मुंबई : देश के श्रेष्ट आपराधिक वकीलों में गिने जाने वाले उज्ज्वल निकम को कनाडा के नागरिक डॉ आशा गोयल की हत्या के मामले में विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त किया गया है। मुंबई में करीब दो दशक पहले तब उनकी हत्या हो गई थी जब वो पारिवारिक संपत्ति विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रही थीं। उज्ज्वल निकम की नियुक्ति केस के पिछले वकील अवधूत चिमालकर के इस्तीफे के बाद हुई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध आपराधिक कानून विशेषज्ञ उज्ज्वल निकम ने देश में लगभग 40 अपराधियों को मृत्यु दंड और 300 से अधिक अपराधियों को आजीवन कारावास दिलवाया है। 24 अगस्त को मुंबई सत्र न्यायालय के न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई के लिए जाने वाले अभियोजन पक्ष के मामले का वो नेतृत्व करेंगे। डॉ. आशा गोयल की हत्या के मामले में विशेष लोक अभियोजक के रूप में उनकी नियुक्ति की घोषणा 10 अगस्त 2022 को महाराष्ट्र के लॉ एंड जस्टिस डिपार्टमेंट के द्वारा की गई थी। इस मामले की सुनवाई लंबे समय से प्रतीक्षित थी, और इसमें पहले भी कई बार देरी हो चुकी है। इससे पहले उज्ज्वल निकम ने देश के हाई-प्रोफाइल हत्या, सामूहिक बलात्कार और आतंकवाद संबंधी मामलों में अभियोजन पक्ष का सफल नेतृत्व किया है। इन मामलों में 2008 का मुंबई हमला भी शामिल है। कनाडा के ऑरेंजविले ओन्ट्स की रहने वाली 62 वर्षीय डॉ. गोयल की हत्या 2003 के अगस्त में मुंबई के मालाबार हिल्स में किराए के हत्यारों द्वारा करायी गई थी। डॉ. गोयल की लाश पड़ोस में उसके रिश्तेदार के घर में मिली थी।किराए के हत्यारों द्वारा मार डाला गया था। अपने कैरियर के 40 साल के दौरान डॉ. गोयल सस्कैचवान में काम करने के साथ कनाडा में 10, 000 से अधिक बच्चों की डिलीवरी करवाई। डॉ. गोयल हत्या मामले के जांचकर्ता बताते हैं कि डॉ. गोयल अपने भाई सुरेश अग्रवाल से मिलने मुंबई आई थी। उसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी। बताया जाता है कि सुरेश अग्रवाल ने 12 मिलियन डॉलर की विवादित संपत्ति को लेकर टोरंटो निवासी अपने भाई सुभाष अग्रवाल के साथ मिलकर अपनी बहन की हत्या करने की साजिश रची। सुरेश की मृत्यु हो गई है। लेकिन कनाडा का रहने वाला सुभाष अग्रवाल इंटरपोल रेड नोटिस बावजूद टोरंटो में रह रहा है। वह अभी भी भारत में वांछित आरोपी है। उसने अपनी बहन की हत्या में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है। मुंबई पुलिस ने चार अन्य को भी गिरफ्तार किया और उन पर हत्या का आरोप लगाया। इनमें से तीन प्रदीप परब, पवनकुमार गोयनका और मनोहर शिंदे अग्रवाल बंधुओं के कर्मचारी थे, और चौथा नरेंद्र गोयल, सुरेश अग्रवाल का दामाद है। शिंदे की भी मौत हो चुकी है। प्रदीप परब पुलिस को अपना इकबालिया बयान देकर राज्य का गवाह बन गया है। जबकि पवनकुमार गोयनका और नरेंद्र गोयल इस सप्ताह अदालत में पेश हुए हैं। प्रदीप परब ने अपने इकबालिया बयान में इस मामले में विभिन्न अभियुक्तों की भूमिकाओं का विस्तार से वर्णन किया है और कहा है कि डॉ. गोयल को मारने में मदद करने के लिए उन्हें लगभग 150 डालर का भुगतान किया जाना था। विशेष लोक अभियोजक के रूप में उज्जवल निकम की नियुक्ति पर डॉ आशा गोयल और डॉ सदन गोयल के बेटे और बेटी संजय गोयल और रश्मि गोयल ने न्याय पाने के लिए हमारी 19 साल की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है।
गुरुवार, 25 अगस्त 2022
डॉ. आशा गोयल हत्याकांड के विशेष लोक अभियोजक बने उज्ज्वल निकम
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें