पटना 22 अगस्त, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बिहार में सातवें चरण की शिक्षक भर्ती की मांग करने वाले छात्रों पर लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की और आरोप लगाया कि शिक्षक नियुक्ति में विलंब के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीधे जिम्मेदार हैं। पूर्व उप मुख्यमंत्री श्री मोदी ने कहा कि श्री नीतीश कुमार 15 साल से मुख्यमंत्री हैं और शिक्षा विभाग लगातार उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पास रहा इसलिए उन्हें अपनी नाकामी स्वीकार करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों की जायज मांग को अविलंब पूरा करने के बजाय नीतीश सरकार ने नौकरी मांगने वाले छात्रों की पिटाई करायी। जिस एडीएम ने यह बर्बरता की, उसे निलंबित किया जाना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि कारतूस के प्रेमी नये शिक्षा मंत्री 20 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा करते हैं जबकि शिक्षक की नौकरी मांगने वालों पर डंडे बरसाये जाते हैं। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा कर युवाओं से वोट लिया था लेकिन महागठबंधन सरकार की तीन कैबिनेट बैठकों के बाद भी किसी को नौकरी नहीं मिली। भाजपा सांसद ने पूछा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने घोषणा-पत्र में ‘समान काम-समान वेतन’ का जो वादा किया था, उसका क्या हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार बताये कि किस विभाग में कितनी रिक्तियां हैं और कितने नये पद सृजित किये गए। श्री मोदी ने कहा कि श्री तेजस्वी यादव ने 4.5 लाख रिक्त पदों पर भर्ती करने और 5.5 लाख नये पद सृजित कर सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि अब सत्ता मिलने पर श्री यादव नौकरी की जगह रोजगार की बात कर लोगों को धोखा दे रहे हैं।
सोमवार, 22 अगस्त 2022
बिहार : शिक्षक नियुक्ति में विलंब के लिए नीतीश जिम्मेदार : सुशील मोदी
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