एवं आपातकालीन प्रबंधन समूह तथा सुखाड़ आकस्मिक कोषांग की मैराथन बैठक कल देर शाम समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में आयोजित हुई। उक्त बैठक में जिले में वर्षापात का विचलन,रोपनी की स्थिति,डीजल अनुदान की स्थिति,उर्वरक की उपलब्धता एवम उसकी कालाबाजारी को लेकर उठाये गए कदम, आकस्मिक फसल योजना,जिले में नहरों से सिंचाई की स्थिति,कृषि फीडर से बिजली की उपलब्धता,भूजल स्तर की स्थिति आदि को लेकर विस्तृत समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि जिले में इस वर्ष औसतन कम वर्षा हुई है। उन्होंने बताया कि जुलाई में इस साल 61.5 प्रतिशत और अगस्त महीने में अभी तक 65.6 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। ऐसी स्थिति में सुखाड़ जैसे हालात उत्पन्न होने की संभावना हो गई है। उन्होंने कहा कि जिले के किसानों ने मेहनत के बल पर 91 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि में धान की रोपनी कर ली है,परंतु, धान की उत्तम फसल के लिए अधिक पानी की जरूरत होती है। ऐसे में यदि अभी भी बारिश नहीं हुई तो फसल की पैदावार प्रभावित हो सकती है। जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिन किसानों ने डीजल अनुदान के लिए आवेदन किया है, उन्हें शीघ्रता दिखाते हुए तेजी से राशि का भुगतान सुनिश्चित करे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को डीजल अनुदान के सम्बंध में जानकारी दे ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ लेकर पटवन कर सके। उन्होंने नलकूप के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि युद्धस्तर पर बंद पड़े नलकुपो को अविलम्ब चालू करवाये ताकि वर्तमान अधिक से अधिक रकबा में किसानों को पटवन की सुविधा मिल सके।इसके लिए उन्होंने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि अपने संबधित अनुमंडल के सभी ग्राम पंचायतों के मुखिया के साथ बैठक कर बंद पड़े नलकुपो को अविलम्ब चालू करवाये। उन्होंने उर्वरक की कमी की खबरों को निराधार बताते हुए कहा कि वर्तमान में 1000 एमटी से भी अधिक मात्रा में यूरिया खाद की उपलब्धता है,साथ लगातार इसकी रैक भी जिले में आ रही है। सरकार भी अपने स्तर से उर्वरक की उपलब्धता को लेकर इसपर नजर बनाई हुई है।उन्होंने उर्वरक की जमाखोरी एवम कालाबाजारी करने वाले लोगों पर सख्ती के साथ कड़ी करवाई करने के निर्देश भी दिए । उन्होंने उपस्थित कार्यपालक अभियंता विद्युत को निर्देश दिया कि कृषि फीडर में कम से कम 16 घण्टे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए,ताकि, पटवन में सहूलियत हो सके। उन्होंने कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को निर्देश दिया है कि जिले में भूगर्भीय जल स्तर पर लगातार नजर बनाए रखें और इसकी सूचना समय समय पर जिले की दी जाए। जिलाधिकारी ने जल संसाधन विभाग के अभियंताओं से वर्तमान में नहरों सिंचाई की स्थिति का भी विस्तृत समीक्षा किया। अभियंताओं ने बताया कि सभी नहर प्रणालियों से अपनी क्षमता एवम लक्ष्य के अनुरूप सिंचाई की सुविधा दी जा रही है। जिलाधिकारी ने उपस्थित विधुत विभाग,जलसंसाधन विभाग एवम कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि अधिक से अधिक अपने अपने क्षेत्रों में भ्रमणशील रहकर स्थिति पर नजर बनाए रखे एवम किसी भी उत्पन्न स्थिति से निपटने को लेकर ठोस कार्य योजना के साथ तैयार रहे। उक्त बैठक में उप विकास आयुक्त विशाल राज, जिला कृषि पदाधिकारी, अशोक कुमार, डीपीआरओ सह प्रभारी पदाधिकारी, जिला आपदा कोषांग, परिमल कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, अश्वनी कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी, जयनगर, बेबी कुमारी, अनुमंडल पदाधिकारी झंझारपुर, शैलेश कुमार चौधरी, अनुमंडल पदाधिकारी, फुलपरास, अभिषेक कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी बेनीपट्टी, अशोक कुमार मंडल सहित जिले के सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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