नयी दिल्ली 08 अगस्त, राज्यसभा की कार्यवाही मानसून सत्र की निर्धारित अवधि से चार दिन पहले सोमवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी। सदन में केन्द्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2022 के पारित होते ही सभापति एम वेंकैया नायडू ने कार्यवाही अनिश्चतकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू हुआ था और यह 12 अगस्त को समाप्त होना था लेकिन चार दिन पहले ही इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। मानसून सत्र के दौरान ही राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति का चुनाव भी संपन्न कराया गया। मानसून सत्र के दौरान उच्च सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच महंगाई तथा अन्य मुद्दों पर चर्चा कराने को लेकर उत्पन्न गतिरोध के कारण दो सप्ताह से भी अधिक समय तक सुचारू ढंग से कामकाज नहीं हो सका। अंतत सरकार को महंगाई पर चर्चा करानी पड़ी। इसके अलावा कोविड के कारण उत्पन्न प्रभावों पर भी सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा करायी गयी। सदन में इस बार एक ओर अप्रत्याशित बात हुई जिसमें हंगामा करने के लिए विपक्ष के 23 सदस्यों को सदन से निश्चित अवधि के लिए निलंबित किया गया। संभवत यह पहला मौका है जब एक ही सत्र में इतने सदस्यों को निलंबित किया गया था। इससे पहले सुबह श्री नायडू का सभापति के रूप में कार्यकाल समाप्त होने से पहले उनके सम्मान में सदन में सदस्यों ने विदायी भाषण दिये। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी श्री नायडू को विदायी देते हुए कहा कि राज्यसभा उनकी विरासत को आगे बढायेगी। श्री नायडू का कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो रहा है।
सोमवार, 8 अगस्त 2022

राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
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