श्रीनगर 05 अगस्त, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने शुक्रवार को कहा कि इसके अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद किया गया है। पुलिस ने हालांकि, इसे ‘झूठी खबर’ करार देते हुए कहा है कि अब्दुल्ला के निवास स्थल- गुप्कर रोड पर आतंकी हमले की सूचना को ध्यान में रखते हुए अतरिक्त सुरक्षा तैनात की गई है। श्रीनगर पुलिस ने एक वक्तव्य में कहा, “एक झूठी खबर चल रही है कि कुछ नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के नेताओं को गुप्कर रोड में नजरबंद किया गया है, जो कि पूर्ण रूप से झूठी खबर है। आतंकी हमले की कुछ खुफिया सूचनाओं को ध्यान में रखते हुए गुप्कर रोड पर अतरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।” पुलिस ने बयान में कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री व पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबुबा मुफ्ती अपनी पार्टी मुख्यालय में दोपहर लगभग 12 बजे गयी और डॉ फारूख अब्दुल्ला हजरतबल दरगाह और अपने दोस्त से मिलने शालीमार दोपहर में गए। जेकेपी पूर्ण रूप से पेशेवर पुलिस बल है और अपने कर्तव्यों को पूर्ण रूप से समझती है।” श्री फारूख अब्दुल्ला को नजरबंद करने का आरोप अनुच्छेद 370 की समाप्ति के तीसरी वर्षगांठ पर सामने आयी है। पार्टी ने एक ट्वीट में कहा,“डॉ फारूक अब्दुल्ला को नवाई-सुभा से वापस लौटते समय नजरबंद कर लिया गया जहां पर उन्होंने पहले एक बैठक की अध्यक्षता की जिसमें उन्होंने कहा कि हम लोग अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक लड़ाई करेंगे जिसे 5 अगस्त 2019 को अवैध, असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक रूप से हमसे छीन लिया गया।” पार्टी ने कहा कि इससे पहले श्री अब्दुल्ला ने नवाई-शुभा में एक बैठक की अध्यक्षता की। पार्टी ने बैठक में अब्दुल्ला के वक्तव्यों को उद्धरित किया, “पांच अगस्त 2019 एक विश्वासघात है, जो हमें स्वीकार्य नहीं है। हम आशा करते हैं कि सर्वोच्च न्यायालय इस एकपक्षीय, अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक निर्णयों को पलट देगा।” श्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, “ऐसा लगता है कि उन्होंने कुछ मजबूरी के कारण इस ट्रक को गेट के बाहर रखना पड़ा होगा क्योंकि ये अवैध होने के अलावा दिमागरहित कार्य भी है। वे ऑफिस जाते हैं, नमाज पढ़ने जाते हैं, शोक सभा में जाते हैं।” गौरतलब है कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी नीत नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 हटा दी थी और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित कर दिया था।
शुक्रवार, 5 अगस्त 2022
एनसी ने कहा फारूख अब्दुल्ला को नजरबंद किया गया, पुलिस का इंकार
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