नयी दिल्ली, 20 अगस्त, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली में शराब के ठेकों के आवंटन में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की धांधली को लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर जोरदार हमला बाेलते हुए कहा कि आम आदमी सरकार ने नयी आबकारी नीति तब वापस ली जब उसमें भ्रष्टाचार सार्वजनिक हो गया। भाजपा ने कहा है कि इस नीति में नौ हजार करोड़ रुपये राजस्व का दावा किया गया था लेकिन सरकार को मिले केवल 1400 करोड़ रुपये जबकि इसी दौरान ह्विस्की और वाइन की बिक्री में 60 से लेकर 80 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई। पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुराग ठाकुर, दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता और पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पार्टी मुख्यालय पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में नयी आबाकारी नीति को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के समक्ष कई सवाल खड़े करते हुए कहा कि वे इन सवालों से भाग रहे हैं, पर कानून उनका पीछा नहीं छोड़ेगा। श्री ठाकुर ने इस प्रकरण में दिल्ली सरकार के आचरण को ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’ दिखने पर चोर द्वारा दाढ़ी मुड़वा लेने’ जैसा बताते हुए कहा कि जब शराब के ठेके देने में दिल्ली सरकार का भ्रष्टाचार दिख गया तो श्री सिसोदिया और श्री केजरीवाल ने नीति वापस लेली।
सवाल है कि दिल्ली की शराब नीति शराब माफिया ने बनायी थी या दिल्ली की सरकार ने इसे शराब माफिया के लिए बनायी। श्री ठाकुर ने कहा कि पंजाब के चुनाव के पहले दिल्ली में नयी शराब की नीति का आना बहुत कुछ कहता है। उन्होंने क्रिकेट की शब्दावली का उपयोग करते हुए कहा, “ इससे भ्रष्टाचार में एक के बाद एक विकेट गिर रहे हैं। ” दिल्ली से पंजाब तक आप सरकार के भ्रष्टाचार को बोलबाला दिखने लगा है। श्री ठाकुर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री से सवाल किया कि आबकारी नीति में जब यह मनाही थी कि शराब बनाने वाली कंपनियों को दिल्ली में खुदरा दुकान चलाने का लाइसेंस नहीं दिया जा सकता तो इस शर्त का उल्लंघन कर ऐसी कंपनियों को ठेके क्यों दिए गए? कार्टेल कंपनियों को शराब बेचने का ठेका क्यों दिया? आप यह भी बताएं कि इंडोस्प्रिट जैसी ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को ठेका दिया कि नहीं दिया? दिल्ली के ही आबकारी विभाग ने जब 25 अक्टूबर को ब्लैक लिस्टेड कंपनियों और बाकी कंपनियों को नोटिस दिया था तो उस पर आप सरकार ने क्या कार्रवाई की? श्री ठाकुर ने कहा, “ दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार न केवल रेवड़ी की सरकार है बल्कि बेवड़ी सरकार भी है।” उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा था कि उनका कोविड से कोई लेना-देना नहीं है तो शराब माफिया से उनका क्या लेना-देना है? श्री ठाकुर ने कहा कि सवाल यह भी कि उनकी सरकार ने मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बिना शराब माफिया को 144 करोड़ रुपए क्यों वापस किए? किसके कहने पर वापस किए गए? क्या यह केवल श्री सिसोदिया का निर्णय था,या इसमें श्री केजरीवाल भी शामिल थे? उन्होंने कहा कि देश और दिल्ली सरकार का पैसा शराब व्यापारियों को क्यों दिया गया, इसका जवाब श्री केजरीवाल को देना ही होगा। न्यूयार्क टाइम्स अखबार में दिल्ली के स्कूलों की तारीफ वाली खबर को ढाल बनाए जाने की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा शराब घोटाले को अन्य बातों से नहीं ढका जा सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि आप के नेता सवालों और सच्चायी से भागते हैं? श्री सिसोदिया आज मीडिया के सवालों से भाग रहे थे। श्री केजरीवाल और सिसोदिया को जनता से भी भागना पड़ेगा। श्री ठाकुर ने यह भी पूछा कि ठेकों के लिए बोली लगाने 30 करोड़ रुपये ईएमडी (अर्नेट