यह कदम सदन की स्थापित परंपरा के साथ-साथ नियम विरुद्ध कार्रवाई थी एवं आसन का अपमान भी था। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा हमेशा लोकतांत्रिक मर्यादा का पालन करती रही है। हमें मालूम है कि विधानसभा में बहुमत नहीं है। इसलिए हमने बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी नहीं उतारा। जबकि यह लोग ऐसे अवसर पर हमेशा अपना स्वभाव और चरित्र उजागर करते रहे हैं। श्री सिन्हा ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव द्वारा जांच एजेंसी की खिल्ली उड़ाने की भी निंदा की। कहा कि इन्हें न तो कानून के प्रति श्रद्धा है और न ही जांच एजेंसियों पर भरोसा है। इन्हें तो बस सिर्फ अपनी मनमानी करनी है। किसी भी व्यक्ति और संस्था द्वारा जांच एजेंसियों और संस्थाओं को कटघरे में खड़ा करना अलोकतांत्रिक व्यवहार की श्रेणी में आता है। इन्हें न तो कानून में विश्वास है और न लोकतांत्रिक मर्यादा का ख्याल है। इनकी कैबिनेट में 72 प्रतिशत दागी हैं। मुख्यमंत्री की तो जीरो टॉलरेंस की नीति की हवा निकल गई है।
पटना: स्पीकर के रूप में नीतीश कुमार की नींद हराम करने वाले विजय सिन्हा अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चुने जाने के बाद भी उन्हें सांस नहीं लेने देने वाले। आज उन्होंने सीएम नीतीश पर तगड़ा अटैक करते हुए उन्हें जानादेश का अपमान करने वाला बताया। कहा कि नीतीश के जीरो टॉलरेंस की हवा निकल गई है। उनकी महागठबंधन सरकार 2020 के विधानसभा चुनाव में प्राप्त जनादेश का अपमान कर बनाई गई। इससे बिहार की लोकतांत्रिक विरासत शर्मसार हुई है। यही नहीं यह सरकार पिछली विधानसभा के षष्टम सत्र में निर्धारित कार्यसूची में बदलाव निर्धारित नियम एवं प्रावधानों अनदेखी कर सत्ता में आई है जो गलत है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद पर रहते हुए मेरे द्वारा सदन संचालन हेतु कार्य सूची निर्धारित की गई थी। उसमें अध्यक्ष के प्रारंभिक संबोधन के बाद बिहार विधानसभा की समितियों के प्रतिवेदन को सभा के समक्ष रखा जाना था। लेकिन सभा सचिवालय द्वारा रात्रि में इस क्रम को बिना किसी आदेश के बदलकर नियमों को गलत तरीके से खुद से व्याख्या करते हुए गैर सरकारी कार्य को भी सरकारी बताकर कार्य सूची में फेरबदल किया गया।
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