- दी विधिक जानकारियां एवं स्थाई लोक अदालत के बारे में बताया
प्रतापगढ़, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर - राज. के निर्देशानुसार प्राधिकरण द्वारा आम जन में विधिक जागरूकता का संचार करने के उद्धेश्य से निरन्तर रूप से गांव-ढाणी, आम चौराहों आदि विभिन्न स्थानों पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रतापगढ़ द्वारा विधिक जागरूकता कार्यक्रमों, शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसी उद्धेश्य से आज शनीवार को ग्राम सुहागपुरा में प्राधिकरण सचिव (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) शिवप्रसाद तम्बोली द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। ग्राम सुहागपुरा में अटल सेवा केन्द्र पर शिविर का आयोजन करते हुए प्राधिकरण सचिव ने उपस्थित आम जन को सम्बोधित करते हुए सर्वप्रथम ‘‘घर-घर तिरंगा’’ अभियान के बारे में बताया और सभी से अपने राष्ट्र के सम्मान मेें अपने-अपने घरों पर तिरंगा फहराने की अपील की तथा तिरंगे का सम्मान करने हेतु कहा। आयोजित शिविर मेें आमजन, ग्रामीण जन, काश्तकारों के साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी उपस्थित रहीं। जिन्हें सम्बोधित करते हुए विभिन्न सामान्य विधिक जानकारियां प्रदान कीं। काश्तकारों को कृषि के उन्नतिकरण के संबंध में जानकारियां प्रदान की, जिससे कि वे अपनी कृषि की लागत कम करते हुए अधिक मुनाफा प्राप्त कर सके और उन्नत कृषि कर सकें। जिसके तहत देशी कीटनाशक के उपयोग करने की सलाह देते हुए निर्माण करने के तरीके के बारे में समझाया। काश्तकारों को नियमित रूप से मृदा परीक्षण अवश्य करवाना चाहिये, जिससे उत्तम खेती की जा सके और अच्छी फसल प्राप्त कर अपनी आमदनी में ईजाफा हो सके। काश्तकारों को औषधीय महत्व के पौधों की कृषि करनी चाहिये। जिससे भी वे अधिक मुनाफा कमा सकते है। रासायनिक कीटनाशक के दुष्प्रभावों की जानकारी दी। इसी के साथ प्रतापगढ़ स्थित बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान की जानकारी देते हुए बताया कि उक्त संस्थान केन्द्र सरकार द्वारा संचालित होेकर पूर्णतया निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करता है, जैसे पापड़ उद्योग हेतु प्रशिक्षण, सिलाई प्रशिक्षण, अगरबत्ती बनाना आदि। दौराने शिविर प्राधिकरण सचिव ने सामान्य कानूनी जानकारियां प्रदान करते हुए बाल विवाह निषेध कानून, लिंग परीक्षण निषेध कानून, डाकन प्रथा आदि के बारे में बताया। टीएसपी एरिया के एस.सी./एस.टी. के लोगों के कानूनी अधिकारों के बारे में बताया तथा राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा सरकार द्वारा उनके कल्याणार्थ जारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। जन्म मृत्यु पंजीयन की अनिवार्यता के बारे में बताया। सचिव श्री तम्बोली ने कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों हेतु सरकार द्वारा संचालित पालनहार योजना के बारे में जानकारी दी। ड्रॉप-आऊट बच्चों, जो कि अपनी शिक्षा बीच में ही छोड़ चुके हैं, ऐसे बच्चों को पुनः शिक्षा से जोड़ने हेतु अपील की। इसके लिये संबंधित विद्यालय मेें सम्पर्क किया जा सकता है तथा प्राधिकरण से भी सम्पर्क किया जा सकता है। जिला स्थाई लोक अदालत की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि समस्त प्रकार के जन उपयोगी मामलों की सुनवाई स्थाई लोक अदालत में की जाती है। जिसमेें बैंक सेवा, बीमा सेवा, विद्युत विभाग, जलदाय विभाग, लोक निर्माण विभाग, एलपीजी गैस सप्लाई, परिवहन विभाग आदि विभागों के संबंध में यदि कोई भी विवाद हो अथवा आम जन को परेशानी हो तो ऐसे व्यक्ति को स्थाई लोक अदालत में कार्यवाही करनी चाहिये। स्थाई लोक अदालत प्रकरण की सुनवाई करते हुए 60 से 90 दिवस के अन्दर निस्तारण कर दिया जाता है। इसकी डिक्री सिविल न्यायालय की डिक्री के समान होती है, जिसके विरूद्ध अपील नहीं की जा सकती है।
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