- जिलाधिकारी ने जिले में धान की रोपनी, डीजल अनुदान, खाद की उपलब्धता, नहरों में पानी की स्थिति ,नलकूपों की स्थिति, कृषि फीडर से बिजली की उपलब्धता, वैकल्पिक कृषि योजना,वर्षा पात की अद्यतन स्थिति आदि को लेकर की दी विस्तृत जानकारी।
मधुबनी, कृषि मंत्री, बिहार श्री सुधाकर सिंह की अध्यक्षता में अनियमित मानसून एवं कम वर्षापात के कारण संभावित सुखाड़ एवं उससे उत्पन्न होने वाली स्थितियों से निपटने हेतु मधुबनी सहित सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठक आयोजित की गई। जिला पदाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने समाहरणालय स्थित विडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष से उक्त समीक्षा बैठक में भाग लिया। बैठक में राज्य में इस वर्ष औसत वर्षापात से भी कम वर्षा होने से उत्पन्न स्थितियों की समीक्षा के क्रम में सिंचाई के लिए वर्षा के अतिरिक्त वैकल्पिक व्यवस्था तथा उर्वरक एवं बीज की उपलब्धता पर व्यापक समीक्षा की गई। समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा जिले रोपनी के आच्छादन और फसल बुआई की जानकारी दी गई और जिले में उर्वरक के रैक प्वाइंट की आवश्यकता पर माननीय मंत्री जी का ध्यान आकृष्ट किया गया। उन्होंने किसानों के हित में जिले के लिए उर्वरक की और आपूर्ति की आवश्यकता पर बल दिया। जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के श्रमशील किसानों के अनवरत प्रयत्न से और नहर में जल संचरण तथा बिजली से पटवन जैसे उपायों से जिले में 89% कृषि योग्य भूमि पर रोपनी का कार्य संपन्न कर लिया गया है। शेष भूमि जिसपर अभी भी रोपनी नहीं हो सकी है, के लिए उपयुक्त फसल के निःशुल्क वितरण हेतु विभाग से बीज की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि जुलाई माह में 61 प्रतिशत एवम अगस्त माह में अभी तक लगभग 60 प्रतिशत वर्षापात कम हुई है । जिलाधिकारी ने बताया है कि निजी बोरवेल से पटवन करने वाले 5692 किसानों ने डीजल अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। सभी योग्य लाभुकों के आवेदन स्वीकार कर लिए गए हैं। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि बोरवेल के अतिरिक्त भी नजदीकी नहर/ जल श्रोत से पानी हासिल करके सिंचाई का कार्य करने वाले किसानों को भी डीजल अनुदान का लाभ दिया जाएगा। यदि किसी किसान का आवेदन अस्वीकृत किया गया है तो वे पुनः सही तरीके से उपयुक्त वाउचर के साथ अपील या पुनः आवेदन कर सकते हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि अभी तक रोपनी से अनाच्छादित रहने वाले कृषि योग्य भूमि के लिए बीज आवंटित होते ही उपयुक्त बीज की आवश्यकता अनुसार वितरण सुनिश्चित किया जाए। बीज का वितरण प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर पूरी पारदर्शिता के साथ करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि कार्यपालक अभियंता, विद्युत को पूरी क्षमता से कृषि फीडर में विद्युत आपूर्ति करने के निर्देश दिया गया हैं। जिला कृषि पदाधिकारी को प्रखंड और पंचायत स्तर पर उर्वरक की उपलब्धता सहित सिंचाई व बीज की आवश्यकता हेतु लगातार मॉनिटरिंग करने का भी निर्देश दिए हैं। अपेक्षा के अनुरूप कार्य नहीं करने वाले कृषि समन्वयक व प्रखंड कृषि पदाधिकारी पर वेतन स्थगित करते हुए कड़ी चेतावनी दी गई है। साथ ही बॉर्डर एरिया में उर्वरक के कालाबाजारी करने वालों पर सख्ती बरतने के निर्देश भी दिए गए हैं।
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