बिहार : सत्ता से भाजपा की बेदखली पूरे देश के लिए सकारात्मक घटना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 13 अगस्त 2022

बिहार : सत्ता से भाजपा की बेदखली पूरे देश के लिए सकारात्मक घटना

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भाजपाई साजिश व आपदा से देश को मुक्ति दिलाने की दिशा में बिहार में गैरभाजपा सरकार का गठन एक सकारात्मक कदम संविधान व लोकतंत्र पर हमले के खिलाफ संघर्षशील ताकतों के लिए नई उम्मीद पैदा हुई है. भाकपा-माले नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी, लेकिन सरकार को पुरजोर समर्थन. भाजपा शासन में नागरिक समाज व न्यायपूर्ण आंदोलनों के दमन की जो दिशा ली गई है, हम उम्मीद करते हैं कि बिहार की नई सरकार उसके खिलाफ सकारात्मक रूख के साथ आगे बढ़ेगी. हमारी पार्टी नागरिक समाज व सरकार के बीच एक सार्थक संवाद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी. भाजपा द्वारा बिहार को उन्माद-उत्पात की प्रयोगशाला बना देने की साजिशों के खिलाफ राज्य सरकार प्रभावी प्रशासनिक व विधायी कदम उठाये. एपीएमसी ऐक्ट पुनबर्हाल किया जाए. राज्यपाल के जरिए भाजपा ने विश्वविद्यालयों को लूट-खसोट का अड्डा बना दिया है. कुलाधिपति की भूमिका को सीमित करते हुए नई सरकार को शिक्षा व्यवस्था में सुधार व बदलाव के लिए मुकम्मल कार्ययोजना बनानी चाहिए. पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की मुहिम तेज करने की जरूरत हैं. भूमि सुधार व शिक्षा आयोग की रिपोर्ट लागू हो. भूमिहीन गरीबों के बीच जमीन के आवंटन, बटाईदार किसानां के पंजीकरण सहित कृषि विकास के सारे साधन उपलब्ध कराने की गारंटी, कदवन जलाशय के निर्माण तथा सोन व अन्य नहर-पईन प्रणालियों को ठीक करने की दिशा में तत्काल ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है. सभी रिक्त पदों पर बहाली हो, 19 लाख रोजगार का वादा पूरा किया जाए. बिहार में कार्यरत आशा-फैसिलिटेटर, रसोईया, आंगनबाड़ी कर्मियों और तमाम स्कीम वर्करों को जीने लायक सम्मानजनक मासिक मानदेय की गारंटी की जानी चाहिए. अल्पसंख्यक, महिला, एससी-एसटी, मानवाधिकार व अन्य आयोगों को तत्काल पुनर्गठित करने की जरूरत भी बिहार की जनता महसूस कर रही है. शराब माफियाओं पर कार्रवाई की जाए. कानून के तहत जेलों में बद लोगों को रिहा किया जाए, पुनर्वास किए जाने की जरूरत है. अग्निपथ, एनटीपीसी, अन्य रोजगार आंदोलन सहित राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं व आंदोलनां के क्रम में थोपे गए सभी मुकदमों वापस लिए जाएं. बुलडोजर राज पर रोक लगे, नए सर्वे के आधार पर नई वास-आवास नीति बनाई जाए. नई सरकार को इस बात की भी गारंटी करनी चाहिए स्मार्ट सिटी के नाम पर बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए एक भी परिवार का घर न तोड़ा जाए. संवाददता सम्मेलन को माले राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा, राजाराम सिंह, माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, उपनेता सत्यदेव राम, मीना तिवारी,केडी यादव, शशि यादव, अरूण सिंह शामिल थे.

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