जमशेदपुर, 13 अगस्त, विजय सिंह, देश की आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घोषित "आज़ादी का अमृत महोत्सव" कार्यक्रम के तहत ''हर घर तिरंगा -घर घर तिरंगा '' अभियान उत्कर्ष पर है जो हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। प्रधानमंत्री मोदी के इस जोश पूर्ण जन सहभागी कार्यक्रम में सहभागिता के साथ ही आम देशवासियों को अपने घर और कार्यालय में तिरंगा फहराने का हक़ दिलाने में नवीन जिंदल की भूमिका और योगदान को भी नहीं भूलना चाहिए । जिंदल कंपनी परिसर में राष्ट्रीय झंडा फहराए जाने पर सरकारी अधिकारियों की आपत्ति ,विरोध और कानूनी कार्यवाई किये जाने के प्रतिवाद स्वरुप जिंदल स्टील एंड पावर समूह के अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र ,हरियाणा के पूर्व सांसद नवीन जिंदल ने 22 सितम्बर 1995 को देश के साधारण नागरिक द्वारा अपने आवास या कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के अधिकार और समर्थन में सरकार के विरुद्ध न्यायालय में मामला दर्ज करवाया था और नौ वर्ष चली इस भावनात्मक मुद्दे की लंबी लड़ाई के बाद अंततः 23 जनवरी 2004 को सर्वोच्च न्यायालय में भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश वी.एन.खरे ,न्यायाधीश बृजेश कुमार और एस .बी.सिन्हा की खंडपीठ ने श्री जिंदल के पक्ष में फैसला सुनाया । सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय ध्वज के मान -सम्मान को शिरोधार्य करते हुए देश के आम नागरिकों को राष्ट्रीय ध्वज आचार संहिता के दिशानिर्देश में झंडा फहराने का आदेश पारित किया था। बाद में नवीन जिंदल ने अपनी पत्नी श्रीमती शालु जिंदल के साथ मिल कर फ्लैग फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया की स्थापना भी की।
रविवार, 14 अगस्त 2022
राष्ट्रीय स्वाभिमान तिरंगा के लिए नौ साल मुकदमा लड़े नवीन जिंदल
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