मुंबई, 25 अगस्त, अपनी निर्मित फिल्मों के जरिये दर्शकों के दिलों में खास पहचान बनाने वाले सावन कुमार फिल्मकार नहीं अभिनेता बनना चाहते थे। नौ अगस्त 1936 को जयपुर में जन्मे सावन कुमार बचपन के दिनों से ही अभिनेता बनना चाहते थे। सावन कुमार, पृथ्वीराज कपूर से बेहद प्रेरित थे। अभिनेता बनने की ख्वाहिश लिये सावन कुमार ने मां के 45 रुपए चुराये और कोलकाता चले गए थे। कोलकाता में सावन कुमार की मुलाकात महान फिल्मकार सत्यजीत रे से हुई। सत्यजीत रे की सिनेमैटोग्राफी से प्रेरित होकर सावन कुमार ने निर्देशन के क्षेत्र में करियर बनाने का सोचा। इसके बाद सावन कुमार मायानगरी मुंबई आ गये। मुंबई आने के बाद सावन कुमार को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। घर वालों ने कहा कि वापस आ जाओ। इस पर उनका जवाब था- ”जिन पुलों से मैं आया था, वे सब मैंने जला दिए हैं, इसलिए अब नहीं लौट सकता।’' इसी दौरान सावन कुमार ट्रेन से एक दोस्त से मिलने जा रहे थे और रास्ते में जवाहर लाल नेहरू के निधन की खबर आई। ट्रेन के डिब्बे में सब रो रहे थे। इसी हालात को देखकर उन्होंने फिल्म नौनिहाल बनायी। फिल्म नौनिहाल में संजीव कुमार ने मुख्य भूमिका निभायी थी। सावन कुमार ने इस फिल्म से संजीव कुमार को मौका दिया और उनका नाम हरी भाई जरीवाला से संजीव कुमार किया वर्ष 1972 में सावन कुमार ने मीना कुमारी को लेकर फिल्म गोमती के किनारे निर्देशित की। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस हिट साबित हुई। इसके बाद सावन कुमार ने ‘हवस’, ‘अब क्या होगा’ और ‘साजन बिना सुहागन’ जैसी हिट फिल्में बनायी। वर्ष 1983 में सावन कुमार ने राजेश खन्ना, पदमिनी कोल्हापुरी और टीना मुनीम को लेकर फिल्म सौतन बनायी। सौतन बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुयी। सौतन की सफलता के बाद सावन कुमार ने सौतन की बेटी और सनम बेवफा जैसी सुपरहिट फिल्में बनायी। सावन कुमार ने अपनी फिल्मों के लिये गीत भी लिखे। वर्ष 2006 में प्रदर्शित सावन द लव सीजन ,सावन कुमार के करियर की अंतिम फिल्म थी।
गुरुवार, 25 अगस्त 2022
फिल्मकार नहीं अभिनेता बनना चाहते थे सावन कुमार
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