बेंगलुरु,13 अगस्त, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि देश के हर नागरिक को मूलभूत सुविधाएं मिलनी ही चाहिए और इसके लिए उसे किसी का एहसानमंद होने की जरूरत नहीं है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि वर्तमान सरकार का प्रयास है कि योजनाओं का लाभ एक-एक व्यक्ति तक पहुंचे और कोई जरूरतमंद उससे वंचित न रह जाए। वित्त मंत्री कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी के आर्थिक प्रकोष्ठ के मासिक विश्लेषण के 100वें संस्करण का बेंगलुरु में विमोचन कर रही थी। उन्होंने कहा, “हर भारतीय का अधिकार है कि उसे बुनियादी सुविधाएं प्राप्त हों और इसके लिए किसी का कृतज्ञ होने की जरूरत ना पड़े। ” उन्होंने कहा, “ हमारी सोच योजनाओं का लाभ एक-एक जरुरतमंद तक पहुंचाकर लोगों को अधिकार संपन्न करना है न कि जनता को केवल लाभ का पात्र बनाकर उसके इंतजार के लिए छोड़ना है। ” वित्तमंत्री ने कहा,'आप कोई योजना शुरू करते हो। वह योजना कुछ लोगों तक पहुंचती है, लेकिन उससे बहुत ज्यादा लोग हैं उसके पात्र हैं। क्या आप उन सब तक पहुंच पा रहे हैं। यदि आप सभी पात्र लोगों तक योजना को पहुंचाने में सफल हैं तो आप पूर्ण संतुष्टि की स्थिति में पहुंचते हैं। ” उन्होंने कहा कि पिछले 75 वर्षों में देश में बहुत सी सरकारें बनी जिन्होंने गरीबी हटाने, लोगों की जेब में आमदनी पहुंचाने की दावें करती रहीं। इसके लिए बीस सूत्रीय कार्यक्रम चलाए गए। गरीबी दूर करने, लोगों को पेयजल और मकान जैसी बुनियादी सुविधाएं सुलभ कराने के प्रयास होते रहे। ये योजनाएं 75 साल से चल रही थी। श्रीमती सीतारमण ने कहा,' वर्ष 2014 से अब तक और उससे पहले स्थिति में फर्क क्या है। फर्क यह है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमने हर मामले में लक्ष्य की संपूर्णता को प्राप्त किया है। इसका अर्थ है कि हर व्यक्ति जो लाभ का पात्र है उसे वह लाभ मिले। यह हम सुनिश्चित करते हैं। लोगों ने इसको महसूस किया है। पहले के आंकड़ों और अब के आंकड़ों में यह फर्क साफ दिखता है। मैं इस संबंध में आंकड़े पर आंकड़े दे सकती हूं। ” उन्होंंने कहा कि हर जरुरतमंद तक बुनियादी सुविधाओं के पहुंचने का अर्थ ही है सशक्तीकरण। इन सुविधाओं को प्राप्त कर लेने के बाद व्यक्ति और बेहतर जीवन की उम्मीद कर सकता है। उसके बाद उसे अपने परिवार के सदस्यों की अन्य जरुरतों के बारे में सोचने की शक्ति मिलती है और इस तरह से लोगों में सशक्तिकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि जब आप यह तय करने लगते हो कि किस-किस को घर मिलेगा, किसको पैसा मिलेगा तो आप उसको एकतरह से अपने एहसान तले रखना चाहते हैं और ऐसे में लोगों का सशक्तिकरण नहीं हो पाता है। लोगों को बुनियादी सुविधाओं की चिंता खत्म हो जाए तो वे अपने परिवार की आगे की जरुरतों की चिंता शुरू कर सकता है। उल्लेखनीय है कि श्रीमती सीतारमण ने पिछले दिनों कहा था कि कल्याणकारी योजनाओं और मुफ्त की रेवड़ी में फर्क है। गरीबों और जरुरतमंदों को शिक्षा और स्वास्थ्य उपलब्ध कराना सरकारों का लक्ष्य रहा है लेकिन विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने विभिन्न पार्टियों द्वारा चुनाव से पहले मुफ्त बिजली और सब्सिडी देने की घोषणा को लेकर चिंता व्यक्त की है। प्रधानमंत्री ने इससे पहले विभिन्न पार्टियों की मुफ्त की रेवड़ी की नीति की आलोचना की थी और कहा था कि यह सरकारों की वित्तीय स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक नहीं है। वित्तमंत्री सीतारमण ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसे नेता मुफ्त की रेवड़ी की नीति के प्रति सावधान किए जाने वाली बात को गरीबों के खिलाफ बताकर इस मुद्दे पर बहस को विकृत रूप दे रहे हैं।
शनिवार, 13 अगस्त 2022
हमारी नीति है योजना का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचाने की : सीतारमण
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें