शिमला 13 अगस्त, हिमाचल प्रदेश में जय राम ठाकुर सरकार ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2022 को पारित कर दिया जिसमें बलपूर्वक सामूहिक धर्मांतरण को अपराध की श्रेणी में रखकर और धर्मान्तरित लोगों को आरक्षण के लाभ से वंचित करने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने इस कानून का कड़ा विरोध किया। कांग्रेस सदस्य सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह कहकर बिल का विरोध किया कि यह बिल आरक्षण के संवैधानिक प्रावधानों के विरुद्ध है जिसे राज्य विधानसभा द्वारा संशोधित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति आदिवासी क्षेत्रों में धर्म परिवर्तन करता है तो वह भी भूगोल के आधार पर आरक्षण के लाभों से वंचित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए। श्री सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस विधेयक का समर्थन करती है लेकिन विधेयक में जो धारा समाहित की गई है वह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को दिए गए आरक्षण के संवैधानिक प्रावधान को प्रभावित करती है। विधेयक पर बोलते हुए माकपा सदस्य राकेश सिंघा ने पहले के विधेयक में संशोधन का विरोध करते हुए कहा कि मामला हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में लंबित है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के नियम कानून को पेश करने या उस पर चर्चा करने की अनुमति नहीं देते हैं जिसे अदालत में चुनौती दी जाती है।
शनिवार, 13 अगस्त 2022
हिमाचल धर्म परिवर्तन कानून में कड़े प्रावधान
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