मनी) क्यों वापस की गयी , इसमें से कितना पैसा आप के पाकेट में गया? केंद्रीय मंत्री श्री ठाकुर ने कहा, “श्री केजरीवाल को खुली चुनौती है कि वे मीडिया के सामने आकर इन सवालों का जवाब दें। आप सीबीआई के सवालों के जवाब नहीं दे पा रहे हैं और आप मीडिया के सवालों का सामना भी नहीं कर पा रहे हैं। ” उन्होंने यह भी पूछा कि आप सरकार ने शराब के दुकानदारों के कमीशन दो प्रतिशत से बढ़ा कर 12 प्रतिशत क्यों किए? उन्हें लाइसेंस के ठेके में शामिल बिचौलियों के साथ आपने रिश्तों का भी जवाब देने होंगे। श्री ठाकुर ने कहा अरविंद केजरीवाल भष्टाचार के सरगना है और श्री मनीष सिसोदिया का नया नाम है ‘मनी-षष्।” इनका धंधा है “कमाई करो और चुप रहो’ घोटाले करो जनता से मुंह चुरावो, महिला पत्रकार को टेढ़े सवाल पर उसको धमकाओं।” यह निंदनीय है।
श्री गुप्ता ने कहा कि श्री केजरीवाल ने अन्ना आंदोलन के समय अपनी जो ‘स्वराज’ पुस्तक बांटी थी उसमें शराब की दुकानों के विस्तार का विरोध किया गया है, पर उसे भुला कर उन्होंने राजधानी में शराब की दुकानों का जाल तीन गुना कर दिया। उन्होंने कहा कि आप के लोगों ने जब नयी आबकारी नीति पेश की थी तो उसकी तारीफ करते थकते नहीं थे। इक्कीस नवंबर 2021 को जब यह नीति घोषित की गयी थी, तो पत्रकारों ने इसकी जरूरत के बारे में पूछा तो, यह नीति दिल्ली में शराब के समान वितरण में उपयोगी होगी। श्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की आप सरकार को जनता को साफ पानी, सीवरेज और परिवहन व्यवस्था के समान वितरण की चिंता नहीं थी। दिल्ली के युवाओं को शराब की लत में कैसे झोंका जाए, इसकी चिंता उन्हें जरूर थी। उन्होंने सवाल किया कि पहले दिल्ली में 21 ड्राई डे थे। आजादी के बाद पहली बार किसी राज्य ने ड्राई डे (शराब बिक्री बंद रखने) के दिनों की संख्या घटा कर तीन किया। दिल्ली में गुरुगोविंद जयंती, होली, दिवाली, राम नवमी, मोहर्रम जैसे पर्वों पर शराब बंदी को खत्म कर दिया। यह नयी शराब नीति की घोषणा के बाद किया गया। बीयर पर आयात शुल्क 50 रुपया घटाया गया। यह बिल्कुल गैर कानूनी था। उन्होंने कहा कि दिल्ली में ढाई सौ ठेकों को बढ़ाकर साढ़े आठ सौ कर दिया था। यह काम नयी शराब नीति की घोषणा के बाद किया गया और मंदिर, विद्यालय तथा नान कन्फर्मिंग जोन तक में शराब की दुकानों के लाइसेंस दिए गए। जब महिलाएं अपने इलाकों में शराब की दुकानों का विरोध कर रही थीं तो बाउंसरों से पिटवाया गया। श्री केजरीवाल और श्री सिसौदिया को इन घटनाओं पर मुंह नहीं खोलना था। उनकी चिंता केवल शराब माफिया को फायदा पहुंचाने की थी। श्री गुप्ता ने कहा कि जब तक आप सरकार को शराब नीति वापस लेने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ा था, तब तक श्री सिसोदिया और श्री केजरीवाल इसे फायदे की नीति बता रहे थे और अब अपनी बात बदल रहे हैं। प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि आप सरकार शराब हित के लिए काम करने को प्रसिद्ध हो गयी है। स्कूल और धर्मस्थलों के सामने शराब की दुकानें खुलने पर महिलाएं अपने बच्चों के भविष्य के लिए रो रहीं थी। उन महिलाओं की हाय इस सरकार को लगी है। श्री तिवारी ने कहा, “ पहले सिसोदिया का कहना था कि यह बेस्ट आबकारी पालिसी है। गड़बड़ी सामने आयी तो कहना शुरू कर दिया कि इसे तो एलजी साहब लाए थे और जैसे जांच शुरू होते है नीति वापस ले ली। अब फिर मनीष सिसौदिया का यह कहना कि यह सबसे अच्छी नीति है। ” श्री तिवारी ने सवाल किया,“ यदि ऐसा है तो दिल्ली सरकार को इससे 9500 करोड़ रुपये के राजस्व होने के दावों के समक्ष केवल 1400 करोड़ रुपये का राजस्व ही क्यों मिला? दिल्ली में ह्विस्की वाइन की बिक्री 60 से 80 प्रतिशित बढ़ी तो राजस्व क्यों कम हुआ। 8100 करोड़ रुपये का राजस्व कहां गया?” उन्होंने कहा कि श्री सिसौदिया और श्री केजरीवाल इस मुद्दे को भटकाना चाहते हैं लेकिन अपराध करने वाले कानून से बच नहीं सकते।
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