इस्लामाबाद 03 अगस्त, पाकिस्तान में सत्तारूढ गठबंधन के सदस्यों का मानना है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के निषिद्ध फंडिंग मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान के खिलाफ प्रतिबंध लगाया जाए और पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के फैसले को पार्टी के खिलाफ ‘आरोपपत्र’ करार दिया जाए। सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सदस्यों ने कहा है कि ईसीपी का फैसला यह साबित करता है कि पीटीआई की स्थापना के पीछे ‘पाकिस्तान विरोधी ताकतों’ का हाथ था और पार्टी प्रमुख इमरान खान को झूठे, भ्रष्ट, विदेशी एजेंट से लेकर मनी लांड्रिंग करने वाला तक करार दिया गया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि ईसीपी के फैसले ने श्री इमरान खान को झूठे हलफनामे प्रस्तुत करने के लिए झूठा घोषित कर दिया है। जबकि पीपीपी के अध्यक्ष और वेदिश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी के प्रवक्ता ने कहा कि ईसीपी के फैसले ने साबित कर दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री एक भ्रष्ट इंसान हैं और वह शौकत खानम कैंसर अस्पताल के नाम से अपनी राजनीतिक पार्टी चला रहे थे। पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ ने संघीय सरकार से आग्रह किया कि श्री इमरान जनता को ईमानदारी के बारे में बताते रहते थे। उन्होंने कहा,“आज, ईसीपी के फैसले ने दिखा दिया कि उनकी वास्तविकता क्या है। पाकिस्तान के इतिहास में कौन सबसे बड़ा चोर है।” पीटीआई प्रमुख पर भी निशाना साधते हुए पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने कहा कि श्री खान आखिरकार ‘विदेशी एजेंट’ साबित हो गए हैं।
बुधवार, 3 अगस्त 2022
पाकिस्तान सरकार चाहती है इमरान पर प्रतिबंध लगाया जाए
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