बैडमिंटन में सिंधु, लक्ष्य, सात्विकसाईराज-चिराग बने चैंपियन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 8 अगस्त 2022

बैडमिंटन में सिंधु, लक्ष्य, सात्विकसाईराज-चिराग बने चैंपियन

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बर्मिंघम, 08 अगस्त, भारत की बैडमिंटन स्टार पुसरला वेंकट सिंधु और युवा सनसनी लक्ष्य सेन ने राष्ट्रमंडल खेल 2022 में सोमवार को महिला और पुरुष एकल स्वर्ण जीते, जबकि सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने पुरुष युगल स्वर्ण हासिल किया। सिंधु ने कनाडा की मिशेल ली को 2-0 से हराकर पहली बार महिला एकल का राष्ट्रमंडल स्वर्ण पदक अपने नाम किया। भारतीय शटलर ने ग्लासगो 2014 खेलों की गोल्ड मेडलिस्ट मिशेल को 21-15, 21-13 से मात दी। 20 वर्षीय लक्ष्य ने पहला गेम हारने के बाद शानदार वापसी करते हुए योंग को 19-21, 21-9, 21-16 से मात दी। सात्विकसाईराज और चिराग ने इंग्लैंड के बेन लेन और शॉन वेंडी को 21-15, 21-13 से पराजित किया। रियो 2016 की सिल्वर मेडलिस्ट सिंधु जब कोर्ट में आयीं तो उनके बाएं पैर में बैंडेज बंधी हुई थी, लेकिन यह उनके खेल को जरा भी प्रभावित नहीं कर पाया। पहले गेम में उन्हें मिशेल की ओर से चुनौती मिली, लेकिन दूसरे गेम में कनाडाई खिलाड़ी की अप्रत्याशित गलतियों ने सिंधु के लिये जीत का रास्ता आसान कर दिया। इससे पहले सिंधु ने ग्लासगो 2014 खेलों में कांस्य और गोल्डकोस्ट 2018 खेलों में रजत जीता था, और इस जीत के साथ सिंधु ने राष्ट्रमंडल पदकों का सेट पूरा कर लिया है। वह गोल्डकोस्ट 2018 में स्वर्ण जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थीं, लेकिन महिला एकल में उन्होंने पहली बार सोना जीता है। दूसरी ओर, लक्ष्य ने पुरुष एकल मैच में मलेशिया के एनजी ट्ज़े योंग को 2-1 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा ले रहे 20 वर्षीय लक्ष्य ने पहला गेम हारने के बाद शानदार वापसी करते हुए योंग को 19-21, 21-9, 21-16 से मात दी। पहला गेम हारने के बावजूद लक्ष्य पर दबाव नहीं आया, और उन्होंने आक्रामक खेल दिखाते हुए अपना पहला राष्ट्रमंडल स्वर्ण जीता। इससे पहले लक्ष्य एशियाई जूनियर चैंपियनशिप 2018 में स्वर्ण जीता था। इसके अलावा वह थॉमस कप 2022 जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी थे। इसी बीच, सात्विकसाईराज और चिराग ने इंग्लैंड के बेन लेन और शॉन वेंडी को 2-0 के सीधे गेमों में हराकर राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय पुरुष युगल जोड़ी बनने का तमगा अपने नाम किया। भारतीय जोड़ी ने स्वर्ण पदक जीतने के लिये फाइनल मैच में लेन-वेंडी को 21-15, 21-13 के सीधे गेमों में हराया।

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